Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मेडिकल हब बने गुरुग्राम के सिविल अस्पताल में नहीं कैंसर का इलाज, 9 साल से बंद है वार्ड; परेशान हो रहे मरीज

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Tue, 01 Jul 2025 06:59 AM (IST)

    गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में पिछले 9 सालों से कैंसर वार्ड बंद है जिससे मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। कैंसर जांच की सुविधा तो है पर विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। मरीजों को रोहतक और दिल्ली रेफर किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन विशेषज्ञ की नियुक्ति के प्रयास कर रहा है ताकि कैंसर रोगियों को सही उपचार मिल सके।

    Hero Image
    गुरुग्राम अस्पताल में कैंसर इलाज का अभाव, विशेषज्ञ डॉक्टर का इंतजार

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन इसके बावजूद जिला नागरिक अस्पताल में 9 साल से कैंसर विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है, जिसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। हालांकि नागरिक अस्पताल में कैंसर की जांच की जाती है, लेकिन चिकित्सक ही उपलब्ध नहीं हैं तो कैसे मरीज को उपचार मिल सकेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अगर कैंसर विशेषज्ञ की नियुक्ति हो जाए तो इस बढ़ते कैंसर मरीजों पर अंकुश लगाया जा सकता है। साथ ही गंभीर मरीजों को रोहतक और दिल्ली की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। हाल के वर्षों में दिल्ली- एनसीआर में शहर की नई पहचान मेडिकल हब के रूप में बनी है। यहां एक से बढ़कर एक नामचीन निजी अस्पताल हैं। इन अस्पतालों में सभी प्रकार के विशेषज्ञों और मेडिकल सुविधाएं मौजूद हैं।

    वहीं, सेक्टर-10 स्थित जिला नागरिक अस्पताल में कैंसर मरीजों के उपचार की सुविधा नहीं है। हालांकि अस्पताल में फरवरी 2024 से संचालित हिस्टोपैथोलॉजी लैब में कैंसर की जांच सरकारी दर पर होती है। यहां कैंसर के संदिग्ध मरीजों की बायोप्सी भी की जाती है।

    लैब में माइक्रोस्कोप के जरिए ऊतकों और कोशिकाओं की जांच होती है। इसमें त्वचा, यकृत, गुर्दे सहित शरीर के अन्य अंगों से ऊतक यानी मांस का एक छोटा टुकड़ा जांचा जाता है। इस जांच के बाद ही पता चलता है कि कैंसर किस स्टेज पर पहुंच चुका है।

    कैंसर मरीजों के लिए रेफर सेंटर बन गया अस्पताल

    अस्पताल कई वर्षों से कैंसर रोगियों के सिर्फ रेफर सेंटर तौर पर काम कर रहा है। यहां अलग कैंसर वार्ड और विशेषज्ञ डॉक्टर और सुविधाएं नहीं है। ऐसे में अस्पताल में कैंसर का इलाज कराने आने वाले मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।

    अस्पताल में प्रति माह 10 से 15 मरीजों में कैंसर की पुष्टि होती है। इन मरीजों में ब्रेस्ट कैंसर, मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा होती है। जिन मरीजों में कैंसर की पुष्टि होती है, उन्हें पीजीआई रोहतक या दिल्ली रेफर कर दिया जाता है।

    9 साल से कैंसर विशेषज्ञ की तैनाती का इंतजार

    सेक्टर-10 स्थित जिला नागरिक अस्पताल में 9 साल से कैंसर वार्ड बंद है। तब अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर एसपी भरौत सेवाएं दे रहे थे लेकिन ने मार्च 2016 में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से यहां किसी नए कैंसर विशेष की तैनाती नहीं हुई है।

    अस्पताल प्रबंधन ने कई बार इस संबंध में पत्राचार किया, लेकिन अभी तक स्थिति जस की तस है। वहीं, इलाज की उम्मीद में अस्पताल आने वाले कैंसर मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ता है। कई बार गंभीर कैंसर मरीजों की उपचार के अभाव में हालत तक बिगड़ जाती है।

    जिला नागरिक अस्पताल में कैंसर विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। अस्पताल की हिस्टोपैथोलॉजी लैब में कैंसर की जांच होती है। जांच के बाद किसी मरीज में कैंसर की पुष्टि होने पर उसे पीजीआई रेफर कर दिया जाता है। अस्पताल में कैंसर मरीजों के लिए सुविधाएं मुहैया कराने की कवायद चल रही है। - डॉ. मनीष राठी, डीएमएस, नागरिक अस्पताल