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    NGT ने बंधवाड़ी लैंडफिल केस में मांगी अनुपालना रिपोर्ट, लीचेट प्रबंधन में लापरवाही पर निगम से मांगा जवाब

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 05:28 AM (IST)

    नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बंधवाड़ी लैंडफिल मामले में गुरुग्राम नगर निगम से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। सीपीसीबी की रिपोर्ट में लीचेट रिसाव और कूड़ा फैलने पर एनजीटी ने चिंता जताई है। एनजीटी ने लीचेट प्रबंधन में लापरवाही पर निगम से जवाब तलब किया है जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरा है। निगम का कहना है कि व्यू कटर लगाए गए हैं और लीचेट को एसटीपी भेजा जा रहा है।

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    एनजीटी ने बंधवाड़ी लैंडफिल केस में निगम से मांगी अनुपालना रिपोर्ट।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बृहस्पतिवार को बंधवाड़ी लैंडफिल केस मामले की सुनवाई करते नगर निगम गुरूग्रामसे अनुपालना रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की टीम ने 27 अगस्त को एनजीटी के आदेश पर बंधवाड़ी लैंडफिल का निरीक्षण कर इसकी एक रिपोर्ट एनजीटी में सौंपी थी।

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    सुनवाई के दौरान एनजीटी ने इसकी अनुपालना रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश निगम अधिकारियों को दिए। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने निरीक्षण के दौरान लीचेट रिसाव और लैंडफिल के बाहर फरीदाबाद रोड तक कूड़ा फैलने आदि की एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिस पर अब एनजीटी ने सख्ती बरतते हुए निगम से जवाब मांगा है।

    14 अगस्त को पिछली सुनवाई के दौरान भी एनजीटी ने कहा था कि साइट पर लीचेट प्रबंधन की गंभीर लापरवाही से आसपास के गांवों और जंगल तक गंदा पानी फैल रहा है, जिससे स्वास्थ्य और पर्यावरण पर खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से तीन सप्ताह में रिपोर्ट मांगी थी।

    बता दें कि बंधवाड़ी लैंडफिल में बने कूड़े के पहाड़ और इससे पर्यावरण तथा आसपास के गांवों को हो रहे नुकसान को लेकर एक केस एनजीटी में लंबित है। याचिकाकर्ता पूनम यादव और विवेक कंबोज की याचिकाओं पर बार-बार मामले की सुनवाई हो रही है। अब आगामी सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी।

    200 किलोलीटर लीचेट निकल रहा

    एक रिपोर्ट के अनुसार बंधवाड़ी डंपिंग साइट पर प्रतिदिन लगभग 200 किलोलीटर (केएलडी) लीचेट निकल रहा है, जो वर्षा के दिनों में और ज्यादा बढ़ जाता है। पिछले एक साल से साइट पर कोई गारलैंड ड्रेन (सुरक्षात्मक नाला) नहीं है, जिसके कारण लीचेट गांव की सड़कों और जंगल तक फैल रहा है। यह स्थिति गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन गई है। इस मामले में एनजीटी द्वारा पहले भी लीचेट प्रबंधन करने के आदेश दिए जा चुके हैं।

    व्यू कटर लगाए, ग्रीन बेल्ट की तैयार

    नगर निगम गुरुग्राम के अधिकारियों का कहना है कि कूड़ा लैंडफिल के बाहर से न दिखे और बाहर तक फैले नहीं, इसके लिए व्यू कटर लगाए जा चुके हैं। ग्रीन बेल्ट विकसित की गई है। लीचेट को टैंकरोंं के माध्यम से बहरामपुर एसटीपी में भेजा जा रहा है। नगर निगम के एक्सईएन संदीप सिहाग ने बताया कि एनजीटी द्वारा दिए गए आदेशों का पालन किया जाएगा और 27 अक्टूबर को इस मामले में आगामी सुनवाई होगी।

    2200 टन कूड़ा बंधवाड़ी भेज रहे

    1200 टन कूड़ा गुरुग्राम के घरों से और फरीदाबाद से 900-1000 टन कूड़ा बंधवाड़ी लैंडफिल पर प्रतिदिन भेजा जा रहा है, लेकिन इसके निस्तारण के लिए कोई भी एजेंसी काम नहीं कर रही है। निगम ने हाल ही में 600 टन कूड़ा प्रतिदिन सोनीपत वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भेजने की योजना तैयार की है।

    • 30.43 लाख टन कूड़ा जनवरी 2023 में बंधवाड़ी लैंडफिल पर था।
    • 6.06 लाख टन कूड़ा जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक बंधवाड़ी में पहुंचा।
    • 5.84 लाख टन कूड़ा जनवरी 2024 से 21 नवंबर 2024 तक बंधवाड़ी में पहुंचा।
    • 42.33 लाख टन कूड़ा बंधवाड़ी में डाला गया।
    • 16.50 लाख टन कूड़े का निस्तारण जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक हुआ।
    • 17.16 लाख टन कूड़े का निस्तारण जनवरी 2024 से 21 नवंबर 2024 तक हुआ।
    • 33.66 लाख टन कुल कूड़ा निस्तारण हुआ।
    • 13 लाख टन कूड़ा अभी बंधवाड़ी लैंडफिल पर पड़ा है।