Gurugram News: श्वांस नली में दूध फंसने से हुई थी नवजात की मौत, स्टाफ को क्लीन चिट
गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में नवजात शिशु की मौत की जांच पूरी हो गई है। रिपोर्ट में श्वास नली में दूध फंसने को मौत का कारण बताया गया है और स्टाफ को क्लीन चिट दी गई है। परिवार ने लापरवाही का आरोप लगाया था लेकिन जांच में सामने आया कि गलत तरीके से दूध पिलाने के कारण यह हादसा हुआ। डॉक्टर ने स्टाफ की कोई गलती नहीं बताई।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। नागरिक अस्पताल में बीती सात जुलाई को नवजात बच्चे की मौत के मामले की जांच पूरी हो गई है। जांच के बाद गायनी विंग के स्टाफ को क्लीन चिट दी गई है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से सीएमओ कार्यालय भेजी गई चाइल्ड डेथ रिपोर्ट में नवजात की मौत का कारण श्वांस नली में दूध फंसना बताया गया है।
दौलताबाद गांव निवासी प्राइवेट कर्मचारी बलवंत कुमार की 32 वर्षीय पत्नी शर्मीला गर्भवती थी। पति बलवंत ने प्रसव के लिए पत्नी को नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया था। 6 जुलाई की शाम करीब चार बजे पत्नी शर्मीला ने बेटे को जन्म दिया था। यह उनका दूसरा बच्चा था। उसे टीका लगने के बाद तेज बुखार था।
जांच में सामने आई मौत की वजह
स्वजनों का आरोप था कि बच्चा मां का दूध नहीं पी रहा था और दर्द की वजह से रो रहा था। उन्होंने रात करीब 12 बजे स्टाफ को बच्चे की हालत के बारे बताया तो स्टाफ ने उन्हें बच्चे को दूध न पिला पाने को लेकर फटकार लगाई।
साथ ही चम्मच से दूध पिलाने की सलाह दी। इसके बाद भी उसने न दूध पिया और न ही हालत में सुधार हुआ। सुबह करीब पांच बजे बच्चे ने हरकत करनी बंद कर दी और हाथ पैर ठंडे पड़ने लगे। स्वजन ने आनन-फानन में स्टाफ को इसकी सूचना दी। तब तक नवजात की सांसें थम चुकी थीं। प्रसूता ने स्टाफ पर लापरवाही का लगाते हुए हंगामा किया।
घटना की जानकारी होने पर पीएमओ ने जांच के निर्देश दिए थे। जांच के बाद सीएमओ कार्यालय भेजी गई चाइल्ड डेथ रिपोर्ट में श्वांस नली में दूध फंसने से नवजात की मौत की वजह बताई गई है। इसके साथ ही स्टाफ पर स्वजन द्वारा लगाए गए आरोपों से भी क्लीन चिट मिल गई है।
नवजात की मौत के मामले में जांच पूरी हो चुकी है। श्वांस नली में दूध फंसने से मौत होने की बात सामने आई है। स्वजन ने गलत तरीके से बच्चे को दूध पिलाया, इसकी वजह से दूध श्वांस नली में फंसा और बच्चे की जान चली गई। स्टाफ की कोई गलती नहीं थी।
- डॉ. लोकवीर सिंह, पीएमओ, नागरिक अस्पताल, सेक्टर-10
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