New Delhi Stampede: गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर भी हो सकता है नई दिल्ली जैसा हादसा, चौंका देंगे ये हालात
गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर चल रहे पुनर्विकास कार्य के बीच यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। प्लेटफॉर्म पर लोहे की दीवार और स्टॉल के कारण जगह की कमी हो गई है जिससे लंबी दूरी की ट्रेनों में चढ़ने के दौरान यात्रियों की भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है। हाल ही में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Stampede) पर भगदड़ हुई थी।
विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर शनिवार रात प्रयागराज जाने के लिए प्लेटफार्म पर उमड़ी भीड़ के दौरान भगदड़ होने से कई यात्री मारे गए। गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर भी इस तरह का हादसा कभी भी हो सकता है।
इसका कारण यह है कि यहां पर स्टेशन की नई बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है और निर्माण के लिए प्लेटफार्म की आधी दूरी में लोहे की दीवार लगाई गई है। इससे प्लेटफार्म पर कई जगहों पर सिर्फ पांच से दस फीट जगह ही बची है। लंबी दूरी वाली ट्रेनों में चढ़ने के दौरान यहां पर यात्रियों की भीड़ को संभालना मुश्किल हो रहा है।
योजना पर खर्च किए जा रहे करीब 300 करोड़
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश के अन्य रेलवे स्टेशनों के साथ गुड़गांव रेलवे स्टेशन का कायाकल्प भी हो रहा है। इस योजना पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। 26 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुड़गांव रेलवे स्टेशन पर पुनर्विकास के तहत किए जाने वाले विकास कार्यों का शिलान्यास किया था।
(गुड़गांव स्टेशन पर भीड़ बढ़ने से स्थिति बिगड़ सकती है। जागरण फोटो)
नई बिल्डिंग बनाने का काम दिल्ली की विरेंद्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। पुरानी बिल्डिंग को लगभग तोड़ दिया गया है। स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट भी अस्थाई बनाया गया है। पुरानी बिल्डिंग को तोड़ने के साथ ही प्लेटफार्म संख्या एक पर कई जगहों पर लोहे की अस्थाई दीवार बना दी गई।
स्टेशन अधीक्षक कार्यालय के पास दीवार के आगे पांच-छह स्टाल भी हैं। इन सब कारणों से प्लेटफार्म पर यात्रियों के खड़े होने के लिए जगह ही नहीं बची है। बमुश्किल पांच से दस फीट चौड़ाई वाले इस प्लेटफार्म पर लंबी दूरी की ट्रेनों के आगमन के दौरान काफी भीड़ हो जाती है।
वहीं, आरपीएफ और जीआरपी के लिए यात्रियों की भीड़ को संभालना और सही तरीके से उन्हें ट्रेन में चढ़ाना काफी मुश्किल हो जाता है। सबसे ज्यादा समस्या यहीं पर है। इसके अलावा भी इस प्लेटफार्म व प्लेटफार्म दो व तीन पर भी कई जगह पर लोहे की दीवार बनाई गई है। यहां पर भी यात्रियों को काफी परेशानी होती है।
चेतक, भुज बरेली एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों के आने पर होती है दिक्कत
चेतक एक्सप्रेस ट्रेन प्रतिदिन रात आठ बजे दिल्ली सराय रोहिला से चलकर गुड़गांव रेलवे स्टेशन से होते हुए रींगस स्टेशन से आगे उदयपुर जाती है। गुड़गांव रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु खाटूश्यामजी के दरबार जाने के लिए इसी ट्रेन से यात्रा करते हैं। इससे प्रतिदिन रात आठ बजे यहां भीड़भाड़ वाली स्थिति रहती है। हर महीने आने वाली दो एकादशी की तिथियों पर इस ट्रेन में खाटूश्यामजी जाने वाले श्रद्धालुओं की और अधिक भीड़ रहती है। इसे संभालना चुनौती भरा रहता है।
एकादशी की तिथियों पर ही पहले भी कई बार भीड़ अधिक होने और ट्रेन का दरवाजा नहीं खुलने से यात्री ट्रेन में तोड़फोड़ भी कर चुके हैं। इस समय जब प्लेटफार्म पर लोहे की दीवार और स्टाल लगे हैं, तो भीड़ को संभालना काफी मुश्किल भरा हो रहा है। इसके अलावा भी भुज बरेली एक्सप्रेस और दिल्ली-रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन के आने के दौरान भी प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ रही है।
रविवार को प्लेटफार्म पर तैनात दिखे आरपीएफ और जीआरपी जवान
शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हादसे के बाद रविवार को पड़ताल के दौरान आरपीएफ और जीआरपी जवान प्लेटफार्म पर भीड़ को नियंत्रित करते दिखे। दोपहर पौने एक बजे दिल्ली से रेवाड़ी जाने वाली पैसेंजर ट्रेन के आने पर प्लेटफार्म संख्या एक पर काफी भीड़भाड़ रही। पुलिसकर्मियों ने प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों से जानकारियां भी लीं। खाली घूमने आए लोगों को स्टेशन से बाहर भी किया। वहीं यह भी पता चला कि नई दिल्ली में हादसे के बाद सभी स्टेशनों पर पुलिसकर्मियों की छुट्टियां 27 फरवरी तक रद कर दी गई हैं।
प्लेटफार्म पर कुछ जगहों पर लोहे की दीवार बनाई गई है। दीवार और स्टाल के कारण कुछ जगहों पर जगह कम बची है। कुछ ऐसी ट्रेनें हैं, जिनमें भीड़ रहती है। उन ट्रेनों के आने पर यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करना चुनौती भरा होता है। ऐसे समय में आरपीएफ के सभी जवानों को तैनात किया जाता है। आगे भी इसी तरह की सजगता बरती जाएगी। - इंस्पेक्टर नवल किशोर, प्रभारी, आरपीएफ गुड़गांव
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