मानेसर में अंधेरा ही अंधेरा, 20 करोड़ की लाइटें भी बेकार; जांच के आदेश
मानेसर नगर निगम ने एक साल में 20 करोड़ से अधिक की स्ट्रीट लाइटें लगवाईं फिर भी अंधेरा छाया हुआ है। ज्यादातर लाइटें बंद हैं जिससे अपराध का खतरा बढ़ गया है। एचएसआईआईडीसी द्वारा लगाई गई 4048 लाइटों में से केवल एक जल रही है। निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने जांच और जल्द समाधान का आश्वासन दिया है।
गोविंद फलसवाल, मानेसर। नगर निगम मानेसर ने एक साल में निगम क्षेत्र में 20 करोड़ 53 लाख रुपये की स्ट्रीट लाइटें लगवाईं। लेकिन फिर भी मानेसर की सड़कें अंधेरी हैं। सोमवार रात दैनिक जागरण की टीम ने मानेसर क्षेत्र में लगी स्ट्रीट लाइटों का जायजा लिया।
कुछ लाइटों को छोड़कर सभी स्ट्रीट लाइटें बंद मिलीं। औद्योगिक क्षेत्र मानेसर में केवल एक स्ट्रीट लाइट जलती मिली, जबकि हरियाणा राज्य औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने यहां 4048 स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं। इनमें से केवल एक लाइट जलती है। नगर निगम द्वारा यहां लगाई गई फैंसी लाइटें भी बंद रहती हैं।
नगर निगम ने करीब 68 लाख 58 हजार रुपये की लागत से पुरानी लाइटों को हटाकर नई लाइटें लगवाई थीं। सोमवार को इनमें से एक भी स्ट्रीट लाइट जलती नहीं मिली। पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा। इससे अपराध बढ़ने की आशंका है।
मानेसर नगर निगम द्वारा 12 अक्टूबर 2021 से 31 अगस्त 2022 तक 20 करोड़ रुपये से ज़्यादा की स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं। इसके बाद भी स्ट्रीट लाइटें लगती रहीं। इनके रखरखाव का समय भी ठेकेदार के पास तीन साल तक रहता है। 20 से ज़्यादा ऐसे टेंडर जारी किए जा चुके हैं जिनकी रखरखाव की समय सीमा पूरी हो चुकी है।
हैरानी की बात है कि सिर्फ़ तीन साल पहले लगाई गई लाइटें एक साथ कैसे खराब हो सकती हैं, जबकि ठेकेदार द्वारा इन्हें निगम को सौंपे एक साल भी नहीं हुआ है। 2021 से 22 तक कुल 29 बड़े टेंडर जारी किए गए। 9 टेंडरों में लाइटों को ठीक करने की ज़िम्मेदारी ठेकेदारों की है। नगर निगम के अधिकारियों को ये बंद लाइटें दिखाई नहीं दे रही हैं।
एक एजेंसी पर मेहरबान रहे निगम अधिकारी
नगर निगम द्वारा एक साल में जारी किए गए 29 टेंडरों में से 11 टेंडर एक ही एजेंसी को सौंपे गए। इसी एजेंसी के पास कई बड़े टेंडर भी थे। इनमें एक करोड़ रुपये से ज़्यादा के टेंडर भी शामिल हैं। एक एजेंसी पर इतनी मेहरबानी अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शाती है।
दूसरी एजेंसी को चार-पांच बड़े टेंडर भी दिए गए हैं। उनके द्वारा लगाई गई स्ट्रीट लाइटों में से एक भी नहीं जल रही है। इन लाइटों का रखरखाव न कर पाने वाले नगर निगम के अधिकारी 10 हज़ार और स्ट्रीट लाइटें लगाने की तैयारी कर रहे हैं।
लगातार हो रही हैं झपटमारी की घटनाएं
मानेसर नगर निगम क्षेत्र में रात भर अंधेरा रहता है। इस वजह से आए दिन चोरी और झपटमारी की घटनाएँ सामने आ रही हैं। औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं से छेड़छाड़, पीछा करने और मोबाइल फोन छीनने की कई घटनाएँ सामने आ रही हैं।
कर्मचारियों पर हमले, लूट और मोबाइल फोन छीनने की शिकायतें अक्सर आ रही हैं। औद्योगिक संघ ने इस संबंध में नगर निगम को पत्र लिखा है। सेक्टर एक में अंधेरे के कारण कई वाहन और मोटरसाइकिल चोरी हो चुकी हैं।
- एक साल में 205387000 रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं
- 25 लाख रुपये की लागत से लगाई गई एलईडी स्क्रीन भी गायब
- 10 हजार नई लाइटें लगाने की तैयारी
- 68 लाख 58 हजार रुपये की लागत से लगाई गई लाइटों में से एक भी काम नहीं कर रही
कहां और कितनी लागत से लाइटें लगाई गईं
- मानेसर गांव के 44 फुटा रोड पर 33.83 लाख
- सहरावन, नैनवाल, कुकरौला, फजलवास हाई मास्ट लाइटें 50.43 लाख
- खोह गांव की हाई मास्ट लाइटें 26.40 लाख
- मानेसर महिला कॉलेज के सामने 25.40 लाख
- नखड़ौला और शिकोहपुर खेल मैदान 40.51 लाख
- शिकोहपुर गौशाला पार्क और हयातपुर पार्क 52.70 लाख
- भक्त पूर्णमल मंदिर और तालाब गाँव कासन 51.29 लाख
- विपुल 24.61 लाख लावण्या सोसाइटी के सामने
इसकी जांच की जाएगी। स्ट्रीट लाइटें जल्द ही ठीक कर दी जाएँगी।
-आयुष सिन्हा, आयुक्त, नगर निगम मानेसर
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