गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। झाड़सा चौक वाली रोड पर पीक आवर के दौरान वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। इस कारण 10 से 15 मिनट तक कभी-कभी तो इससे भी अधिक समय तक वाहन चालकों को कतार में खड़ा होना पड़ता है।
शाम के समय कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि यातायात पुलिस को ट्रैफिक लाइट के अनुसार नहीं मैनुअल तरीके से वाहनों को निकलना पड़ता है। जब ऐसी स्थिति में सैकड़ों वाहनों का इंजन लगातार चालू रहता है तो उससे पर्यावरण और स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक गैसों को उत्सर्जन होता रहता है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि झाड़सा चौक ही नहीं शहर भर में कई ऐसे प्वाइंट हैं जहां पर वाहनों का लंबा जाम लगता है। वायु प्रदूषण का यही एकमात्र कारण नहीं है। सड़कों पर वाहनों के आने-जाने से 24 घंटे धूल उड़ती रहती है। इससे वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है।
झाड़सा चौक पर जाम में फंसे बाइक सवार दीपक दलाल का कहना है कि यहां आए दिन ऐसा माहौल रहता है। कई बार वाहनों की कतार इतनी लंबी होती है कि इन्हें ट्रैफिक लाइट के तीन-तीन बार रेड और ग्रीन होने के बाद निकलने का मौका मिलता है।
विशेषज्ञ की राय
पर्यावरण विशेषज्ञ विवेक कंबोज का कहना है कि आमतौर पर मोटर वाहन 20 से 30 प्रतिशत 2.5 पार्टिकुलेट मैटर को उत्सर्जित करते हैं। इसमें पीएम 2.5 स्वास्थ्य और पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत विषैला होता है। एक अध्ययन के अनुसार वाहन वर्ष में 290 गीगा ग्राम पीएम 2.5 का उत्सर्जन करते हैं। कुल ग्रीन हाउस गैस का आठ प्रतिशत भारत करता है। इसमें 30 प्रतिशत से अधिक योगदान दिल्ली-एनसीआर के ट्रांसपोर्ट सेक्टर की ओर से किया जाता है।
ऐसे घटेगा वायु प्रदूषण
विवेक कंबोज बताते हैं कि वाहन जनित वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए ईंधन के इस्तेमाल को घटाने की जरूरत। इसके लिए कार और बाइक पुलिंग के माध्यम से ऐसा किया जा सकता है। सार्वजनिक और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देकर को वायु प्रदूषण को घटाया जा सकता है। यातायात जाम के दौरान गाड़ियों के इंजन को बंद रखें।
मोटर वाहनों से उत्सर्जित यह प्रदूषक वायु प्रदूषण के बड़े कारण
- कार्बन मोनोआक्साइड
- सल्फर आक्साइड
- नाइट्रोजन आक्साइड