Manesar Nikay Chunav Result: मानेसर की मेयर बनीं डॉ इंद्रजीत यादव, BJP के सुंदरलाल को हराया
Manesar Nikay Chunav Result हरियाणा के मानेसर नगर निगम के नतीजे बुधवार को घोषित हो गए। मानेसर नगर निगम से मेयर पर पर निर्दलीय प्रत्याशी Dr Indrajit Yadav ने जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी सुंदरलाल यादव ( BJP candidate Sundarlal) को पराजित किया है। इससे चार साल बाद आज मानेसर नगर निगम को अपना पहला मेयर मिल गया है।

आदित्य राज, गुरुग्राम। गुरुग्राम जिले के दोनों नगर निगमों की मेयर महिला बन गईं। गुरुग्राम मेयर पद पर भाजपा की राजरानी मल्होत्रा ने कांग्रेस की सीमा पाहूजा को हराकर जबकि मानेसर मेयर पद पर निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत यादव ने भाजपा के सुंदरलाल यादव को हराकर कब्जा जमाया।
मानेसर में नगर निगम के गठन के बाद पहली बार चुनाव हुआ है। तीन साल पहले निगम का गठन किया गया था। गुरुग्राम नगर निगम का चुनाव भी कई साल से लंबित था। अब स्थानीय सरकारों के बनने के बाद विकास की गति तेज होने की उम्मीद है। नगर निगम गुरुग्राम मेयर का चुनाव शुरू से ही एकतरफा था। गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या पंजाबी मतदाताओं की है।
जीत का प्रमाणपत्र लेती हुईं निर्दलीय प्रत्याशी डॉ इंद्रजीत यादव।
पंजाबी मतदाताओं को पिछले कई वर्षों से भाजपा का वोट बैंक माना जाता है। भाजपा ने पंजाबी कार्ड खेलते हुए राजरानी मल्होत्रा को टिकट दे दिया। राजरानी मल्होत्रा के पति तिलकराज मल्होत्रा भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे हैं। वह शहर के जाने माने आभूषण कारोबारी भी हैं।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने की थी सभा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं संबंधित वैचारिक संगठनों में उनकी अच्छी पैठ है। इससे उनके पक्ष में पूरा संघ परिवार एक सुर में दिखा। मानेसर में कड़ा संघर्ष था। इसे देखते हुए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी थी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल तक ने सभा की।
प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली एवं प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कई सभाएं कीं, इसके बाद भी पार्टी को हार हाथ लगी। इसके पीछे मुख्य कारण रहे भाजपा के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर अंतर्कलह, स्थानीय समस्याएं एवं निर्दलीय प्रत्याशी की सामाजिक सक्रियता।
राव इंद्रजीत चाहते थे इंद्रजीत को मिले पार्टी का टिकट
सूत्र बताते हैं कि क्षेत्र में सामाजिक सक्रियता को देखते हुए स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की इच्छा थी कि निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव को पार्टी का टिकट मिले। मानेसर क्षेत्र राव इंद्रजीत सिंह का गढ़ माना जाता है। राव इंद्रजीत सिंह एक दिन भी पार्टी प्रत्याशी के प्रचार में नहीं पहुंचे।
यह भी सुंदरलाल की हार की एक बड़ी वजह बनी। क्षेत्र में अप्रत्यक्ष रूप से संदेश चला गया कि राव इंद्रजीत सिंह का समर्थन डा. इंद्रजीत को है। नवनिर्वाचित मेयर डॉ. इंद्रजीत यादव के पति राकेश यादव का आपराधिक इतिहास रहा है। क्षेत्र में उनकी पहचान बाहुबली के रूप में है, लेकिन चुनाव में यह मुद्दा नहीं बन पाया। डॉ. इंद्रजीत यादव ने स्थानीय समस्याओं को उठाकर भाजपा को इस तरह घेरा कि वह उसी का जवाब देते रह गई।
पिछले पांच सालों के दौरान क्षेत्र के हजारों लोगों को धार्मिक यात्राएं डॉ. इंद्रजीत यादव ने कराईं। जितने गोशाला हैं, उनमें लाखों रुपये दान दिए। सोसायटियों में नि:शुल्क जांच शिविर का आयोजन कराया। संवाद कला में माहिर हैं। इन सब गतिविधियों से उन्होंने लोगों का ध्यान अपने पति की ओर जाने नहीं दिया। इसका लाभ उन्हें चुनाव में हुआ।
चार साल बाद आज मानेसर को मिला पहला मेयर
मानेसर नगर निगम के गठन के चार साल बाद मानेसर को उसका पहला मेयर बुधवार को मिल गया है। मानेसर नगर निगम के चुनाव दो मार्च को हुए थे। मानेसर में चार प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें भाजपा से सुंदरलाल यादव, कांग्रेस से नीरज यादव, निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव और डॉ. विजय चौहान हैं।
प्रचार में सभी प्रत्याशियों ने जमकर बहाया पसीना
बुधवार को आए नतीजों में मानेसर मेयर का ताज निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. इंद्रजीत यादव के सिर सजा। चुनाव के दौरान सभी प्रत्याशियों ने जमकर पसीना बहाया है। मानेसर नगर निगम का गठन 24 दिसंबर 2020 को हुआ था। इसके बाद से मानेसर के चुनाव नहीं हो पाए थे।
मानेसर नगर निगम कार्यालय इस बीच सुर्खियों में बना रहा। मानेसर नगर निगम कार्यालय में गठन से अब तक करीब तीन बार मुख्यमंत्री उड़नदस्ते और विजिलेंस की छापेमारी हो चुकी है। जनप्रतिनिधियों के चुने जाने के बाद यहां निवासियों के प्रति जवाबदेही बढ़ जाएगी।
65292 मतदाताओं ने डाला था वोट
मानेसर नगर निगम के दो मार्च को हुए चुनाव ने 65292 मतदाताओं ने वोट डाले हैं। बुधवार को इनकी गणना की जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। मतगणना के दौरान 16 टेबल लगाई जाएंगी। कुल 96 बूथों की मतगणना होनी है। इसके लिए छह राउंड में मतों की गिनती होगी।
वहीं, 20 पार्षद पदों के लिए सात राउंड में गिनती की जाएगी। पहले मेयर के लिए मतों की गणना होगी। इसके बाद पार्षदों के लिए मतों की गणना शुरू की जाएगी। जीतने वाले उम्मीदवारों को सेक्टर एक स्थित सामुदायिक भवन में बने स्ट्रांग रूम में ही विजेता प्रमाण पत्र सौंपा जाएगा।
क्षेत्र में हो सकेंगे कार्य
मानेसर नगर निगम बनने के बाद जनप्रतिनिधियों की कमी कई जगह देखने को मिली। अधिकारियों के हाथ में सभी कार्य होने से लोगों को काफी दिक्कत का सामना भी करना पड़ा।
कई ऐसी समस्याएं भी क्षेत्र में बनी हुई हैं जहां तक नगर निगम के अधिकारी पहुंच ही नहीं पाए। लोग शिकायत करते रहे लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ। जनप्रतिनिधियों के चुनाव के बाद लोग इनसे अपनी समस्याओं को दूर करता सकेंगे।
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