दिल्ली से सटे गुरुग्राम का सबसे चर्चित सहारा मॉल सील, लगा है नियमों के उल्लंघन का आरोप
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बिना ट्रीट किए पानी सीधे सीवरेज में डालने पर सोमवार को गुरुग्राम स्थित सहारा मॉल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और फिर सील कर दिया। हालांकि कुछ समय बाद इसे खोल दिया गया था।
गुरुग्राम [अनिल भारद्वाज]। Sahara Mall, MG Road Gurgaon News Update: दिल्ली से सटे गुरुग्राम के सबसे चर्चित सहारा मॉल मंगलवार सुबह से बंद नजर आ रहा है। दरअसल, सहारा मॉल पर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ( Haryana State Pollution Control Board) की गाज गिरी है। सोमवार दोपहर होते-होते गुरुग्राम के एमजी रोड स्थित सहारा मॉल को प्रदूषण फैलाने के आरोप में सील कर दिया गया। जागरण संवाददाता के मुताबिक, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम की टीम सोमवार सुबह ही भारी पुलिस बल के साथ सहारा मॉल में पहुंची और मॉल के मेन गेट को सील कर दिया। इसके बाद किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी। जागरण संवाददाता के मुताबिक, विभाग की टीम मॉल के अंदर मौजूद थे, वहीं मॉल के बाहर पुलिस को तैनात किया गया है। कई बार नोटिस देने और जांच में सीवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के नमूने फेल होने पर यह कार्रवाई की गई है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम के अधिकारी कुलदीप सिंह (Kuldeep Singh, Officer, Haryana State Pollution Control Board, Gurugram) ने बताया कि 2018 में सहारा मॉल से सीवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के सैंपल लिए गए थे, जो फेल मिले थे। उसके बाद मॉल प्रबंधन की तरफ से कहा गया था कि कुछ महीने में हम इसे ठीक कर लेंगे और 250 लाख रुपये फीस भी जमा कराई गई थी। बावजूद इसके सहारा मॉल प्रबंधन की तरफ से कोई सुधार नहीं किया गया। इसके बाद फरवरी, 2020 में दोबारा सैंपल लिए गए, वह भी फेल पाए गए। इसके बाद उच्च अधिकारियों ने मॉल को सील करने के आदेश दिए थे।
वहीं, कुलदीप सिंह ने कहा कि अब सहारा मॉल की तरफ से रिपोर्ट दी जाएगी कि उन्होंने प्लांट ठीक कर लिया गया है, तब जांच करने के साथ दोबारा 250 लाख फीस जमा कराने पर मॉल को खोल दिया जाएगा। कुलदीप सिंह ने बताया कि इस बाबत फरीदाबाद पर्यावरण कोर्ट में केस दायर किया जा रहा है।
समय देने के बाद मॉल प्रबंधन के अनुरोध पर ही पंचकूला स्थित एचएसपीसीबी मुख्यालय से नितिन मेहता, फरीदाबाद के क्षेत्रीय अधिकारी स्मिता कनोडिया, सहायक पर्यावरण अभियंता नरेश कुमार अधिकारियों की टीम गठित करके दोबारा सैंपल लेने की अनुमति जारी की गई। इसके बाद 13 फरवरी 2020 को फिर से सैंपल लिए गए और सैंपल फेल पाए गए। इस बार भी ढाई लाख रुपये फीस जमा कराई गई थी। डयूटी मजिस्ट्रेट व नायब तहसीलदार करतार सिंह, सहायक पर्यावरण अभियंता नेहा सहारण एवं उज्जवल कुमार ने बताया कि टीम ने सोमवार को मॉल को सील कर दिया। मॉल के प्रबंधक सुनील यादव से बात की गई लेकिन उन्होंने इस मसले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
आज तक मॉल प्रबंधन ने एसोसिएशन को मॉल का प्रबंधन हैंडओवर नहीं किया है। दुकान मालिक परेशान हैं। प्रबंधन अपनी मनमानी कर रहा है। - राजेश राजदान, प्रधान, मॉल एसोसिएशन
बीते ढाई साल से प्रबंधन के साथ हाइकोर्ट में केस चल रहा है। इस मामले में भी 2018 में इनके पास नोटिस आए हुए हैं लेकिन गंभीरता से काम न करने के कारण आज मॉल सील हो गया। - रंजीत सिंह, सचिव, मॉल एसोसिएशन
2003 से मॉल चल रहा है। प्रबंधन भारी-भरकम रख-रखाव शुल्क ले रहा है लेकिन सुविधाओं को लेकर गंभीर नहीं है। पहले ही दुकान मालिक कोरोना संकट के चलते धंधे से परेशान हैं और अब प्रबंधन की लापरवाही से मॉल सील हो गया। -राहुल कुमार, दुकान संचालक