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    350 करोड़ के बजट के बाद भी क्यों नहीं साफ हो रहा गुरुग्राम? सड़कों के किनारे लगे हैं कूड़े के ढेर

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 03:02 PM (IST)

    गुरुग्राम में 350 करोड़ के बजट के बावजूद सफाई व्यवस्था बदहाल है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन और गीला-सूखा कचरा अलग करने की व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है। शहर में कूड़े के ढेर लगे हैं और बंधवाड़ी में 13 लाख टन कचरा जमा है। एजेंसियों की लापरवाही से स्थिति और खराब हो रही है जिससे शहर कूड़ाग्राम बनता जा रहा है।

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    यह तस्वीर साइबर सिटी के सेक्टर 69 स्थित ट्यूलिप सोसायटी के सामने की। फोटो- संजय गुलाटी

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर सिटी की चकाचौंध पर गंदगी का दाग लग रहा है। हालांकि सफाई व्यवस्था बिगड़ने पर पिछले एक महीने से लगातार निगम अधिकारियों के फील्ड में उतरने के साथ ही प्रदेश सरकार का फोकस भी गुरुग्राम पर है।

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    हालात पहले से सुधर रहे हैं, लेकिन धरातल पर फिलहाल और ज्यादा प्रयास करने की जरूरत है। नगर निगम के पास सिर्फ गुरुग्राम शहर में सफाई व्यवस्था के लिए 350 करोड़ का भारी भरकम बजट है। संसाधनों की कमी है न मैनपावर की, इसके बावजूद शहर स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में टाप-10 में भी शामिल नहीं हो पाया है।

    इसका सबसे बड़ा कारण काम नहीं करने वाली और गुरुग्राम को कूड़ाग्राम बनाने वाली एजेंसियों के प्रति निगम अधिकारियों का भी ढीला रवैया है। यही वजह है कि एजेंसियाें की मनमानी चल रही है और शहर के लगभग 5.5 लाख घरोंं और प्रतिष्ठानों से सौ प्रतिशत कूड़ा उठान नहीं हो रहा है।

    निगम क्षेत्र में चार एजेंसियों ने आठ जुलाई को मुख्यालय से टेंडर की मंजूरी मिलने के बाद काम शुरू किया था, लेकिन खास बात यह है कि फील्ड में 400 की जगह 200 से भी कम वाहन घरों से कूडा़ उठा रहे हैं। घरों में ही कूड़ा सड़ने पर मजबूरन लोग इसे सड़कों के किनारे फेंक रहे हैं।

    50 प्रतिशत घरों से नियमित नहीं उठ रहा कूड़ा

    शहर के 50 प्रतिशत घरों से भी कूड़ा नहीं उठाया जा रहा। कूड़े से निकलती दुर्गंध तथा मच्छर, मक्खियों और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लोग रात के समय सड़कों के किनारे कूड़े को फेंक रहे हैं। इससे नगर निगम की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।

    घरों से सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करने की व्यवस्था भी शुरू नहीं होने से मिश्रित कूड़ा बंधवाड़ी लैंडफिल पर पहुंच रहा है। बंधवाड़ी में कूड़ा निस्तारण बंद है और 13 लाख टन कूड़े का पहाड़ बन गया है। इंटरनेट मीडिया पर लोग गुरुग्राम को कूड़ाग्राम लिख रहे हैं।

    • 1200 टन कूड़ा गुरुग्राम में प्रतिदिन निकलता है।
    • 900 से एक हजार टन कूड़ा फरीदाबाद से बंधवाड़ी में पहुंच रहा है।
    • 10 से ज्यादा एजेंसियां गुरुग्राम में कूड़ा उठान, सफाई कार्य में लगी है।
    • 250 से ज्यादा गारबेज वर्नेबल प्वाइंट गुरुग्राम में बने हुए हैं।
    • 12.63 करोड़ की टेंडर लागत, पर काम अधूरा

    पुराने गुरुग्राम से नए शहर तक फैला कूड़ा

    शहर में सिर्फ पुराना गुरुग्राम ही नहीं बल्कि नए शहर के सेक्टर तक कूड़े से अटे पड़े हैं। लोगों का कहना है कि जिस शहर की देश ही नहीं बल्कि विदेश तक पहचान है, उसकी सफाई व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है।