Gurugram News: सीवेज स्लज से बनेगी कंप्रेस्ड बायोगैस, फिर उसको कंपनियों को बेचेगा जीएमडीए
गुरुग्राम में सीवेज स्लज से कंप्रेस्ड बायोगैस बनेगी जिसे जीएमडीए कंपनियों को बेचेगा। धनवापुर में 100 एमएलडी एसटीपी और बायो-सीबीजी प्लांट स्थापित होंगे। इस परियोजना से सीवेज ट्रीटमेंट में सुधार होगा और अक्षय ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा। 166 करोड़ रुपये की लागत से 24 महीनों में यह प्रोजेक्ट पूरा होगा। इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी और सीवर की समस्या दूर होगी।

संदीप रतन, गुरुग्राम। साइबर सिटी में सीवेज स्लज से कंप्रेस्ड बायोगैस तैयार हाेगी। बायो गैस को गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) कंपनियों को बेचेगा, जिससे प्राधिकरण का खजाना भरेगा।
जीएमडीए धनवापुर में 100 एमएलडी क्षमता वाले मेन पंपिंग स्टेशन (मेन पंपिंग स्टेशन), 100 एमएलडी क्षमता वाले अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और बायो-कंप्रेस्ड बायोगैस (बायो-सीबीजी) प्लांट के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इन परियोजनाओं के संचालन और रखरखाव (ओएंडएम) का कार्य दस वर्षों तक किया जाएगा। इस कार्य के लिए 166 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से टेंडर लगाए गए हैं। प्रोजेक्ट को 24 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य है। बता दें कि धनवापुर एसटीपी की मौजूदा क्षमता 218 एमएलडी है, जिसे इस परियोजना के तहत बढ़ाकर 318 एमएलडी किया जाएगा।
नई एसबीआर (सिक्वेंसिंग बैच रिएक्टर) तकनीक पर आधारित एसटीपी में सीवेज के उच्च गुणवत्ता वाले ट्रीटमेंट की व्यवस्था होगी, जिससे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों के अनुरूप ट्रीटेड जल का उत्पादन होगा। यह ट्रीटेड पानी बागवानी एवं अन्य गैर-पीने योग्य कार्यों में उपयोग के लिए उपयुक्त होगा, जिससे जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।
पांच हजार क्यूबिक मीटर बायोगैस पैदा होगी
बायो-सीबीजी प्लांट में सीवेज स्लज को ऊर्जा में बदला जाएगा। यह संयंत्र प्रतिदिन पांच हजार क्यूबिक मीटर बायोगैस उत्पन्न करने में सक्षम होगा, जिसे शहर की गैस वितरण कंपनियों को सप्लाई किया जा सकेगा।
जीएमडीए के एक अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना न केवल गुरुग्राम में आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट को बढ़ावा देगी, बल्कि अक्षय ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ाएगी। इससे जल स्रोत साफ होंगे, इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी अहम योगदान मिलेगा।
नए गुरुग्राम में सीवेज की समस्या होगी दूर
परियोजना के तहत सेक्टर 81 से 104 तक के इलाकों का सीवेज धनवापुर एसटीपी में शोधन किया जाएगा, जिससे खुले में सीवेज डिस्चार्ज की समस्या पर रोक लगेगी और शहर के ड्रेनेज नेटवर्क पर दबाव भी कम होगा।
जीएमडीए के अधिकारियों के अनुसार दिसंबर 2027 तक इस परियोजना को पूर्ण करना है, जिससे गुरुग्राम को स्वच्छ और सुंदर शहर बनाने में मदद मिलेगी। सीवर नेटवर्क पर लोड ज्यादा होने और प्लांटों की क्षमता कम होने के कारण पुराने गुरुग्राम सहित नए शहर के कई इलाकों में भी सीवर ओवरफ्लो की समस्या बढ़ गई है। मानसून सीजन होने के कारण अब और ज्यादा परेशानी है। नया प्लांट तैयार होने से इस समस्या से निजात मिलने की उम्मीद है।
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