Gurugram School Update: गुरुग्राम की हवा में जहर कम नहीं, जानिए स्कूल खुलेंगे या रहेंगे बंद
Gurugram Pollution बढ़ते प्रदूषण के चलते गुरुग्राम में 25 नवंबर को सभी स्कूल बंद रहेंगे। कक्षा 12वीं तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। जिला उपायुक्त अजय कुमार ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के गंभीर स्तर को देखते हुए यह निर्णय लिया है। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। Gurugram Pollution: बढ़ते प्रदूषण के स्तर और मौजूदा स्थिति को देखते हुए स्कूल 25 नवंबर को बंद रखे जाएंगे। रविवार को जिला उपायुक्त अजय कुमार ने इसको लेकर निर्देश दिए हैं कि 25 नवंबर को कक्षा 12वीं तक सभी भौतिक कक्षाएं बंद रखी जाएंगी।
आदेशों में कहा गया है कि जिले के लगभग सभी शहरी और ग्रामीण भागों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर गंभीर श्रेणी में है। बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में यह निर्णय लिया गया है। स्कूलों में सोमवार को भी ऑनलाइन कक्षाएं ही संचालित की जाएंगी।
स्कूल खुला तो होगी कार्रवाई
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मुनी राम ने बताया कि डीसी के निर्देश को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से सरकारी और प्राइवेट स्कूल प्रिंसिपल को भेज दिए गए हैं। नियमों कापालन करना अनिवार्य है। अगर कोई स्कूल खुला मिलता है तो उनपर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि अगर किसी कारणवश वह बच्चों को ऑनलाइन कक्षाएं दिलाने में समर्थ नहीं हैं तो आसपास के दूसरे बच्चों के मोबाइल फोन पर बच्चों को कक्षाएं दिलाएं, ताकि पढ़ाई बाधित न हो।
ग्वालपहाड़ी में एक्यूआई 300 से अधिक रिकॉर्ड
हवा चलने के बाद भी एक्यूआई बहुत अधिक कम नहीं हुआ है। रविवार सुबह ग्वालपहाड़ी इलाके में 302, टेरीग्राम में 208 एवं विकास सदन में 203 रिकॉर्ड किया गया। दोपहर के दौरान हवा तेज होने पर प्रदूषण का औसतन स्तर 200 से नीचे आ गया था, लेकिन शाम होते-होते फिर बढ़ गया।
ग्रेप-चार अभी भी है लागू
यह हाल तब है जब रविवार को सड़कों पर वाहनों का दबाव काफी कम था। ग्रेप-चार (GRAP 4) लागू होने की वजह से कई प्रकार की गतिविधियां पूरी तरह बंद हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता राजन शर्मा कहते हैं कि प्रदूषण का स्तर कम तब होगा जब पूरे एनसीआर में नियंत्रण को लेकर एक साथ बेहतर प्रयास किए जाएंगे।
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प्रयास पहले से शुरू होने चाहिए
दिक्कत यह है कि प्रयास तब शुरू किए जाते हैं, जब स्थिति गंभीर हो जाती है। जब पता है कि सर्दी के आते ही प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है फिर पहले से ही प्रयास क्यों नहीं किए जाते हैं। बता दें कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद सड़कों व पेड़ों पर पानी का छिड़काव शुरू किया गया है। एंटी स्माग गन की सुविधा उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है।

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