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    फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गाड़ियां चलाने वालों की खैर नहीं! AI के सॉफ्टवेयर से पुलिस को तुरंत मिलेगा अलर्ट

    Updated: Thu, 10 Oct 2024 11:53 AM (IST)

    गुरुग्राम में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहन चलाने वालों की खैर नहीं है। गुरुग्राम पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट लगे वाहनों की पहचान के लिए एआई संचालित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू किया है। यह सॉफ्टवेयर आरटीओ द्वारा जारी किए गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर से नंबर प्लेट को स्कैन और सत्यापित करने के लिए मौजूदा सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करता है।

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    फर्जी नंबर प्लेट से चल रहे वाहनों की जांच में मददगार होगा जर्विस सॉफ्टवेयर। फाइल फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। फर्जी नंबर प्लेट लगे शहर में चल रहे वाहनों की पहचान के लिए अब जर्विस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाएगा। एआई संचालित सॉफ्टवेयर के लिए गुरुग्राम पुलिस ने स्टाकू टेक्नोलाजी कंपनी के साथ भागीदारी की है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से कानून व्यवस्था, सुरक्षा, यातायात के सुचारु संचालन करने में मदद मिलेगी।

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    सीसीटीवी कैमरों का करता है इस्तेमाल

    पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सॉफ्टवेयर में अत्याधुनिक तकनीक है। सॉफ्टवेयर आरटीओ द्वारा जारी किए गए वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर से नंबर प्लेट को स्कैन और सत्यापित करने के लिए मौजूदा सीसीटीवी कैमरों का उपयोग करता है। यह विसंगतियों की तुरंत पहचान करता है और संबंधित अधिकारियों को वास्तविक समय में अलर्ट भी भेजता है।

    नंबर प्लेटों को रिकॉर्ड क्रॉस वेरिफाई करेगा यह सिस्टम

    यह सिस्टम नंबर प्लेटों को सरकारी रिकॉर्ड के साथ तुरंत क्रॉस वेरिफाई करेगा और फर्जी नंबर प्लेट, चोरी हुए वाहन और ब्लैक लिस्टेड वाहन आदि जैसी विसंगतियों की पहचानने में सक्षम है। यह तकनीक वाहनों को उनकी विशेषताओं जैसे रंग मॉडल आदि के साथ खोजने में भी सहायता करती है।

    कंपनी की एआई आधारित तकनीक गुरुग्राम पुलिस के लिए वाहन जांच में काफी महत्वपूर्ण साबित हुई है। इसके ट्रायल के रूप में कुछ ही हफ्तों में कई वाहन संबंधी डिफाल्टरों की पहचान की गई। - पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा

    सीपीआर से मानेसर जाने वाली सड़क की मरम्मत का काम शुरू

    सेंट्रल पेरिफेरल रोड (सीपीआर) से मानेसर को जाने वाली सड़क की मरम्मत शुरू हो गई है। यह सड़क लगभग पांच किमी लंबी है और द्वारका एक्सप्रेस-वे को मानेसर से जोड़ती है। मानसून के दौरान इस सड़क पर जलभराव रहा था और यह सड़क लगभग दस साल पहले बनाई गई थी।

    सड़क जर्जर हो चुकी है और गड्ढों के कारण जाम लग रहा है। इसके अलावा वाहनों के गुजरने के दौरान धूल उड़ने से प्रदूषण भी फैल रहा है। यह सड़क गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) के अधीन है।

    सेंट्रल पेरिफेरल रोड (सीपीआर) से मानेसर को जाने वाली सड़क की मरम्मत का कार्य चल रहा है। फोटो-जागरण


    जीएमडीए द्वारा सड़कों की मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है, ताकि शहरवासियों को परेशानी न हो। सीपीआर से मानेसर रोड की मरम्मत का काम चल रहा है। -अरुण धनखड़, मुख्य अभियंता जीएमडीए

    नए गुरुग्राम के वासियों को मिलेगी राहत

    द्वारका एक्सप्रेस-वे बनने के बाद सेक्टर 82 से 95 तक के सेक्टरों में जाने के लिए यह मुख्य रास्ता है। इस सड़क से प्रतिदिन 50 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। किंतु सड़क की स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आवागमन प्रभावित हो रहा है।

    धूल उड़ने के कारण सबसे ज्यादा प्रदूषण इसी क्षेत्र में है। सड़क बनने से इन सेक्टरों के बाशिंदों को राहत मिलेगी। इसका समाधान तुरंत किया जाएगा।