Gurugram Chintels Paradiso: पुलिस ने CBI को सौंपी केस की फाइल, खुलेगी बिल्डर-अधिकारियों के बीच साठगांठ की पोल
चिंटेल्स पैराडिसो मामले की जांच से संबंधित फाइल गुरुग्राम पुलिस ने शुक्रवार शाम सीबीआइ को सौंप दी। प्रदेश सरकार ने गत वर्ष सात जुलाई को सीबीआइ जांच कराने की घोषणा की थी। सीबीआइ ने 17 जनवरी को अशोक सोलोमन सहित अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया था।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। चिंटेल्स पैराडिसो मामले की जांच से संबंधित फाइल गुरुग्राम पुलिस ने शुक्रवार शाम सीबीआइ को सौंप दी। प्रदेश सरकार ने गत वर्ष सात जुलाई को सीबीआइ जांच कराने की घोषणा की थी। सीबीआइ ने 17 जनवरी को चिंटेल्स इंडिया लिमिटेड के निदेशक अशोक सोलोमन सहित अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया था। फाइल सौंपे जाने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही सीबीआइ टीम जांच शुरू कर देगी। जांच से बिल्डर और अधिकारियों के बीच साठगांठ की पोल खुल जाएगी।
आईआईटी दिल्ली की स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट से साफ हो चुका है कि सोसायटी का डी टावर रहने लायक है ही नहीं। यहां तक कहा है कि इसे मरम्मत करना भी संभव नहीं। इससे साफ है कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता के ऊपर ध्यान नहीं दिया गया। संबंधित विभागों के अधिकारियों ने निर्माण के दौरान जांच के नाम पर या तो लापरवाही बरती या फिर मिलीभगत करके रिपोर्ट पास कर दी।
गत वर्ष 10 फरवरी को सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के डी-टावर की छठी मंजिल से लेकर पहली मंजिल तक ड्राइंग रूम का फ्लोर भरभराकर गिर गया था। दुर्घटना में पहली मंजिल पर रह रहे सेंट्रल वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक एके श्रीवास्तव की पत्नी सुनीता श्रीवास्तव की जबकि दूसरी मंजिल पर रह रहीं एकता भारद्वाज की मौत हो गई थी। एके श्रीवास्तव को कई घंटे बाद मलबे से बाहर निकाला गया था।
दुर्घटना के बाद बिल्डर सहित 10 लोगों पर लापरवाही बरतने का मामला बजघेड़ा थाने में दर्ज कराया गया था। जांच के लिए एसआइटी भी गठित कर दी गई थी। जिनके विरुद्ध मामला दर्ज हैं उनमें चिंटेल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक सोलोमन, स्ट्रक्चरल इंजीनियर अजय साहनी, आर्किटेक्ट आशीष जायसवाल, ठेकेदार भयाना बिल्डर के नाम मुख्य रूप से शामिल हैं।
इस मामले में मनीष स्विच गियर एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक अमित आस्टिन की गिरफ्तारी हो चुकी है। डी-टावर 18 मंजिला है, जिसमें कुल 64 फ्लैट हैं। दुर्घटना के बाद से टावर खाली है। जिला प्रशासन ने इसे ध्वस्त करने तक का निर्णय ले रखा है। फ्लैट मालिकों को उचित मुआवजा मिले, इसे लेकर कार्यवाही चल रही है।