Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरुग्राम नगर निगम को HSVP से नहीं मिला एक भी रुपया, 8 साल बाद भी खाली हाथ निगम

    Updated: Wed, 09 Apr 2025 11:38 AM (IST)

    हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से नगर निगम गुरुग्राम को एक भी रुपया नहीं मिला है। निगम अधिकारियों ने कई बार एचएसवीपी को पत्र भी लिखे लेकिन अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। यह स्थिति न केवल नगर निगम के लिए वित्तीय संकट का कारण बन रही है बल्कि शहरी विकास के लिए आवश्यक संसाधनों की भी कमी उत्पन्न कर रही है।

    Hero Image
    ग्रुरुग्राम नगर निगम की इमारत। फोटो- जागरण आर्काइव

    गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा नगर निगम गुरुग्राम को सेक्टर ट्रांसफर किए जाने के आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी नगर निगम को उससे मिलने वाली राजस्व की राशि का एक प्रतिशत भी प्राप्त नहीं हुआ है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2016 में जब एचएसवीपी ने नगर निगम को विभिन्न सेक्टर सौंपे थे, तब यह शर्त तय की गई थी कि इन सेक्टरों में रहने वाले आवंटियों से वसूली जाने वाली एक्सटेंशन फीस, ट्रांसफर फीस और अन्य राजस्व की 75 प्रतिशत राशि हर माह नगर निगम को दी जाएगी।

    निगम अधिकारियों की कार्यक्षमता पर उठे सवाल

    इसके अतिरिक्त, इन सेक्टरों में बिकने वाली अनसोल्ड साइट्स पर होने वाले मुनाफे का 50 प्रतिशत हिस्सा भी नगर निगम को दिया जाना था। हालांकि, आठ वर्षों बाद भी नगर निगम के अधिकारी एचएसवीपी से इस मद में एक रुपया भी वसूल नहीं कर पाए हैं।

    नगर निगम को कितनी राशि मिलनी चाहिए?

    इससे साफ तौर पर नगर निगम अधिकारियों की कार्यक्षमता पर सवाल खड़े होते हैं। हालात इतने खराब हैं कि नगर निगम द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित बजट में एचएसवीपी शेयर के नाम पर केवल एक लाख रुपये की आय प्रस्तावित की गई है। जबकि वर्ष 2016 से अब तक नगर निगम को करोड़ों रुपये की राशि मिलनी चाहिए थी।

    यह दर्शाता है कि अब निगम को एचएसवीपी से कोई उम्मीद नहीं रही है। नगर निगम पहले ही इन सेक्टरों में सड़क, सीवर, स्ट्रीट लाइट, साफ-सफाई और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी खर्च कर रहा है, लेकिन इसके बदले में उसे कोई राजस्व नहीं मिल रहा है।

    सदन की बैठक में पार्षद ने उठाया मुद्दा

    इस मुद्दे को मंगलवार की सदन की बैठक में वार्ड 22 से निगम पार्षद विकास यादव ने जोरदार तरीके से उठाया भी हैं। यदि निगम इस प्रकार से अपने राजस्व को नहीं वसूलेगा तो आने वाले समय में निगम को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता हैं। इस संबंध में निगम आयुक्त से बात करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।