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    Gurugram Crime: लोन कंपनी में सवा 11 करोड़ गबन का मामला, आर्थिक अपराध शाखा ने मैनेजर को किया गिरफ्तार

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 11:31 PM (IST)

    गुरुग्राम में एक लोन कंपनी में 11 करोड़ से अधिक के गबन का मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा ने ठेकेदार कंपनी के मैनेजर को गिरफ्तार किया है जिसने अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत स्वीकार की है। आरोपितों ने ग्राहकों से लोन की अग्रिम किस्तें लीं और कम राशि में सेटलमेंट के नाम पर करोड़ों रुपये वसूले जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    लोन कंपनी में सवा 11 करोड़ का गबन, मैनेजर गिरफ्तार।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। मिलेनियम सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन स्थित एक लोन देने वाली कंपनी के साथ उसकी ठेकेदार कंपनी के कर्मचारियों द्वारा 11 करोड़ 25 लाख रुपये गबन करने का मामला सामने आया है। केस दर्ज होने के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने जांच करते हुए शुक्रवार को आरोपित कंपनी के मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। इसने पूछताछ में कंपनी के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत स्वीकार की है।

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    धोखाधड़ी का यह मामला जून का है। लोन देने वाली कंपनी के अधिकारी ने आर्थिक अपराध शाखा एक में शिकायत दी थी। आर्थिक अपराध शाखा ने जांच के बाद मेट्रो थाने में केस दर्ज कराया। शिकायतकर्ता ने बताया कि इनकी कम्पनी फाइनेंस सर्विस व लोन प्रदान करती है। कंपनी ने लोगों के लोन कराने के लिए एक दूसरी ठेकेदार कंपनी के साथ समझौता किया हुआ है।

    ठेकेदार कंपनी के कर्मचारियों द्वारा इनकी कंपनी के ग्राहकों से लोन की एडवांस किस्तें प्राप्त की गईं और कम राशि पर लोन का सेटलमेंट करने के नाम पर करोड़ों रुपये लिए गए। ग्राहकों को फर्जी एनओसी भी दी गई। ठेकेदार कंपनी के कर्मचारियों ने ग्राहकों से ली गई राशि कंपनी में जमा न कर धोखाधड़ी की। इस मामले में एक आरोपित को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया।

    इसकी पहचान मूल रूप से उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के नारायणा गांव के रहने वाले सतीश चंद्रा के रूप में की गई। यह फिलहाल नोएडा में रह रहा था। आरोपित से प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह ठेकेदार कंपनी में जनरल मैनेजर के पद पर पिछले दो साल से काम कर रहा है। इनकी कंपनी द्वारा लोगों से सम्पर्क उनका लोन कराने के लिए दस्तावेज लिए जाते थे। इसके बाद लोन देने वाली कंपनी से लोन पास कराकर उनके खातों में रुपये भेजे जाते थे।

    इसने अपने अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर ग्राहकों से दो से तीन अग्रिम किस्तें लीं। साथ ही कम रुपये देकर पूरा लोन चुकाने का झांसा देकर करोड़ों रुपये वसूल लिए। जांच में पता चला कि ठेकेदार कंपनी की तरफ से कुल 588 ग्राहकों का 19 करोड़ 40 लाख 20 हजार रुपये का लोन कराया गया।

    इसमें से कर्मचारियों ने आठ करोड़ 15 लाख 7 हजार 526 रुपये लोन देने वाली कंपनी को किस्तों के रूप में भुगतान किया। 11 करोड़ 25 लाख 12 हजार 474 रुपये गबन किए गए। पुलिस प्रवक्ता एएसआइ संदीप कुमार ने बताया कि फिलहाल आरोपित को शनिवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। इसके साथियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

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