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    गुरुग्राम में 'किंगडम आफ ड्रीम्स' को मिला स्टे, पर नहीं खुले ताले

    By Abhishek TiwariEdited By:
    Updated: Sun, 17 Jul 2022 07:52 AM (IST)

    Gurugram News किंगडम आफ ड्रीम्स (Kingdom of Dreams) का कब्जा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा लिए जाने पर जिला अदालत ने स्टे लगा दिया पर ताले नहीं ...और पढ़ें

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    गुरुग्राम में 'किंगडम आफ ड्रीम्स' को मिला स्टे, पर नहीं खुले ताले

    गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। गुरुग्राम के सेक्टर-29 इलाके में संचालित किंगडम आफ ड्रीम्स (Kingdom of Dreams) का कब्जा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा लिए जाने पर जिला अदालत ने स्टे लगा दिया पर ताले नहीं खोले गए। दरअसल, स्टे आर्डर आने से पहले कब्जा लेने की कार्यवाही पूरी हो चुकी थी।

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    प्रबंधन के प्रतिनिधि शनिवार को एचएसवीपी के संपदा अधिकारी (दो) संजीव सिंगला से मिले। उनसे कहा कि उनके पास स्टे आर्डर है। इस पर सिंगला ने कहा कि कब्जा लेने की कार्यवाही शुक्रवार रात 10 बजे ही पूरी हो चुकी है। कार्यवाही पूरी होने से पहले यदि स्टे आर्डर लेकर आते फिर कब्जा नहीं लिया जाता।

    HHVP का केओडी पर 322 करोड़ रुपये बकाया

    बता दें कि एचएचवीपी का केओडी पर 322 करोड़ रुपये बकाया है। जमा कराने के लिए कई बार नोटिस जारी किया गया। यही नहीं छह जुलाई को लीज टर्मिनेट करने से पहले भी 15 दिन का समय दिया गया। इसके बाद भी प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया।

    शुक्रवार शाम कब्जा लेने की कार्यवाही के दौरान भी एचएसवीपी की टीम ने प्रबंधन से स्टे आदि दिखाने को कहा लेकिन कोई कागज नहीं दिखाया गया। रात 10 बजे तक केओडी के सभी पांचों गेट में ताला लगाकर कब्जा ले लिया गया। लीज की समय सीमा 29 जुलाई 2024 तक थी।

    उल्लेखनीय है कि केओडी चलाने वाली ग्रेट इंडियन नौटंकी कंपनी को बकाया राशि भरने के लिए एचएसवीपी की तरफ से कई बार नोटिस दिए गए। लेकिन प्रबंधन ने नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया। इस महीने की छह जुलाई को एचएसवीपी प्रशासक जसप्रीत कौर ने लीज को रद कर दिया। लीज रद करने से पहले 15-20 दिन का कारण बताओ नोटिस दिया गया था।

    बता दें कि प्राधिकरण ने बकाया राशि 108 करोड़ के ऊपर 100 करोड़ की पेनल्टी भी लगाई है। इसके अलावा केओडी के पास अतिक्रमण की गई जमीन को लेकर भी करीब 114 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। इस जमीन को बीते सप्ताह ही खाली कराया था। किराया न भरने की सूरत में पूरी प्रक्रिया के साथ कई नोटिस दिए गए। राशि जमा नहीं करने पर लीज रद्द कर दी गई।