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    गुरुग्राम की हवा हुई 'दमघोंटू', प्रदूषण से बचाव को लेकर जिला प्रशासन की एडवाइजरी जारी, बरतें ये सावधानियां

    By Aditya RajEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Mon, 06 Nov 2023 11:49 AM (IST)

    प्रदूषण पर रोक लगाने हेतु पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना जरूरी है। बेहतर रहेगा कि हम अपनी दैनिक दिनचर्या में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ...और पढ़ें

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    प्रदूषण से बचाव को लेकर जिला प्रशासन की एडवाइजरी जारी

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने रविवार शाम एडवाइजरी की है। चिंता व्यक्त की गई है जिस तरह से प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है उसे देखते हुए ग्रैप का चौथा चरण लागू किया गया है।

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    जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी है। सभी मिलकर प्रदूषण का स्तर कम कर सकते हैं। साथ ही अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी हम सभी की जिम्मेदारी है।

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    सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए पैदल चलें

    प्रदूषण पर रोक लगाने हेतु पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना जरूरी है। बेहतर रहेगा कि हम अपनी दैनिक दिनचर्या में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देकर अपने निजी वाहनों का कम से कम इस्तेमाल करें। रिहायशी सर्कल जैसे नजदीकी बाजार व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जाने के लिए पैदल चलें अथवा ई रिक्शा व साइकिल का उपयोग करें।

    आरडब्ल्यूए से अपील है कि जिनके पास पेड़ों की धुलाई के लिए स्प्रिंकल मशीनें व अन्य संसाधन उपलब्ध हैं वे उनकी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए प्रदूषण को कम करने में सहयोग करें। अपने अपने क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना करवाना भी सुनिश्चित करें।

    इससे पहले जिले में ग्रेप के तीसरे चरण के तहत विभिन प्रकार की पाबंदियां लगाई गई हैं। निर्माण कार्य की रोकथाम भी प्रमुख है। सभी आरडब्ल्यूए यह सुनिश्चित करें कि उनके अधिकार क्षेत्र में कोई भी निर्माण सामग्री खुले में न पड़ी रहे। बेहतर रहेगा कि उस पर पानी का छिड़काव कर उसे तिरपाल से ढका जाए।

    प्रशासन द्वारा जारी एडवाइजरी

    • लोग सुबह और देर शाम को बाहर टहलने, दौड़ने और शारीरिक व्यायाम करने से परहेज करें।
    • सुबह और देर शाम के समय बाहरी दरवाजे और खिड़कियां न खोलें।
    • लकड़ी, कोयला, पशुओं का गोबर, मिट्टी का तेल जैसे बायोमास जलाने से बचें।
    • खाना पकाने और हीटिंग उद्देश्यों के लिए स्वच्छ धुआं रहित ईंधन (गैस या बिजली) का उपयोग करें।
    • यदि बायोमास का उपयोग कर रहे हैं तो स्वच्छ कुक स्टोव का उपयोग करें।
    • किसी भी प्रकार की लकड़ी, पत्तियां, फसल अवशेष और अपशिष्ट को खुले में जलाने से भी परहेज करें।
    • बंद परिसर में मच्छर भगाने वाली क्वाइल और अगरबत्ती जलाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
    • अपनी आंखों को प्रदूषण से बचाने के लिए उन्हें नियमित रूप से साफ पानी से धोते रहें।
    • सांस लेने में परेशानी न हो इसके लिए गर्म पानी से नियमित गरारा करें।
    • यदि सांस फूलने, चक्कर आने, खांसी, सीने में तकलीफ या दर्द, आंखों में जलन की शिकायत है तो डाक्टर से सलाह लें।
    • हृदय संबंधी बीमारियों से प्रभावित लोग अनावश्यक बाहर न निकलें, डाक्टर के निर्देशों का ठीक से पालन करें।