आगरा से पूर्व बैंक मैनेजर गिरफ्तार, साइबर ठगों को बेचे थे 15 से ज्यादा खाते; खुले कई बड़े राज
गुरुग्राम में शेयर बाजार निवेश के नाम पर हुई ठगी में आगरा से पूर्व बैंक मैनेजर गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह साइबर ठगों के संपर्क में था और 15 से ज्यादा खाते उपलब्ध कराए थे। उसने खाताधारकों से संपर्क करके कमीशन पर खाते खरीदे और बेचे। पुलिस चीनी साइबर सिंडिकेट से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।

विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। शेयर बाजार में निवेश के नाम पर गुरुग्राम के मानेसर के रहने वाले एक व्यक्ति से 58 लाख रुपये की ठगी के मामले में आगरा से पकड़े गए पूर्व बैंक मैनेजर से पूछताछ व पुलिस जांच में कई जानकारियां सामने आई हैं। पुलिस के मुताबिक वह दिसंबर 2024 में साइबर ठगों के संपर्क में आया था। इसके बाद उसने साइबर ठगी के लिए अब तक 15 से ज्यादा खाते उन्हें उपलब्ध कराए।
पुलिस के मुताबिक आगरा से पकड़े गये पूर्व बैंक मैनेजर आयुष कुमार का घर कमला नगर में है। इसने चार साल तक फतेहाबाद रोड पर आइडीएफसी बैंक में मैनेजर के रूप में काम किया। इसी दौरान यह एक अन्य व्यक्ति के माध्यम से साइबर ठगों के संपर्क में आ गया।
वहीं, दिसंबर 2024 में इसने नौकरी छोड़ दी। इसने अपने कार्यकाल के दौरान कई खाते खोले। नौकरी छोड़ने के बाद आरोपित ने कई खाता धारकों से संपर्क किया और मोटी रकम का लालच देकर खाते खरीद लिए। आरोपित ने 15 से ज्यादा ऐसे करंट खाते साइबर ठगों तक पहुंचाए। मानेसर के रहने वाले एक व्यक्ति से 58 लाख रुपये की ठगी के मामले में भी 25 लाख रुपये आगरा की आइडीएफसी बैंक के खाते में गए थे। यह खाता नेटवर्क मेडिकल सर्विस के कागजातों पर विवेक के नाम से खोला गया था।
आयुष ने विवेक से यह खाता दो प्रतिशत कमीशन पर खरीदकर आगे चार प्रतिशत कमीशन पर एक अन्य व्यक्ति के माध्यम से साइबर ठगों तक पहुंचाया था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया था कि जल्दी और ज्यादा पैसे कमाने के लालच में उसने इस गैरकानूनी रास्ते पर कदम रखे। गुरुग्राम साइबर पुलिस आगरा की आइडीएफसी बैंक प्रबंधन से संपर्क कर उन खातों की डिटेल ले रही है, जो आयुष के माध्यम से खोले गए।
टेलीग्राम के जरिए चीन के साइबर सिंडिकेट के सपंर्क में था आंध्रा का पूर्व बैंक मैनेजर
दूसरी ओर शेयर बाजार में निवेश के नाम पर गुरुग्राम के एक अन्य व्यक्ति से सवा करोड़ की ठगी के मामले की जांच के दौरान गुरुग्राम साइबर पुलिस ने चार जून को पंजाब के जीरकपुर से पूर्व बैंक मैनेजर चिंता मनोज कुमार को पकड़ा था। चिंता मनोज आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के कोरेपाडू अंजनीपेट गांव का रहने वाला है।
यह गुंटूर जिले में स्थित एचडीएफसी बैंक में कई साल मैनेजर रह चुका है। यह ठगी चीन से हुई थी। चिंता मनोज टेलीग्राम के जरिए इस सिंडिकेट के संपर्क में आया था। खातों के संचालन के लिए यह इस समय जीरकपुर में गिरोह के अन्य साथियों के साथ काम कर रहा था। यहीं से इसे गिरोह के अन्य चार साथियों के साथ पकड़ा गया। पुलिस इस मामले में अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी हुई है।
ठगी के दोनों मामलों में जांच की जा रही है। पूछताछ में कई जानकारियां सामने आई हैं। इसके आधार पर इनसे खाते लेकर आगे बेचने वालों और साइबर ठगों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। - प्रियांशु दीवान, एसीपी साइबर क्राइम
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