Gurugram Crime: बैंक कर्मी और खाताधारक मिल हड़प गए साइबर ठगों के 17 लाख, लोन और उधारी में चुकाए
गुरुग्राम में साइबर ठगी का मामला सामने आया है जिसमें ठगों ने एक रिटायर्ड आईएएस से 51 लाख रुपये ठगे। ठगी के 17 लाख रुपये गुजरात के एक खाताधारक के खाते में भेजे गए। खाताधारक और उसके बैंककर्मी दोस्त ने मिलकर पैसे हड़प लिए और लोन चुकाए। साइबर थाना पुलिस ने बैंककर्मी समेत तीन को गिरफ्तार किया। पूछताछ जारी है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम में साइबर ठगी का एक दिलचस्प मामला सामने आया है। साइबर ठगों ने रिटायर्ड आईएएस से 51 लाख की धोखाधड़ी कर उसमें से 17 लाख रुपये गुजरात में रहने वाले एक खाताधारक के खाते में भेजे थे।
खाताधारक और उसके दोस्त बैंककर्मी ने पैसे साइबर ठगों को न देकर हड़प लिए। दोनों ने अपनी उधारी व लोन चुकाने में ये रुपये खर्च कर दिए। मामले की जांच करते हुए साइबर थाना दक्षिण पुलिस ने गुजरात से बैंक कर्मी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में इसकी जानकारी सामने आई।
पुलिस के अनुसार 22 जुलाई को गुरुग्राम के सेक्टर 59 रायसीना रेजीडेंसी में रहने वाले रिटायर्ड आइएएस ने साइबर थाना दक्षिण पुलिस को धोखाधड़ी की शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था उनके पास अंजान नंबर से फोन आया।
फोन करने वाले ने अपने आप को मुंबई पुलिस का डिप्टी एसपी बताया था। कहा कि उनके फोन नंबर और आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया गया है। इसलिए उनके नाम से वारंट जारी हुआ है। ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर 51 लाख रुपये की ठगी की थी।
केस दर्ज होने के बाद मामले की जांच करते हुए पुलिस ने शनिवार को गुजरात के वड़ोदरा से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान वड़ोदरा के अर्जुन, गोहिल और संग्राम सिंह के रूप में की गई।इन्हें वहां से दो दिन के ट्रांजिट रिमांड पर सोमवार को गुरुग्राम लाया गया।
अर्जुन के खाते में साढ़े चार तो गोहिल के खाते में आए थे 17 लाख
आरोपितों से पूछताछ व जांच में पता चला कि ठगी गई राशि में से साढ़े चार लाख रुपये अर्जुन के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। अर्जुन ने यह बैंक खाता किसी अन्य आरोपित के माध्यम से साइबर ठगों को एक प्रतिशत कमीशन पर बेचा था।
वहीं गोहिल के बैंक खाते में ठगी गई राशि में से 17 लाख रुपये ट्रांसफर हुए थे। तीसरा पकड़ा गया आरोपित संग्राम सिंह वड़ोदरा की बंधन बैंक शाखा में सेल्समैन के पद पर कार्यरत है। पूछताछ में पता चला कि गोहिल और संग्राम दोस्त हैं।
गोहिल ने किसी अन्य के माध्यम से बैंक खाता बेचा था। उसे किसी ने बताया था कि बैंक खाता बेचने के बदले पैसे मिलेंगे। यह जानकारी गोहिल ने धोखाधड़ी होने से पहले संग्राम को दी थी। संग्राम को धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दी।
उसने उसे साइबर ठगों के बारे में बताया और कहा कि वह ये पैसे साइबर ठगों को न दे। जब गोहिल के खाते में 17 लाख आए तो संग्राम ने ही कैश निकालने में उसकी मदद की। इसके बाद दोनों ने ये रुपये आधे-आधे बांट लिए। संग्राम ने अपनी गाड़ी का लोन चुकाने में ये रुपये खर्च किए तो गोहिल ने इन रुपये से उधारी चुकाई।
साइबर ठगों के गुर्गों ने धमकाया
पुलिस पूछताछ में गोहिल ये पता चला कि जब उसने साइबर ठगों के 17 लाख नहीं दिए तो कई फोन आने लगे। तीन गुर्गे भी उसे धमकाने के लिए आए। संग्राम और गोहिल ने इन गुर्गाें को एक-एक लाख रुपये देकर वहां से लौटा दिया।
साइबर थाना दक्षिण प्रभारी ने बताया कि ठगी के मामले में जांच की जा रही है। ठगी कहां से हुई थी, बैंक खाता किसे बेचा गया था, इसके बारे में पूछताछ की जा रही है।
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