गुरुग्राम में 116 MM बारिश से बिगड़े हालात, देर रात तक फंसे रहे लोग; कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह
गुरुग्राम में भारी वर्षा के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। तीन घंटे में 116 एमएम बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया और ट्रैफिक जाम लग गया। प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम की एडवाइजरी जारी की और स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए। वर्षा ने जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। क्षेत्र में सोमवार दोपहर को अचानक मौसम बदल गया। तेज वर्षा शुरू हो गई और लगभग तीन घंटे में 116 एमएम पानी बरस गया। वजीराबाद तहसील क्षेत्र में 116 एमएम और गुरुग्राम तहसील क्षेत्र में 85 एमएम वर्षा हुई। तेज वर्षा में हालात बिगड़ गए और शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया।
खेड़कीदौला टोल प्लाजा से सिरहौल बार्डर तक ट्रैफिक जाम दोनों तरफ की लेन मे लग गया। लोग देर रात तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहे। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर खांडसा और नरसिंहपुर के समीप जलभराव हो गया। इसके अलावा दोनों तरफ की सर्विस लेन जलभराव में डूब गई।
पानी में बंद होने से कारें, बाइक और कई अन्य वाहन खराब हो गए। शीतला माता रोड, सुभाष चौक, सेक्टर नौ, नौ ए, सेक्टर दस, दस ए, बसई रोड पर भारी जलभराव हो गया। लोग शाम को पांच बजे आफिस से निकलते ही ट्रैफिक जाम में फंस गए। खासतौर पर बाइक और आटो सवा जलभराव में फंसे रहे सेक्टरों से लेकर कालोनियों तक जलभराव हो गया।
डीसी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अजय कुमार ने भारी वर्षा को लेकर एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी कारपोरेट व निजी कार्यालयों से अनुरोध है कि कर्मचारियों को वर्क फ्राम होम की सुविधा दें। जिले के सभी विद्यालयों को दो सितंबर को आनलाइन कक्षाएं लगाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन के अनुसार गुरुग्राम में दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक 100 एमएम से अधिक वर्षा दर्ज की गई। दो सितंबर को वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है, यानी भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
मेदांता अंडरपास में भरा पानी
इसके अलावा मेदांता अंडरपास में जलभराव हो गया जिसके कारण यहां पर यातायात को रोकना पड़ा। सोहना रोड पर सुभाष चौक के समीप और शीतला माता मंदिर रोड पर भारी जलभराव में वाहन खराब हो गए और लोग घंटों तक यहां फंसे रहे। जलभराव इतना ज्यादा था कि कारों के टायर तक पानी में डूब गए।
जलभराव में डूबे सरकारी दावे
वर्षा ने नगर निगम और जीएमडीए की जल निकासी व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खोल दी है। मानसून से पहले नालों की सफाई के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन सच्चाई सामने आते ही सभी दावे कागजी साबित हुए। शहर के अधिकांश इलाकों में नाले ओवरफ्लो हो गए, और जल निकासी न होने के कारण सड़कें तालाब बन गईं। स्थानीय लोगों ने नगर निगम अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हर साल वर्षा में यही हाल होता है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया जाता।
153 संवेदनशील स्थानों पर लगाई थी ड्यूटी
नगर निगम ने जलभराव की दृष्टि से 153 संवदेनशील स्थान चिह्नित कर जेई, एसडीओ और एक्सईएन की ड्यूटी लगाई थी। यह भी कहा था कि जलभराव के मामलों में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी लापरवाही बरतता है तो उसे चार्जशीट किया जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। लेेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सड़कों के गड्ढे नहीं भरने के कारण सड़कें चलने लायक नहीं बची है और लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है।
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