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    जिन सफाई एजेंसियों ने साइबर सिटी की छवि की खराब, उन्हें फिर एक्सटेंशन देने की तैयारी

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 02:30 PM (IST)

    गुरुग्राम में सफाई एजेंसियों का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाने की तैयारी है जबकि पहले इन एजेंसियों के काम से शहर की छवि खराब हुई थी। निगम अधिकारियों ने नया टेंडर जारी नहीं किया है। दो साल पहले छह एजेंसियों को सफाई का जिम्मा सौंपा गया था लेकिन मैनपावर और मशीनरी की कमी के कारण शहर कूड़ाग्राम बन गया।

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    सेक्टर सात एक्सटेंशन में सड़क पर लगा कूड़े का ढेर। जागरण

    संदीप रतन, गुरुग्राम। नगर निगम की जिन सफाई एजेंसियों ने विश्व स्तर पर गुरुग्राम का नाम खराब किया, छवि पर दाग लगाया, अब उनकी कार्य अवधि छह महीने और बढ़ाने की तैयारी चल रही है। एक्सटेंशन की फाइल चंडीगढ़ पहुंच गई है और बस एक सरकारी मुहर का इंतजार है।

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    टेंडर की अवधि खत्म नहीं होने के बाद निगम अधिकारियों ने नया टेंडर लगाने का काेई प्रयास नहीं किया। दाे साल पहले नगर निगम गुरुग्राम ने छह एजेंसियों को शहर में सफाई का जिम्मा सौंपा था। एजेंसियों के पास न तो मैनपावर कभी पूरी हुई और न मशीनरी।

    नतीजन , शहर कूड़ाग्राम बन गया। पूरे मानसून सीजन में कूड़े की दुर्गंध और ढेरों के कारण लोगाें का जीना मुश्किल हो गया। यहां तक कि कई विदेशी लोगोंं के ग्रुप ने शहर में सफाई कर सोशल मीडिया पर इसके बारे में लिखा। इतना ही नहीं शहर के कई पॉश इलाकों में भी गंदगी होने के कारण यह काफी बड़ा मुद्दा बन गया।

    इसके बावजूद ऐसी एजेंसियों को दोबारा छह महीने का काम सौंपने की तैयारी की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम अधिकारियों को ऐसी एजेंसियों को काम देना चाहिए, जो शहर की स्वच्छता के बारे में सोचे। स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ने का कारण भी यह काम नहीं करने वाली एजेंसियां हैं।

    दो साल से इन एजेंसियों के पास है सफाई का जिम्मा

    शहर में पिछले दो साल से भारती, आर्मी डेकोरेटर्स, वाइएलवी एसोसिएट्स, सुखमा एंड संस और केएस मल्टीफेसिलिटी सफाई एजेंसी के पास शहर की सफाई की जिम्मेदारी है। इन्हें करोड़ों रुपये का भुगतान किया जा चुका है, लेकिन शहर में सफाई व्यवस्था बार-बार सवालों के घेरे में रही है।

    कई बार लग चुका जुर्माना

    काम में लापरवाही बरतने और सफाई नहीं करने को लेकर इन एजेंसियों पर लाखों रुपये जुर्माना लग चुका है। इसके बावजूद दोबारा काम सौंपने की तैयारी निगम अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही है।

    अधिकारियों का कहना है कि नई टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में समय लगेगा, ऐसे में फिलहाल इन्हीं एजेंसियों से काम चलाना मजबूरी है। नगर निगम के एक्सईएन सुंदर श्योराण ने बताया कि सफाई एजेंसियों की एक्सटेंशन के लिए पत्र मुख्यालय को भेजा गया है।

    महत्वपूर्ण तथ्य:

    • 1200 टन कूड़ा गुरुग्राम में प्रतिदिन निकलता है।
    • 900 से एक हजार टन कूड़ा फरीदाबाद से बंधवाड़ी में पहुंच रहा है।
    • 10 से ज्यादा एजेंसियां गुरुग्राम में कूड़ा उठान, सफाई कार्य में लगी है।
    • 250 से ज्यादा गारबेज वर्नेबल प्वाइंट गुरुग्राम में बने हुए हैं।

    एक लाख स्वयंसेवकों ने सफाई की थी

    नगर निगम की प्राइवेट एजेंसियां पूरे साल में शहर को स्वच्छ नहीं बना पाई, वहीं पिछले दिनों एक लाख से ज्यादा स्वयंसेवकों ने सिर्फ सात घंटे में ही गुरुग्राम को चमका दिया।

    सीएम नायब सिंह सैनी ने भी झाडू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया था। इस अभियान के बाद अब फिर से शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगने लगे हैं। इसके लिए सफाई एजेंसियां जिम्मेदार हैं।