राजीव चौक को डिजाइन करने पर चल रहा विचार, लोगों को रोज झेलनी पड़ती है जाम की समस्या
गुरुग्राम के राजीव चौक पर ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए नया डिजाइन बनाने पर विचार किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस ने एक ऑडिट रिपोर्ट तैयार की है जिसमें आइलैंड के डिजाइन में कमियां पाई गई हैं। आगामी बैठकों में यह तय किया जाएगा कि राजीव चौक को कौन रीडिजाइन करेगा जेएमडीए या एनएचएआइ।

विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। गुरुग्राम में राजीव चौक शहर का सबसे व्यस्ततम चौक है। यहां पर सात तरफ से बड़ी संख्या में ट्रैफिक आता है। शहर में जाम का सबसे बड़ा बाटलनेक है यह चौक। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यहां पर कई सालों से जद्दोजहद चल रही है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।
पिछले दिनों यहां आइलैंड बनाए गए थे, लेकिन यह ज्यादा चौड़े हो गए और वाहनों के लिए सड़कें पतली रह गईं। आइलैंड का डिजाइन भी खराब बताया गया। नतीजा बाटलनेक बना रहा। अब फिर से राजीव चौक को डिजाइन करने पर विचार चल रहा है।
राजीव चौक पर बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस के इंजीनियरिंग विंग ने बीते दिनों यहां का सर्वेक्षण किया और एक आडिट रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट के आधार पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए रोड सेफ्टी बैठक में ट्रैफिक पुलिस ने इसका मुद्दा उठाया। अभी तक दो मीटिंगों में इसकी चर्चा हो चुकी है।
पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के साथ भी हुई बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई। यह बताया गया कि राजीव चौक को मोडिफाई करना कितना जरूरी है। इंजीनियरिंग विंग ने यहां पर मोडिफिकेशन के सुझाव भी दिए हैं। सबसे पहले बताया गया कि राजीव चौक पर चारों तरफ जो खूबसूरती बढ़ाने के लिए आइलैंड तो बना दिए गए, लेकिन यह कितने बड़े और चौड़ाई में बनाए जाने थे, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सका। इससे चारों तरफ के रोड संकरे हो गए, खासकर सोहना रोड की तरफ बाटलनेक बनता है। इधर रोड ज्यादा पतली है। इससे जाम लगता है।
ट्रैफिक पुलिस की तरफ से बताया गया कि आगामी बैठक में यह फाइनल होना है कि इसे कौन रीडिजाइन करेगा एनएचएआइ या जेएमडीए। बैठक में चर्चा के बाद इसका निर्णय लिया जाएगा। यह भी तय होना है कि इसे पुराने डिजाइन पर बनाया जाए या नया बनाया जाए। फिलहाल इसमें समय लगना है।
खराब डिजाइन वाले आइलैंड
इंजीनियरिंग टीम के अनुसार खराब डिजाइन वाले आइलैंड वाहनों के लिए जगह कम कर देते हैं और आवाजाही मुश्किल बना रहे हैं। आइलैंड का मोड़ त्रिज्या मानकों के अनुसार नहीं है, जिससे वाहनों की आवाजाही में समस्याएं हो रही हैं। द्वीप स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं हैं, जिसके कारण असमान दूरी और भ्रम की स्थिति पैदा होती है।
इन द्वीपों का पैदल यात्री प्रतीक्षालय के रूप में भी उपयोग करते हैं, हालांकि यह स्थान साइट की जरूरतों और मानक दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षित या उपयुक्त रूप से नियोजित नहीं है।यह भी बताया गया कि सोहना की ओर बढ़ते हुए कैरिजवे की चौड़ाई चरणों में कम होती जाती है, जिससे विलय बिंदुओं पर अड़चनें पैदा होती हैं।
बताया गया कि 13.8 मीटर की सड़क 9.6 मीटर तक संकरी हो जाती है, और फिर 9.6 6.72 मीटर का कैरिजवे 7.6 मीटर के खंड में विलीन हो जाता है। कहा गया कि दिल्ली से आने वाला अधिकांश यातायात सोहना की ओर जाता है। इस अचानक कमी के कारण भीड़भाड़ और असुरक्षित विलय होता है।
ऑडिट के दौरान राजीव चौक पर कई उल्लंघन पाए गए
- राजीव चौक पर वाहनों का रुकना और यात्रियों का उसमें चढ़ना व उतरना
- गलत दिशा में वाहन चलाया जाना
- रेहड़ी संचालकों और वाहनों द्वारा अतिक्रमण
- अवैध रूप से यहां वाहनों का खड़े होना
- ऑटो रिक्शा के पार्क करने या चढ़ने, उतरने के लिए रुकने के लिए कोई अलग लेन नहीं है। इस वजह से मिनी सचिवालय की ओर जाने वाला रास्ता भीड़ भाड़ वाला हो जाता है और सीधे चलने वाले ट्रैफिक को देरी का सामना करना पड़ता है।
ट्रैफिक इंजीनियरिंग विंग ने सर्वेक्षण में कुछ खामियां पाई थीं। इसके आधार पर पिछले दिनों रोड सेफ्टी बैठक में इसका मुद्दा उठाया गया। राजीव चौक का डिजाइन बदलने पर विचार चल रहा है। लेकिन अभी यह तय नहीं है कि इसे जेएमडीए करेगा या एनएचएआइ। आगामी बैठकों में इसको लेकर निष्कर्ष निकल सकता है। - डा. राजेश माेहन, डीसीपी ट्रैफिक
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