Gurugram Waterlogging: गुरुग्राम में तालाब बनी पटौदी रोड, 45 मिनट में पूरा हो रहा 4 किलोमीटर का सफर
गुरुग्राम के पटौदी रोड पर उमंग भारद्वाज चौक से द्वारका एक्सप्रेसवे तक चार किलोमीटर का सफर मुश्किल भरा है। सड़क पर गड्ढे और जलभराव के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। नगर निगम द्वारा दो साल से नाले का निर्माण अधूरा रहने से स्थिति और भी खराब हो गई है। स्थानीय निवासियों ने सड़क निर्माण की मांग की है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। पटौदी रोड पर उमंग भारद्वाज चौक से गाडौली होते हुए द्वारका एक्सप्रेसवे तक का लगभग चार किलोमीटर का सफर 45 मिनट में पूरा हो रहा है। सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे हो चुके हैं।
वर्षा के पानी निकासी नहीं होने के कारण सड़क पर जलभराव है। नगर निगम पिछले दो साल से इस सड़क पर बरसाती नाले का निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाया, जबकि काम अभी भी अधर में लटका हुआ है।
पटौदी रोड का यह हिस्सा मानसून के दिनों में पूरी तरह से तालाब में बदल जाता है। गहरे गड्ढों में पानी भरने से न केवल वाहनों को नुकसान पहुंचता है, बल्कि हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। दोपहिया वाहन चालकों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है, क्योंकि जलभराव में गड्ढे दिखाई नहीं देते।
दो दिन पहले हुई नगर निगम सदन की बैठक में भी यह मुद्दा पार्षद द्वारा सदन के समक्ष उठाया गया था। इस संबंध में निगम अधिकारियों का कहना है कि नाले का निर्माण करने के बाद सड़क निर्माण कार्य भी शुरू करवा दिया जाएगा।
कॉलोनी-सेक्टरों के बाशिंदे परेशान
कॉलोनियों के बाशिंदे निगम प्रशासन से नाराज हैं। सेक्टर 85, 86, 89, 90, 91, 92, 93, 94 और 95 के निवासी लंबे समय से इस मार्ग के निर्माण की मांग कर रहे हैं। स्थानीय निवासी दिनेश यादव, अशोक तिवारी, मनीष, राजरानी और शकुंतला कहना है कि वर्षा के दिनों में सड़क पानी में डूबी जाती है। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस क्षेत्र के लोग नरक जैसी जिंदगी जी रहे हैं।
दस सेक्टरों के लिए वैकल्पिक मार्ग, पर सड़क चलने लायक नहीं
पटौदी रोड की खराब हालत का सीधा असर दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पड़ रहा है। सेक्टर 85 से 95 के बीच आवागमन करने वाले लोग मजबूरन हाईवे का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे वहां ट्रैफिक का दबाव बढ़ गया है। जबकि, अगर यह सड़क ठीक हो जाए तो यह क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक मार्ग बन सकता है।
- 4 किलोमीटर सड़क की लंबाई है।
- 3–4 फुट तक वर्षा में जलभराव हाे जाता है।
- 2 साल से नाले का काम अधर में है।
- 10 सेक्टरों के लिए वैकल्पिक मार्ग पटौदी रोड है।
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