Street Dogs: गुरुग्राम में दो डॉग शेल्टर बनाने पर खर्च कर दिए 2.5 करोड़, चालू एक भी नहीं
गुरुग्राम में आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर बनी हुई है। बसई में 50 लाख का डॉग शेल्टर बंद है वहीं बेगमपुर खटौला में 2 करोड़ का सेंटर भी शुरू नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नगर निगम की तैयारी अधूरी है जिससे कुत्तों के काटने के मामले बढ़ रहे हैं। निगम ने दो एजेंसियों को काम सौंपा था लेकिन नतीजा संतोषजनक नहीं रहा।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। बसई में नगर निगम गुरुग्राम ने डॉग शेल्टर की बिल्डिंग बनाने पर 50 लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन यह शेल्टर बंद पड़ा हुआ है। इसके अलावा हाल ही में बेगमपुर खटौला में भी दो करोड़ रुपये खर्च करके बनाए गए एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर को निगम चालू नहीं कर पाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को डॉग शेल्टर भेजने के आदेश दिए हैं। हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेशों का पालन होगा, लेकिन फिलहाल निगम के पास कोई ऐसी तैयारी नहीं है। इधर, कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के प्रबंधन, नसबंदी और देखभाल को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि इस प्रक्रिया को नियमों के मुताबिक लागू किया जाए। इसके बावजूद, कुत्तों को पकड़कर शेल्टर भेजने का काम ठप पड़ा है।
निगम ने यह जिम्मेदारी जीव दया और एनिमल सिम्पेथी नाम की दो एजेंसियों को सौंपी थी, लेकिन काम नहीं होने का खामियाजा शहर के लोग भुगत रहे हैं। इन दोनों एजेंसियों का वर्क ऑर्डर सितंबर में समाप्त हो जाएगा।
- 2 एजेंसियों को निगम ने कुत्तों से संबंधित काम सौंपा था।
- 2.5 करोड़ रुपये डॉग शेल्टर बनाने पर खर्च हो चुके हैं।
- 1 भी शेल्टर चालू नहीं है।
- 4 एजेंसियों को काम सौंपने की तैयारी निगम कर रहा है।
बसई और बेगमपुर खटौला में बनाकर छोड़ी बिल्डिंग
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बसई शेल्टर पर खर्च हुए लाखों रुपये अब व्यर्थ जा रहे हैं, और बेगमपुर खटौला सेंटर की देरी से समस्या का समाधान नहीं हुआ है। करोड़ों की परियोजनाएं अधर में हैं और शहरवासी आवारा कुत्तों से राहत का इंतजार कर रहे हैं।
दो एजेंसी को काम सौंपा हुआ है, जो कुत्तों के बंध्याकरण और टीकाकरण का कार्य कर रही हैं। दोनों के पास दो एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर हैं। भविष्य में चार एजेंसी को यह काम सौंपा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा।
डॉ. प्रीतपाल सिंह, संयुक्त आयुक्त नगर निगम, गुरुग्राम
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