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    Gurugram Traffic: गुरुग्राम में ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, पुलिस ने बनाए आठ ग्रीन जोन

    Updated: Sun, 24 Aug 2025 12:16 PM (IST)

    गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने शहर में जाम कम करने के लिए आठ ग्रीन जोन बनाए हैं। इन जोन में 37 रेड लाइट हैं जहाँ 40 किमी/घंटा की रफ़्तार से चलने पर रेड लाइट नहीं मिलेगी। पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने बताया कि कई मार्गों पर ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं जिससे यात्रियों को सुविधा होगी और यातायात सुचारू रूप से चलेगा।

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    ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा। सौ. पीआरओ

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम ट्रैफिक पुलिस ने शहर में बढ़ती जाम की समस्या को कम करने के लिए कई सड़कों पर आठ ग्रीन जोन बनाए हैं। इन आठ ग्रीन जोन में कुल 37 रेड लाइट पड़ती हैं। ट्रैफिक पुलिस की तरफ से बताया गया कि अगर कोई वाहन चालक इस ग्रीन जोन से 40 प्रति किलोमीटर घंटे की रफ्तार से गुजरता है तो उसे रेडलाइट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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    पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने शनिवार को ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ बैठककर ट्रैफिक की समस्या पर मंथन किया। इस दौरान डीसीपी ट्रैफिक डॉ. राजेश मोहन ने इसकी जानकारी सार्वजनिक की।

    उन्होंने बताया कि शहर में बख्तावर चौक से कन्हाई टी-प्वाइंट तक, तिगरा कट से एसपीआर सेक्टर 70 तक, वजीराबाद से हांगकांग मार्केट तक, इफको मेट्रो से जेड चौक, कन्हई गांव से गुड अर्थ माल, परस त्रिनिटी से रामगढ़ चौक, वर्ल्ड स्पा सेक्टर 31 से जलवायु विहार सेक्टर 31 रोड और डीएलएफ फेज पांच से आरडी सिटी कन्हई चौक तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है।

    इन आठ ग्रीन कॉरिडोर में समानांतर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से वाहन यदि चलते रहेंगे तो उनको आगे आने वाले रेड लाइट भी ग्रीन ही मिलती चली जाएंगी। इससे आमजन और दैनिक यात्रियों को लाभ मिलेगा। इन रास्तों में करीब 37 रेडलाइट पड़ेंगे।

    बैठक में पुलिस आयुक्त ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से यातायात के सुचारू, व्यवस्थित व सुगम संचालन में आने वाली परेशानियों व दिक्कतों के बारे में बातचीत करते हुए उनका निवारण करने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए।

    शहर में ई-रिक्शा के लिए निर्धारित किए गए ग्रुपआन पर रोड साइन लगाने के बारे आरटीओ स्टाफ को निर्देश दिए गए।चौक-चौराहों पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए क्रश बैरियर लगाकर लेफ्ट लेन फ्री करने बारे विचार किया गया।

    जिन स्कूलों के आसपास वाहनों का दबाव होता है उनके संचालकों से बातचीत करके ट्रैफिक मार्शल लगाने का सुझाव दिया गया। संजया एप से ब्लैक स्पाट संबंधित सभी जानकारियां एकत्रित करके उनको साझा करने के बारे में चर्चा की गई।