इस रविवार लीजिए गो-कार्ट रेसिंग का रोमांच, दिल्ली-NCR के इस शहर में मोटरस्पोर्ट्स का ग्रैंड फिनाले
गुरुग्राम में एनसीआर के मोटर स्पोर्ट प्रेमियों के लिए इस रविवार को गो-कार्ट रेसिंग चैंपियनशिप का ग्रैंड फिनाले होगा। दिल्ली से 60 किलोमीटर दूर मानेसर के पचगांव में यह आयोजन होगा जिसमें गुरुग्राम दिल्ली समेत एनसीआर के 60 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। तीन महीने से चल रही इस चैंपियनशिप का फाइनल 25 मई को होगा जिसमें विजेता को रॉयल एनफील्ड बाइक मिलेगी।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। एनसीआर के मोटर स्पोर्ट लवर्स के लिए आने वाले रविवार का दिन खास होगा। एक साथ कई गो-कार्ट कारों की तेज रफ्तार और घुनघुनाती तेज आवाज नया रोमांच पैदा करेगी।
दिल्ली से 60 किलोमीटर दूर मानेसर के पचगांव स्थित टर्बो ड्रिफ्ट कार्टिंग की ओर से आयोजित की जा रही कार्ट रेसिंग चैंपियनशिप के सीजन एक का रविवार को ग्रैंड फिनाले होगा। इसे जीतने के लिए गुरुग्राम, दिल्ली समेत एनसीआर के 60 प्रतिभागी अपना दमखम और हुनर दिखाएंगे।
तीन महीने से चल रही इस चैंपियनशिप के ग्रैंड फिनाले को देखने के लिए भी एनसीआर के मोटर्स लवर्स की अच्छी खासी संख्या जुटेगी। इसमें एनसीआर भर से 200 से ज्यादा प्रतिभागियों ने तीनों राउंड में हिस्सा लिया।
पहला राउंड फरवरी, दूसरा राउंड मार्च, तीसरा राउंड अप्रैल और अब 25 मई को होने वाले ग्रैंड फिनाले के लिए लोग इंतजार में हैं। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक कार्यक्रम चलेगा। चैंपियनशिप के आयोजक सुयश गुप्ता, संजय सिंह व रवि यादव बताते हैं कि गो-कार्ट रेसिंग एक चैंपियनशिप है, जो प्रतिभाशाली मोटर लवर्स को आकर्षित करती है।
रेसिंग सीखने और करियर बनाने के लिए गो कार्ट सबसे अच्छे फाउंडेशन का मध्यम होती है। 400 मीटर में होने वाली प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को टाइमिंग, कंस्ट्रेशन व समेत कई अन्य पैरामीटर पर खरा उतरना होगा। रेसिंग की रफ्तार 55 किलोमीटर प्रति घंटा तक होगी।
चैंपियनशिप को जीतने वाले प्रतिभागी को रायल इन्फील्ड कंपनी की तरफ से रायल इन्फील्ड बाइक दी जाएगी। दूसरे विजेता को आई-फोन और तीसरे विजेता को म्यूजिक सिस्टम मिलेगा।
कहां के कितने प्रतिभागी
30 : गुरुग्राम
20 : दिल्ली
10 : गाजियाबाद व नोएडा
सप्ताह भर का टेंशन एक मिनट में हो जाता है छूमंतर
नोएडा के प्रतिभागी जीतमन्यू शेखावत को तेज चलने का शौक है। निजी कंपनी में काम करने वाले जीतमन्यू कहते हैं कि सड़क पर रेस लगाना सुरक्षित नहीं है। इसलिए उन्हें ऐसी प्राइवेट जगहों की तलाश रहती है, जहां वे अपना हुनर निखार सकें। वे नियमित गो-कार्ट रेसिंग में हिस्सा लेते हैं।
कहते हैं सप्ताह भर कामकाज की टेंशन रविवार की सुबह सूरज निकलने के साथ ही रेसिंग से दूर हो जाती है। उन्हें गो-कार्ट रेसिंग करते हुए एक साल हो गया है। वे ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में भी रेसिंग करते हैं। दिल्ली के प्रतिभागी रुद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि वह वीकेंड पर रेसिंग से दिन की शुरुआत करते हैं। इससे उनका पूरा दिन अच्छा और रोमांच भरा होता है।
दिल्ली के ही रचित सिंघल का मानना है कि ऐसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से हुनर को तराशने का मौका और एक प्लेटफार्म मिलता है। जोमेटो कंपनी में काम करने वाले गुरुग्राम के प्रतिभागी आकाश चौहान कहते हैं वह भी हर सप्ताह रेसिंग करते हैं। निजी जगहों बन बने ट्रैक पर रेसिंग से दिन रोमांच भरा रहता है। उन्हें हर सप्ताह रविवार का इंतजार रहता है।
गो-कार्ट कारों के बारे में जानिए
गो-कार्ट कारें, जिन्हें गो-कार्ट या कार्ट के नाम से भी जाना जाता है। रेसिंग या मनोरंजन के उद्देश्य से डिजाइन किए गए छोटे, खुले पहिये वाले वाहन हैं। इनमें आमतौर पर एक साधारण फ्रेम, एक छोटा इंजन और एक बुनियादी ट्रांसमिशन सिस्टम होता है।
गति और प्रतिस्पर्धा के लिए निर्मित इन कार्ट्स का उपयोग पेशेवर रेसिंग लीग में किया जाता है। गो-कार्ट कारें इंजन के आकार और प्रकार के आधार पर 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति तक पहुंच सकती हैं।
गो-कार्टिंग का इस्तेमाल अक्सर युवा ड्राइवरों के लिए प्रशिक्षण मैदान के रूप में किया जाता है, जिससे उन्हें रेसिंग कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। गो-कार्टिंग एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है। लोगों का यह भी मानना है कि इसे फार्मूला वन रेस की नर्सरी के रूप में भी जाना जाता है।
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