Gurugram: दुबई और सिंगापुर की तरह दिखाई देगी ग्लोबल सिटी, CM खुद रखेंगे काम पर पूरी नजर; मिलेंगी ये सुविधाएं
दुबई और सिंगापुर की तर्ज पर सितंबर महीने से ग्लोबल सिटी विकसित करने काम शुरू होगा। इसके लिए एचएसआइआइडीसी ने टेंडर की प्रक्रिया अपने स्तर पर पूरी कर ली है। तीन कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया है। अब इनमें से एक का चयन प्रदेश सरकार को करना है। चयन होते ही वर्क अलॉट कर दिया जाएगा। वर्क अलॉट होते ही जमीनी स्तर पर सितंबर से काम शुरू हो जाएगा।

गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। दुबई और सिंगापुर की तर्ज पर सितंबर महीने से ग्लोबल सिटी विकसित करने काम शुरू होगा। इसके लिए एचएसआइआइडीसी ने टेंडर की प्रक्रिया अपने स्तर पर पूरी कर ली है। तीन कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया है। अब इनमें से एक का चयन प्रदेश सरकार को करना है। चयन होते ही वर्क अलॉट कर दिया जाएगा।
वर्क अलॉट होते ही जमीनी स्तर पर सितंबर से काम शुरू हो जाएगा। इसमें ढांचागत विकास से संबंधित अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि मल्टीनेशनल कंपनियां निवेश करने के लिए आकर्षित हों।
1003 एकड़ में बसेगी सिटी
द्वारका एक्सप्रेस-वे के नजदीक सेक्टर 36बी एवं 37बी इलाके में 1003 एकड़ में ग्लोबल सिटी विकसित करने की योजना है। इसके लिए 931 करोड़ रुपये के टेंडर की प्रक्रिया चल रही थी, जो हर स्तर पर लगभग पूरी हो चुकी है। टेंडर में तीन कंपनियों एलएंडटी लिमिटेड, पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड और दिनेशचंद्र अग्रवाल-नील शिखा जेवी ने हिस्सा लिया है।
इनमें से जिसका रेट सबसे कम होगा, उसे वर्क अलाट किया जाएगा। उम्मीद है कि अगले महीने तक वर्क अलॉट करने की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। एक से डेढ़ महीने का समय कंपनी को निर्माण शुरू करने की तैयारी में लगेगा। इस तरह सितंबर में जमीनी स्तर पर सौ फीसद काम शुरू होने की उम्मीद है।
HSIIDC की क्या होगी भूमिका
ग्लोबल सिटी में एचएसआईआईडीसी की भूमिका डेवलपर की रहेगी यानी सड़क, पानी, बिजली सहित अन्य ढांचागत व्यवस्था उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है। आगे निर्माण निवेश करने वाली कंपनियों द्वारा ही किया जाएगा। प्लाट्स की नीलामी की जाएगी।
मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री की सीधी नजर
प्रोजेक्ट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की सीधी नजर है। इसे मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। वह लगातार इसका फॉलोअप कर रहे हैं। अपने दुबई दौरे के दौरान उन्होंने वहां के उद्यमियों से भी इस प्रोजेक्ट के बारे में चर्चा की थी।
मुख्यमंत्री चाहते हैं कि ग्लोबल सिटी को इस तरह विकसित किया जाए कि लोगों को दुबई और सिंगापुर में होने का अहसास हो। इसे ध्यान में रखकर सिटी में दुबई के बुर्ज खलीफा और सिंगापुर के यूनिवर्सल स्टूडियो की तर्ज पर आइकोनिक बिल्डिंग बनाने की योजना है। बिल्डिंग को कोई विशेष नाम दिया जाएगा।
मल्टीनेशनल कंपनियों को प्राथमिकता
ग्लोबल सिटी में मल्टीनेशनल कंपनियों के कॉरपोरेट आफिस खोलने को प्राथमिकता दी जाएगी। रिहायशी क्षेत्र भी इसमें विकसित किए जाएंगे। इस तरह ग्लोबल सिटी के भीतर कई सिटी होगी। कॉरपोरेट आफिसों और रिहायशी क्षेत्र के अलावा स्कूल, अस्पताल, होटल सहित कई प्रकार की सुविधाएं होंगी।
ग्लोबल सिटी की कनेक्टिविटी
- ग्लोबल सिटी तक होगा मेट्रो के कॉरिडोर का विस्तार।
- इंटरनेशनल एयरपोर्ट से महज 30 मिनट की दूरी पर होगी।
- रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर भी नजदीक होगा।
- सिटी बसों और इंटरसिटी बसों को सिटी से जोड़ा जाएगा।
- गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से केवल 25 मिनट की दूरी पर होगी।
एचएसआईआईडीसी के डीजीएम अरुण गर्ग ने बताया कि टेंडर की प्रक्रिया कई स्तर पर होती है। सभी स्तर पर हो चुकी है। तीनों कंपनी में से एक के नाम का चयन होना है। चयन होते ही आगे का काम तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। पूरी उम्मीद है कि सितंबर से ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।