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    Gurugram की सड़कें दे रहीं मौत को दावत, अलग-अलग हादसों में चार युवक खो बैठे जान से हाथ, 1 अस्पताल में भर्ती

    जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में चार युवकों की मौत हो गई जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका अस्पताल में इलाज जारी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शवों को स्वजन को सौंप दिया।

    By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sun, 23 Apr 2023 06:15 PM (IST)
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    सड़क हादसों में चार युवकों की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में चार युवकों की मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका अस्पताल में इलाज जारी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शवों को स्वजन को सौंप दिया।

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    पहली घटना बादशाहपुर थाना क्षेत्र में गुरुग्राम से सोहना जानी वाली रोड पर एसबीआइ बैंक के पास की है। बताया जाता है कि घामडौज गांव के रहने वाले रमेश कुमार व उनके दोस्त बख्तावर शनिवार रात 10 बजे मोटरसाइकिल से किसी काम से निकले थे।

    रास्ते में बादशाहपुर के पास किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इस घटना में रमेश कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं बख्तावर का इलाज अस्पताल में चल रहा है। इस मामले में रमेश के पिता रामशरण ने बादशाहपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

    वहीं दूसरी घटना भोंडसी थाना क्षेत्र की है। जानकारी के अनुसार गांव बहलपा निवासी 26 वर्षीय कर्मवीर स्कूटी से शनिवार दोपहर निजी काम से भोंडसी गए थे। वापस घर जाते समय रात नौ बजे मलिक यार्ड के पास सामने से आ रहे ट्रैक्टर ने उन्हें टक्कर मार दी।

    हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर को मौके पर छोड़कर फरार हो गया। राहगीर कर्मवीर को अस्पताल ले गए। यहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

    दूसरी ओर फरुखनगर थाना क्षेत्र में सुल्तानपुर झील के पास बोलेरो गाड़ी की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार विनय व उनके ममेरे भाई दीपक की मौत हो गई। दोनों बाइक से सुल्तानपुर से घर की तरफ गांव जुडोला जा रहे थे। हादसे के बाद राहगीर दोनों युवकों को गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल ले गए।

    यहां डाक्टरों ने दीपक को मृत घोषित कर दिया। वहीं विनय को सफदरजंग दिल्ली रेफर किया गया था। रास्ते में उन्होंने भी दम तोड़ दिया। मूल रूप से साउथ वेस्ट दिल्ली के गांव डाबड़ी के रहने वाले विनय अपने मामा के घर रहते थे और मामा के साथ दूध के काम में हाथ बंटाते थे।