मेदांता के एमडी डॉ. नरेश त्रेहन के खिलाफ एफआइआर
RIT कार्यकर्ता ने याचिका के माध्यम से डाॅ. नरेश त्रेहन सहित 52 लोगों पर मेदांता मेडिसिटी प्रोजेक्ट के मामले में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। वहीं डॉ. त्रेहन आरोपों से इनकार किया है।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार की अदालत द्वारा जारी आदेश के बाद गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को मेदांता मेडिसिटी के सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहन के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह आदेश शुक्रवार को सूचना का अधिकार (Right to information) कार्यकर्ता रमन शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया था।
बता दें कि आरटीआइ कार्यकर्ता रमन शर्मा ने याचिका के माध्यम से डाॅ. नरेश त्रेहन सहित 52 लोगों के ऊपर मेदांता मेडिसिटी प्रोजेक्ट के मामले में गड़बड़ी करने के आरोप लगाए गए हैं। वहीं, डॉ. नरेश त्रेहन ने आरोपों को पूरी तरह नकारा है।
यह है पूरा मामला
आरटीआइ कार्यकर्ता रमन शर्मा ने बताया कि उन्होंने पिछले वर्ष जून महीने के दौरान मेदांता मेडिसिटी प्रोजेक्ट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय में शिकायत दी थी। निदेशालय ने हरियाणा पुलिस के पास मामले को भेज दिया था। जब गुरुग्राम पुलिस ने कार्रवाई नहीं की फिर उन्होंने तीन दिन पहले अदालत का सहारा लिया। उन्होंने बताया कि पूरा प्रोजेक्ट एक हजार करोड़ रुपये का था। इसे 2009 में पूरा करना था, लेकिन केवल अस्पताल बनाकर छोड़ दिया गया।
प्रोजेक्ट के मुताबिक चिकित्सा कॉलेज, शोध केंद्र, नर्सिंग स्टाफ के लिए क्वार्टर, मरीजों के रिश्तेदारों के लिए गेस्ट हाउस सहित कई सुविधाएं विकसित की जानी थीं, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। मालिकाना हक 51 प्रतिशत रहना चाहिए था, लेकिन वर्तमान में मालिकाना हक इससे कम है। यही नहीं प्रोजेक्ट पूरा करने की बजाय यहां से कमाकर दूसरे प्रदेशों में पैसे लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने अपनी याचिका के माध्यम से डॉ. नरेश त्रेहन के साथ ही उनके सभी पार्टनर सहित 52 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है। इसके बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्वनी कुमार की अदालत ने डॉ. नरेश त्रेहन के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
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