Gurugram News: गुरुग्राम के इस नामी Mall में फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़, अमेरिकी नागरिकों को बनाते थे जालशाजी का शिकार
Gurugram में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ने स्थानीय पुलिस व साइबर अपराध की टीम के साथ मिलकर एक ऐसे ही ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। फर्जी काल सेंटर के नाम पर सभी आरोपित अमेरिकी नागरिकों को अलग-अलग तरीकों से झांसे में लेकर ठगी को अंजाम देते थे।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। इन दिनों पूरे देश में साइबर ठगी (Cyber Fraud) के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। दिल्ली से सटे गुरुग्राम में मुख्यमंत्री उड़नदस्ता (Cm Flying Squad) की टीम ने स्थानीय पुलिस व साइबर अपराध (Cyber Crime) की टीम के साथ मिलकर एक ऐसे ही ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। फर्जी काल सेंटर के नाम पर सभी आरोपित अमेरिकी नागरिकों को झांसे में लेकर ठगी को अंजाम देते थे। सदर थाना में सभी नौ आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम को मिली सूचना
पुलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम को सूचना मिली की सोहना रोड पर सेक्टर-48 में जेएमडी मेगापोलिस माल की सातवीं मंजिल पर 85 हजार रुपये प्रतिमाह किराया देकर छह माह से यह फर्जी काल सेंटर चलाया जा रहा था। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता के पुलिस उपाधीक्षक इंद्रजीत और एसीपी सदर संजीव कुमार बल्हारा के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया और मौके पर छापामारी की गई।
संचालक ने नहीं दिखाएं काल सेंटर के कागजात
पुलिस टीम ने जब जेएमडी मेगापोलिस माल की सातवीं मंजिल पर छापा मारा तो काफी लड़के और लड़कियां अंग्रेजी भाषा में हेडफोन लगाकर बातचीत कर रहे थे। सभी के सामने कंप्यूटर सिस्टम लगे हुए थे। पुलिस ने अवैध रूप से चल रहे इस काल सेंटर संचालक से जब कंपनी रजिस्ट्रेशन और जरूरी कागजात मांगे तो वह कुछ भीनहीं दिखा पाया।
पुलिस ने 9 लोगों को किया गिरफ्तार
पुलिस टीम ने फर्जी काल सेंटर चलाने के आरोप में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। काल सेंटर संचालक दिल्ली रहने वाला सत्येंद्र और दिल्ली का अंकिस सचदेवा है। इसके अलावा अभिसावन सभरवाल, दीपक कुमार, एकलव्य, थामसन, विशाल विश्वकर्मा, चौखोनी और मागौई गंगलुई को गिरफ्तार किया गया।
85 हजार रुपए प्रतिमाह किराए पर लिया था कार्यालय
पुलिस पूछताछ में आरोपिऐ ने स्वीकार किया कि काल सेंटर पिछले छह महीने से चलाया जा रहा है। इसका 85000 प्रतिमाह किराया भी दिया जा रहा है। इससे पहले भी आरोपितों ने काल सेंटर चलाया था। कोविड-19 के समय बंद कर दिया था।
अमेरिकी नागरिकों से करते थे ठगी
फर्जी काल सेंटर में अमेरिकी मूल के नागरिकों को फेडरल ग्रांट्स वाशिंगटन डीसी विभाग के नाम पर ग्रांट देने की बात की जाती थी। इसके लिए नौ हजार से 34 हजार डालर तक की ग्रांट दिए जाने के फर्जी लेटर भी तैयार किए जाते थे। फेडरु ग्रांट्स के फर्जी कर्मचारी बनकर अमेरिकन नागरिकों से दो सौ से 16 सौ डालर तक वसूली करते थे।
बातचीत के लिए तैयार कर रखी थी स्क्रिप्ट
पुलिस ने आरोपितों के पास से पांच पेज की स्क्रिप्ट भी बरामद की है। इस स्क्रिप्ट को काल करने वाले युवक-यवतियों को दिया जाता था। इसी आधार पर अमेरिकी मूल के नागरिकों से बातचीत की जाती थी। स्क्रिप्ट काल सेंटर संचालक सत्येंद्र और अंकिस ने तैयार करके दिया था।
मंत्री उड़नदस्ता के पुलिस उपाधीक्षक इंद्रजीत ने बताया कि सभी आरोपितों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपितों द्वारा की गई सभी वारदातों के बारे में पूछताछ की जाएगी। पूछताछ के दौरान अन्य स्थानों पर चल रहे इस तरह के फर्जी काल सेंटर की जानकारी भी मिलने की उम्मीद है।