बदलते मौसम और बारिश से आंखों में संक्रमण का खतरा, क्या है लक्षण और बचाव के तरीके?
बदलते मौसम और बारिश के कारण गुरुग्राम में आंखों के संक्रमण खासकर कंजंक्टिवाइटिस के मरीज़ बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल के ओपीडी में रोजाना 30-40 मरीज आ रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार यह संक्रमण तेजी से फैलता है। बचाव के लिए आंखों को साफ रखें हाथों को बार-बार धोएं और डॉक्टर की सलाह लें। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। रुक-रुक कर हो रही बारिश और बदलते मौसम के कारण बैक्टीरिया और वायरस तेज़ी से फैल रहे हैं, जिससे जिला अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में आँखों के संक्रमण के मरीज़ों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। हर दिन 30 से 40 मरीज लाल आंखें, पानी आना, जलन और सूजन का इलाज कराने आ रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, यह कंजंक्टिवाइटिस है, जिसे आई फ्लू भी कहते हैं। यह एक जीवाणु संक्रमण है जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वालों में तेजी से फैलता है।
ज़िला सिविल अस्पताल के बाह्य रोगी विभाग में मौसमी बुखार, वायरल संक्रमण और दस्त के मरीज़ों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इन दिनों, 2,300 से ज़्यादा मरीज़ बाह्य रोगी विभाग में आ रहे हैं, जिनमें से 150 से ज़्यादा मरीज़ रोज़ाना आँखों से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं।
इनमें से लगभग 25% मरीज़ एलर्जी और कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं। इसके अलावा, निजी अस्पतालों में भी आँखों के मरीज़ों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिससे मरीज़ों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हो रही है। डॉक्टर मरीज़ों को साधारण एंटीबायोटिक्स देने की सलाह दे रहे हैं।
लक्षण
- आंखों में लालिमा और दर्द।
- आमखों से पानी आना।
- तेज खुजली।
- धुंधला दिखाई देना।
- आंखों में जलन।
- पलकों के बाल पलकों से चिपके हुए।
- ऐसा महसूस होना जैसे आंखों में गंदगी है।
बचाव
- आंखों को साफ पानी से धोएं।
- दिन में कई बार साबुन से हाथ धोएं।
- आंखों को बार-बार छूने से बचें।
- साइकिल चलाते समय हेलमेट या चश्मा पहनें।
- लंबे समय तक मोबाइल फ़ोन या टीवी देखने से बचें।
- डॉक्टर की सलाह के बिना आंखों में कोई भी दवा न लगाएं।
वायरल संक्रमण के कारण फैलता है संक्रमण
बदलते मौसम और बारिश से नमी के कारण वायरल संक्रमण होता है। इससे कंजंक्टिवाइटिस होता है। इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को हाथों की सफ़ाई और अन्य सावधानियों का पालन करना चाहिए। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दवा लेनी चाहिए। - डॉ. लोकवीर, पीएमओ, सिविल अस्पताल
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