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    Haryana Crime: बड़े नेता के ड्राइवर ने महिला दोस्त को मारी गोली, 10 दिन बाद राज से उठा पर्दा

    Updated: Wed, 04 Dec 2024 10:04 PM (IST)

    Gurugram Shooting गुरुग्राम में एक क्षेत्रीय पार्टी के बड़े नेता के ड्राइवर ने महिला साथी को गोली मार दी। महिला का इलाज दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में चल रहा था। मंगलवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। सेक्टर पांच थाना पुलिस ने दस दिनों तक यह घटना छिपाए रखी। दोनों पक्षों में समझौते के प्रयास चल रहे थे।

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    Gurugram News: गुरुग्राम में क्षेत्रीय पार्टी के नेता के ड्राइवर ने महिला मित्र को मारी गोली। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। प्रदेश की एक क्षेत्रीय पार्टी के बड़े नेता के ड्राइवर ने महिला दोस्त को गोली मार दी। वारदात 24 नवंबर की है। महिला का इलाज दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में चल रहा था। मंगलवार को उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई।

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    सेक्टर पांच थाना पुलिस दस दिनों तक यह घटना छिपाती रही। दोनों पक्षों में समझौते के प्रयास चल रहे थे। समझौता नहीं हुआ तो पुलिस (gurugram police) ने मंगलवार को आरोपित के विरुद्ध केस दर्ज किया है।

    बताया जाता है कि बंगाल के रायगढ़ी निवासी 30 वर्षीय महिला अपनी बच्ची के साथ गुरुग्राम के सेक्टर छह में रहती थी। इसका आठ साल पहले पति से तलाक हो चुका था। यह यहां एक पार्लर में काम करती थी। तीन-चार साल पहले इसकी मुलाकात क्षेत्रीय पार्टी के एक बड़े नेता के ड्राइवर से हुई थी। इसके बाद दोनों में दोस्ती और फिर प्रेम संबंध हो गए।

    सूत्रों के अनुसार महिला आरोपित युवक पर किसी बात को लेकर काफी दिनों से दबाव बना रही थी। आरोपित 24 नवंबर को महिला के किराये के घर पहुंचा। यहां पहले दोनों में झगड़ा हुआ। इसके बाद आरोपित पिस्टल से महिला के पेट में गोली मारकर फरार हो गया।

    आसपास के लोगों ने सेक्टर पांच थाना पुलिस को इसकी सूचना दी। इसे गुरुग्राम के सिविल अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर इसे दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में रेफर कर दिया गया। यहां नौ दिन तक इलाज के बाद मंगलवार को उसे छुट्टी दी गई।

    महिला पर डाला गया समझौते का दबाव

    सूत्रों के अनुसार आरोपित महिला पर दस दिनों से समझौते का दबाव डाल रहा था। इसको लेकर लाखों रुपये का भी लालच दिया गया। महिला ने पुलिस को इसके बारे में शिकायत दी थी, लेकिन राजनीतिक रसूख के चलते न सिर्फ मामला दबाया गया, बल्कि केस भी दर्ज नहीं किया गया। समझौता न होने पर मंगलवार को केस दर्ज किया गया।

    वहीं जब पीड़ित महिला से इस बारे में बात की गई तो वह काफी डरी हुई लग रही थी। उसने कहा कि वह अपनी शिकायत वापस ले लेगी। वह लोग दूसरे राज्य के हैं। वह कहां केस लड़ पाएंगे।इसकी बड़ी बहन मेरठ में रहती है। इलाज के बाद वह महिला को अपने घर मेरठ लेकर चली गई।

    थाना प्रभारी से सवाल और उनके जवाब

    गोली मारने जैसी बड़ी वारदात में दस दिनों तक केस दर्ज क्यों नहीं हुआ?

    सेक्टर पांच थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कुलदीप कुमार: महिला स्टेटमेंट के लिए फिट नहीं थी। इसका इलाज चल रहा था। इसके साथ में भी कोई नहीं था, जो जानकारी दे सके।

    • सवाल: प्राथमिक शिकायत तो दर्ज की होगी?

    थाना प्रभारी : कोई जवाब नहीं

    आरोपित द्वारा समझौते का दबाव बनाने की बात सामने आ रही है?

    थाना प्रभारी : ऐसी कोई जानकारी नहीं है।

    • आरोपित का नाम क्या है?

    थाना प्रभारी : यहा जांच का विषय है, इसके बारे में नहीं बता सकते।

    • आरोपित की गिरफ्तारी हो गई है क्या?

    जांच की जा रही है, जल्द ही पकड़ा जाएगा।

    पुलिस प्रवक्ता को भी जानकारी नहीं

    जब इस घटना के बारे में पुलिस प्रवक्ता से पूछा गया तो उनके पास भी इस तरह की कोई जानकारी नहीं थी। डीसीपी वेस्ट करण गोयल से घटना की जानकारी लेने के लिए कई बार फोन किया गया। लेकिन फोन नहीं उठ सका।