दिल्ली से मुंबई और नेपाल तक फैले नाइजीरियन गिरोह के तार, एक साल में पकड़े गए 400 से ज्यादा नशा तस्कर
दिल्ली और एनसीआर में नाइजीरियाई गिरोह का जाल फैला हुआ है जो मुंबई और नेपाल तक मादक पदार्थ सप्लाई करते हैं। गुरुग्राम पुलिस ने कई तस्करों को पकड़ा है जो कोकीन और एमडीएमए जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल थे। गिरोह डार्क वेब के जरिए विदेश से कच्चा माल मंगवाता है। पिछले एक साल में 400 से ज्यादा तस्कर पकड़े गए हैं।

विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। दिल्ली में कई सालों से अपनी जड़े जमाए हुए नाइजीरियन गिरोह के तार एनसीआर के साथ आसपास के राज्याें के बाद मुंबई और नेपाल तक फैले हुए हैं। नाइजीरियन गिरोह कोकेन और एमडीएमए जैसे महंगे मादक पदार्थों को बाजार में तस्करों के जरिए सप्लाई करा रहा है। गुरुग्राम एंटी नारकोटिक्स क्राइम ब्रांच ने बीते एक महीने में कई ऐसे तस्करों को पकड़ा, जो गिरोह के लिए मुंबई और नेपाल में भी काम कर रहे थे।
हाल ही में पिछले सप्ताह गुरुग्राम पुलिस टीम ने दिल्ली से सात नाइजीरियन समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें शामिल एक नेपाली तस्कर गुरुग्राम में नाइजीरिया के नागरिक को मादक पदार्थ देने आया था। इससे पूछताछ के बाद गिरोह में शामिल एक महिला समेत आठ लोगों को पकड़ा गया था।
यह गिरोह विदेश से डार्क वेब के जरिए कच्चा माल मंगवाता था और एनसीआर व अन्य राज्यों के साथ नेपाल में कोकेन की सप्लाई करता था। इसके बाद क्राइम सेल ने 24 जून को एक और नाइजीरियन को सेक्टर 57 हुडा मार्केट में एमडीएमए की सप्लाई करने के दौरान पकड़ लिया।
यह पहले मुंबई में नाइजीरियन गिरोह के लिए काम करता था। वहां डेढ़ साल तक जेल में रहने के बाद यह दिल्ली के नाइजीरियन गिरोह के लिए काम करने लगा। अभी ताजा मामला मुंबई का है। यहां पिछले दिनों छह किलो कोकेन बरामद किया गया। इसकी कीमत करीब 53 करोड़ की थी।
मुंबई में इसकी सप्लाई करने वाले दो लोग दुबई से पहले दिल्ली आए थे। यहां लोकल रूट का इस्तेमाल करते हुए मुंबई गए। पुलिस सूत्रों का मानना है कि दिल्ली में इनकी मदद यहां के मादक पदार्थ गिरोह में शामिल कुछ लोगों द्वारा की गई। नारकोटिक्स सेल ने बताया कि मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले कुछ गिरोह हिमाचल से सुल्फा व अन्य तरह का कच्चा माल भी मंगाते हैं।
मादक पदार्थों की तस्करी में डार्क वेब और सिग्नल एप का इस्तेमाल
नारकोटिक्स सेल ने बताया कि अभी तक पकड़े गए कई तस्करों से पूछताछ में इनके द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी में डार्क वेब और सिग्नल एप के इस्तेमाल की जानकारी मिली है। पकड़े गए तस्कर एक-दूसरे को जानते भी नहीं है।
इन्हें गिरोह में रखवाने वाला कोई तीसरा व्यक्ति होता है। इसलिए पूछताछ में इनसे चेन में शामिल अन्य ज्यादा लोगों के बारे में या गिरोह के सरगना की जानकारी नहीं मिल पाती। ये उन जगहों के बारे में जरूरत बताते हैं, जहां से इन्होंने मादक पदार्थ लिए और लोगों को आगे सप्लाई किए। जहां कहीं भी सप्लाई करनी होती है या सप्लाई लेनी होती है, इसके बारे में सिग्नल एप पर जानकारी आती है।
25 से ज्यादा नाइजीरियन पकड़े गए
नारकोटिक्स सेल के अनुसार पिछले एक साल में नशा तस्करी करने के मामले में 400 से ज्यादा आरोपितों को पकड़ा जा चुका है। इनमें 25 से ज्यादा नाइजीरियन शामिल हैं। 2025 में अभी तक 15 नाइजीरियन ड्रग्स तस्करी में पकड़े गए।
नाइजीरियन गिरोह के सदस्य कई सालों से एनसीआर में अपनी जड़े जमाए हुए हैं। ये मेडिकल या एजुकेशन वीजा पर भारत आते हैं और गिरोह में शामिल होकर अनैतिक धंधे में काम करने लगते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।