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    गुरुग्राम में 13 साइबर ठगों से पूछताछ और डाटा के आधार पर 3906 शिकायतों का पर्दाफाश, 70 करोड़ की ठगी का खुलासा

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 01:57 PM (IST)

    गुरुग्राम पुलिस ने 13 साइबर ठगों से पूछताछ और डेटा विश्लेषण के बाद 3906 साइबर अपराध की शिकायतों का खुलासा किया। आरोपियों ने पूरे भारत में 70 करोड़ 83 हजार रुपये की ठगी की थी। ये ठग फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल और पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धोखा देते थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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    साइबर ठगी की विभिन्न घटनाओं का खुलासा हुआ है। (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर ठगी की विभिन्न घटनाओं की जांच के दौरान बीते महीनों पकड़े गए 13 साइबर ठगों से पूछताछ और इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर से मिले डाटा के आधार पर 3906 शिकायतों का पर्दाफाश किया गया है। इन आरोपितों ने पूरे भारत के लोगों से 70 करोड़ 83 हजार रुपये की ठगी की वारदात काे अंजाम दिया था।

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    एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि विभिन्न मामलों की जांच के दौरान साइबर थाना दक्षिण ने शिवराज, अभिषेक, इनाम जहूर, बैकुंठ गुप्ता, गाेविंद सिंह, शबीर खान, शंकर कुमार, अमरेश दास, कमल, सुमित, शुभम राणा, अमरनाथ व चीकू को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के कब्जे से बरामद किए गए छह मोबाइल फोन का इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर से डाटा निकलवाया गया।

    इससे पता चला कि आरोपितों के विरुद्ध देशभर में लगभग 70 करोड़ 83 हजार रुपये की ठगी करने के संबंध मे कुल 3906 शिकायतें और 114 केस दर्ज हैं। इन अभियोगों में से आठ केस हरियाणा के हैं। जांच में सामने आया कि आरोपित फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल, सेक्सटार्सन, निवेश, फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करते थे।

    पार्ट टाइम जाब के नाम पर ठगी के मामले में दो गिरफ्तार

    पार्ट टाइम ऑनलाइन जाब के नाम पर गुरुग्राम के एक व्यक्ति से हजारों रुपये की ठगी करने के मामले की जांच के दौरान साइबर पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान राजस्थान के भरतपुर के रिंकू और अलवर के रविंद्र के रूप में की गई। दोनों ने ही बैंक खाते साइबर ठगों को बेचे थे।

    16 सितंबर को इस मामले की शिकायत पीड़ित ने साइबर थाना दक्षिण में की थी। उसने शिकायत में कहा था कि ठगों ने वाट्सएप पर पार्ट टाइम जाब का मैसेज भेजा था। इसके बाद टास्क के नाम पर उनसे हजारों रुपये जमा करा लिए गए। मामले की जांच के दौरान पाया गया कि ठगी गई राशि में से 30 हजार रुपये रिंकू के बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे।

    पूछताछ में पता चला कि रिंकू ने अपना बैंक खाता रविंद्र को पांच हजार रुपये में बेचा था। रविंद्र ने इसके समेत 10 बैंक खाते साइबर फ्रॉड करने वाले लोगों को डेढ़ लाख रुपये में बेचे थे। इस आरोपित ने इन रुपयों को यूएस डालर में बदला और उससे एप्पल कंपनी का मोबाइल खरीदा। पुलिस ने इसके पास से वह मोबाइल फोन बरामद किया गया है।