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    चीन के साथ पाकिस्तानी भी लाओस में चला रहे ठगी के कॉल सेंटर, भारत के सैकड़ों लोगों से की करोड़ों की धोखाधड़ी

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:10 AM (IST)

    गुरुग्राम पुलिस ने खुलासा किया है कि लाओस में चीनी नागरिकों के साथ पाकिस्तानी भी ठगी के कॉल सेंटर चला रहे हैं जिससे भारत के सैकड़ों लोग करोड़ों रुपये गंवा चुके हैं। लुधियाना से गिरफ्तार ठगों ने बताया कि वे लोगों को पुलिस अधिकारी बनकर डराते थे। पुलिस ने गृह मंत्रालय को जानकारी दी है और आगे की कार्रवाई जारी है।

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    सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। सौजन्य- जागरण ग्राफिक्स

    विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। भारतीय लोगों से साइबर ठगी करने में चीनी नागरिकों के साथ पाकिस्तानी मूल के लोग भी शामिल हैं। लाओस में पाकिस्तानी नागरिक ठगी के बड़ी संख्या में कॉल सेंटर संचालित कर रहे हैं, जहां पर हजारों लोग हर दिन भारत समेत अन्य देशों में रहने वाले हजारों लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं।

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    इन्हीं कॉल सेंटरों में महीनों तक काम कर चुके पांच लोगों को बीते दिनों लुधियाना से गुरुग्राम साइबर पुलिस ने पकड़ा था। इन्हें पांच से आठ दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। इस दौरान वहां के कॉल सेंटर और उन्हें संचालित करने वाले चीनी और पाकिस्तानी नागरिकों के बारे में जानकारी मिली।

    गुरुग्राम के व्यक्ति से लाखों रुपये की धोखाधड़ी के एक मामले की जांच के दौरान साइबर पुलिस उन लोगों तक पहुंची जिनके खातों में ठगी की राशि गई थी। इसमें एक खाताधारक लुधियाना का रहने वाला मानव था। जब इससे पूछताछ की गई तो लाओस में काम कर चुके इसके भाई शिवा व अन्य साथियों के बारे में पता चला।

    जानकारी मिली कि यह ठगी लाओस से हुई थी और फिलहाल पांच आरोपित इस समय लुधियाना आए हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने शिवा समेत इसके साथी हेमंत, रीतिका, प्राची और सेजल को गिरफ्तार किया था।

    रिमांड के दौरान पूछताछ में पता चला कि ये सभी एक डेढ़ साल पहले कंबोडिया और फिर इसी साल मार्च में एक पाकिस्तानी दोस्त के बुलाने पर लाओस गए थे। यह पाकिस्तानी दोस्त भी पहले इनके साथ कंबोडिया में कॉल सेंटर में काम कर चुका था।

    कॉल सेंटरों में 50 हजार से ज्यादा लोग कर रहे ठगी

    इन आरोपितों ने बताया कि ये सभी लाओस के गोल्डन ट्रैंगल स्थित चीनी और पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा संचालित कॉल सेंटर में पहले लेयर में काम कर रहे थे। इनका काम लोगों को फोन करना और अपने आप को पुलिस अधिकारी बताकर झांसे में लेना था।

    यह भी पता चला कि लाओस में बड़ी संख्या में चीन के साथ पाकिस्तानी नागरिक भी ठगी के धंधे में शामिल हैं और वर्षों से कॉल सेंटर संचालित कर रहे हैं। इन कॉल सेंटरों में 50 हजार से ज्यादा लोग ठगी कर रहे हैं।

    एक-एक व्यक्ति 30-30 लोगों को फोन कर झांसे में लेता है। इनमें भारतीय, पाकिस्तानी और अफ्रीकन नागरिक शामिल हैं। अन्य आरोपितों की जानकारी मिली, बाढ़ के कारण रुका आपरेशन साइबर पुलिस के अनुसार इन आरोपितों को रिमांड के बाद शनिवार को जेल भेज दिया गया।

    इन्होंने अपने कुछ साथियों के नाम भी बताए, जो इन्हें बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। आरोपितों को बैंक खातों के बदले कमीशन और रुपये दिए जाते थे। ये आरोपित भी पंजाब के रहने वाले हैं। हालांकि, इस समय पंजाब के कुछ जिलों में बाढ़ आने के कारण आरोपितों की तलाश का अभियान रुका हुआ है। जल्द ही साइबर पुलिस की एक टीम पंजाब में छापेमारी कर आरोपितों को गिरफ्तार करेगी।

    गृह मंत्रालय को साझा की गई जानकारी

    एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया लुधियाना से पकड़े गए सभी आरोपितों से पूछताछ में काफी कुछ जानकारियां मिली हैं। विदेश में चल रहे ठगी के कॉल सेंटरों से जुड़ी जानकारी गुरुग्राम पुलिस ने गृह मंत्रालय से साझा की है। इस समय डिजिटल अरेस्ट व बड़ी साइबर ठगी विदेशों से हो रही है। आरोपितों के पकड़े जाने के बाद ठगी पर लगाम लग सकती है।