सिर पर आया मानसून, नई सड़कें बनने का इंतजार
नाम साइबर सिटी और हालात किसी गांव से भी बदतर हैं। करोड़ों रुपये प्रापर्टी टैक्स सहित अन्य टैक्स देने वालों को अच्छी सड़कों की भी सुविधा नहीं है।

संदीप रतन, गुरुग्राम : नाम साइबर सिटी और हालात किसी गांव से भी बदतर हैं। करोड़ों रुपये प्रापर्टी टैक्स सहित अन्य टैक्स देने वालों को अच्छी सड़कों की भी सुविधा नहीं है। मुख्य सड़कों के गड्ढे तो दर्द दे ही रहे हैं, वहीं सेक्टरों की सड़कें भी हल्की बारिश में ताल-तलैया बन रही हैं। आरडब्ल्यूए, पार्षद सहित कई जनप्रतिनिधि जीएमडीए, नगर निगम सहित संबंधित विभागों से सड़कों की मरम्मत करने की गुहार लगा चुके हैं। किंतु अब मानसून सिर पर है और सड़कें खस्ताहाल हैं। ऐसे में शहर के बाशिदों का सब्र टूटने लगा है।
शनिवार को सेक्टर 46 आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों व सेक्टर के निवासियों ने नगर निगम और प्रशासन तक अपना संदेश पहुंचाने के लिए अनूठा तरीका अपनाया। लोगों ने सेक्टर की सड़कों के गहरे गड्ढों में पौधे लगाने की शुरुआत की। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष आरके यादव ने कहा कि निगम और प्रशासन के अधिकारी हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। सड़कों के गढ्डों पौधे लगाने का अभियान शुरू किया गया है। सड़कें तो ठीक होने की उम्मीद नहीं है, कम से कम शहर तो हरा-भरा होगा और लोगों को आक्सीजन मिलेगी। बता दें कि इस महीने के अंत में एनसीआर में मानसून के दस्तक देने की उम्मीद है।
सेक्टर 82 में अधर में सड़क निर्माण स:
सेक्टर 82-83 डिवाइडिग रोड का काम अधर में लटका है। लगभग एक महीने में भी 700 मीटर लंबी सड़क का काम पूरा नहीं हुआ है। इससे वाटिका, मैपस्को कासाबेला, पैराडाइज, रायल विले, डीएलएफ प्राइमस सहित आसपास की सोसायटियों के निवासी परेशान हैं।
धीमी गति से चल रहा डीडीआर चौक सड़क निर्माण :
इस क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए सड़क पर ही निर्माण सामग्री रखी हुई है। इससे ट्रैफिक बाधित होता है। वर्षा से पहले सड़कों का निर्माण नहीं होने से लोग परेशान हैं। मानसून सीजन की शुरुआत के बाद सड़क निर्माण कार्य बंद हो जाएंगे।

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