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    व्रती आज देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 19 Nov 2020 06:56 PM (IST)

    लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को खरना संपन्न हो गया। व्रतियों ने गुड़ एवं चावल से खीर बनाकर तथा घी लगी रोटी का भोग छठी मइया को लगाया ...और पढ़ें

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    व्रती आज देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को खरना संपन्न हो गया। व्रतियों ने गुड़ एवं चावल से खीर बनाकर तथा घी लगी रोटी का भोग छठी मइया को लगाया। इसके बाद खीर एवं रोटी का प्रसाद वितरित किया गया। तीसरे दिन यानी शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाएगा। कोविड-19 को ध्यान में रखकर शहर में सेक्टर-पांच में बाबा प्रकाशपुरी चौक के नजदीक सेक्टर-10ए स्थित सामुदायिक भवन सहित कई जगह सामूहिक रूप से पूजन करने की व्यवस्था की गई है। हालांकि अधिकांश लोग इस बार अपने घरों में ही छठी मइया का पूजन करेंगे। लोगों में जागरूकता का असर यह है कि खरना के पूजन से पहले भी अधिकतर व्रती जहां घाट पर जाकर पूजन करते हैं, वहीं इस बार बहुत कम संख्या में पहुंचे।

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    बृहस्पतिवार सुबह से ही खरना को लेकर तैयारी शुरू हो गई थीं। शाम होते ही व्रतियों ने सबसे पहले स्नान किया। इसके बाद खीर एवं रोटी बनाई गई। खरना संपन्न होने के साथ ही व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य को देने की तैयारी शुरू कर दी। छठी मईया के पूजन के लिए कई तरह के प्रसाद बनाए जाते हैं लेकिन इनमें सबसे विशेष ठेकुआ का प्रसाद होता है। दुनिया के किसी कोने में रहने वाले पूर्वांचल के लोग जो व्रत करते हैं वे ठेकुआ निश्चित रूप से बनाते हैं। जो किसी कारणवश नहीं बना पाते हैं वे दूसरों से बनवाते हैं। छठ के गीतों से वातावरण गुंजायमान

    छठ के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान होने लगा है। कांच ही बांस के बंसुरीया बंहंगी लचकत जाय, मारवो रे सुगवा धनुष से.. आदि छठी मईया के गीत पूर्वाचल समाज के लोगों के घरों में बज रहे हैं। व्रत करने वाली काफी महिलाएं स्वयं भी छठी मईया के गीतों को गाती हुई दिखाई दे रही हैं। कोविड-19 के बाद भी व्रतियों का उत्साह कम नहीं है। पहले घाटों (जहां पानी में खड़े होकर व्रती भगवान सूर्य की पूजा करते हैं) पर पूजन का माहौल दिखाई देता था, इस बार अधिकतर घरों में माहौल दिख रहा है।

    शुक्रवार शाम पूजन के बाद अगले दिन शनिवार सुबह उगते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाएगा। इसके साथ ही चार दिवसीय महापर्व संपन्न हो जाएगा। जन सेवा एवं सांस्कृतिक चेतना मंच के अध्यक्ष रणधीर राय एवं पाटलीपुत्र सांस्कृतिक चेतना समिति के मंत्री संत कुमार ने लोगों से अपील की है कि वे पूजन के दौरान कोविड-19 के निर्देशों का हर हाल में पालन करें।