इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारी से जातिसूचक शब्द कहकर अभद्रता, बेंगलुरू में FIR दर्ज; गुरुग्राम पुलिस को ट्रांसफर
इंडिगो एयरलाइंस के एक कर्मचारी ने गुरुग्राम में कंपनी की बैठक के दौरान वरिष्ठ सहयोगियों द्वारा जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। बेंगलुरु के पीड़ित कर्मचारी ने शिकायत दर्ज कराई, जिसे बाद में गुरुग्राम स्थानांतरित कर दिया गया। उसने बताया कि उसे लगातार जाति आधारित उत्पीड़न, भेदभाव और धमकियों का सामना करना पड़ा।

एयरलाइंस कर्मी के साथ जातिसूचक शब्द कहकर अभद्रता।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। विमानन कंपनी इंडिगो एयरलाइंस के कर्मचारी से कंपनी के अन्य सीनियर कर्मचारियों द्वारा जातिसूचक शब्द कहकर अभद्रता करने का मामला सामने आया है। घटना 28 अप्रैल को गुरुग्राम के सेक्टर 24 स्थित एमार कैपिटल टावर में एक बैठक के दौरान की है। बेंगलुरू के रहने वाले पीड़ित कर्मचारी ने इस मामले में 21 मई को बेंगलुरू के संपीगेहल्ली थाने में लिखित शिकायत दी थी।
बेंगलुरू पुलिस ने जीरो एफआईआर कर 22 जून को मामला गुरुग्राम ट्रांसफर कर दिया। डीएलएफ फेस एक थाना पुलिस अब मामले की जांच करेगी। बेंगलुरू के शोभा सिटी सेंटोरिनी के रहने वाले 35 वर्षीय शरण ए. ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि वह इंडिगो एयरलाइंस में कार्यरत हैं। वह आदि द्रविड़ समुदाय से आते हैं। उनके साथ कार्यस्थल पर कई बार जाति आधारित टिप्पणी की गई। हद तब हो गई, जब उन्हें 28 अप्रैल को गुरुग्राम के सेक्टर 24 स्थित एमार कैपिटल टावर में कंपनी की एक बैठक में बुलाया गया।
जाति आधारित मौखिक दुर्व्यवहार, भेदभाव और धमकियां दी गईं
आरोप है कि यहां कंपनी कर्मचारियों तापस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल ने अपमानजनक टिप्पणी की। जाति आधारित मौखिक दुर्व्यवहार, भेदभाव और धमकियां दी गईं। उनकी पैतृक जाति की नौकरी का जिक्र करते हुए सभी के सामने उनका अपमान किया गया। कहा कि इससे पहले भी उन्हें निरंतर और लक्षित उत्पीड़न व भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा। गलती के बिना भी उन्हें कई चेतावनी पत्र जारी किए गए। वेतन कटौती, बिना किसी वैध कारण के बीमारी की छुट्टी में कटौती, स्टाफ यात्रा और एसीएम विशेषाधिकार रद्द कर दिए गए। बिना सबूत के चेतावनी पत्र जारी किए गए।
आरोपितों द्वारा दबाव बनाने और इस्तीफे के लिए मजबूर तक किया गया। बैठक के बाद उन्होंने मामले की सूचना इंडिगो एयरलाइंस के सीईओ और एथिक्स कमेटी को दी।लेकिन इस अन्याय को दूर करने या गरिमा व अधिकारों की रक्षा के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरू पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराकर न्याय की मांग की।
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