भारतीय मुक्केबाजों ने बर्मिघम में दोहराया नई दिल्ली का इतिहास
कोई नहीं टक्कर में कहां पड़े हो चक्कर में। बर्मिघम जाने से पहले प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को यह स्लोगन कहा था और मुक्केबाज अमित नीतू और निखत जरीन ने गंभीरता से लिया है।

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम : कोई नहीं टक्कर में, कहां पड़े हो चक्कर में। बर्मिघम जाने से पहले प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को यह स्लोगन कहा था और मुक्केबाज अमित, नीतू और निखत जरीन ने गंभीरता से लिया है। जिन राष्ट्रमंडल खेलों को मुक्केबाजों के लिए पदक जीतना मुश्किल माना जाता है, वहां भारतीय मुक्केबाजों ने तीन स्वर्ण पदक समेत सात पदक हासिल कर 2010 नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों का इतिहास दोहरा दिया। नई दिल्ली खेलों में भारत के मुक्केबाजों ने तीन स्वर्ण पदक जीते थे।
बर्मिघम में 51 किग्रा में अमित ने स्वर्ण, 57 मोहम्मद हुसामुद्दीन कांस्य, 67 रोहित ने कांस्य, प्लस 92 सागर ने रजत और 48 नीतू ने स्वर्ण तथा 50 किग्रा में निखत जरीन ने स्वर्ण और 60 किग्रा में जैस्मिन ने कांस्य पदक हासिल किया।
राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन पहली बार 1930 में हुआ था और भारत ने पहली बार 1934 के खेलों में भाग लिया था। राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय मुक्केबाजों के लिए कितने कड़े मुकाबले होते हैं, यह अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत के किसी मुक्केबाज ने पहला पदक जीतने में 30 साल लग गए। 1970 के एडिनबर्ग खेलों में शिवाजी भोंसले ने देश के लिए पहला कांस्य पदक जीता था। जबकि राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के मुक्केबाजों को पहला स्वर्ण पदक जीतने में 72 साल लगए थे। भारत के मुक्केबाज मोहम्मद अली कमर ने वर्ष 2002 मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर 72 साल का सूखा खत्म किया था।
राष्ट्रमंडल खेलों में पदक :
1934 से बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेलों तक भारत के मुक्केबाज अभी तक 11 स्वर्ण,13 रजत, 20 कांस्य समेत 44 पदक जीत चुके हैं। राष्ट्रमंडल में अबतक भारत का उत्कृष्ट प्रदर्शन नई दिल्ली 2010 में रहा है यहां पर तीन स्वर्ण पदक समेत 07 पदक जीते थे और उसके बाद अब बर्मिघम में मुक्केबाजों का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज :
- मोहम्मद अली कमर, वर्ष 2002 मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेल
- अखिल कुमार, वर्ष 2006 मेलबर्न राष्ट्रमंडल खेल
- मनोज कुमार, वर्ष 2010 नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल
- सुरंजय सिंह, वर्ष 2010 नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल
- परमजीत समोता, वर्ष 2010 नई दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल
- मैरी काम, वर्ष 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल
- विकास कृष्णा यादव, वर्ष 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल
- गौरव सोलंकी, वर्ष 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल
- अमित पंघाल, 2022 बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेल
- नीतू, 2022 बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल
- निखत जरीन,2022 बर्मिघम राष्ट्रमंडल खेल
एशियाड खेल :
1951 में शुरू हुए एशियाड खेलों में भारतीय मुक्केबाज अभी तक 10 स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
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