Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे तू, मैं जहां रहूं जहां में याद रहे तू

    'ये वतन-वतन मेरे आबाद रहे तूं, मैं जहां रहूं जहां पे याद रहे तू' देशभक्ति से ओतप्रोत गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर छात्राओं के एक दल ने हर किसी के रोम-रोम में देशभक्ति की भावना का संचार कर दिया। इस अवसर पर वहां उपस्थित लोगों ने उनकी प्रस्तुति की भरपूर सराहना की। बच्चों से लेकर बड़ों तक को इन्होंने अपनी नृत्य प्रतिभा से थिरकने पर मजबूर कर दिया। मामला सिर्फ एक प्रस्तुति तक ही सीमित नहीं रहा एक के बाद एक पेशकश ने लोगों को उत्साह, उल्लास और आनंद से भर दिया। मंत्रमुग्ध हो लोग काफी देर तक तालियों की बरसात करते रहे।

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 12 Aug 2018 06:39 PM (IST)
    ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे तू, मैं जहां रहूं जहां में याद रहे तू

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: 'ए वतन-वतन मेरे आबाद रहे तू, मैं जहां रहूं जहां में याद रहे तू' देशभक्ति से ओतप्रोत इस फिल्मी गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर छात्राओं के एक दल ने हर किसी के रोम-रोम में देशभक्ति की भावना का संचार कर दिया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने प्रस्तुति की भरपूर सराहना की। बच्चों से लेकर बड़ों तक को इन्होंने अपनी नृत्य प्रतिभा से थिरकने पर मजबूर कर दिया। मामला सिर्फ एक प्रस्तुति तक ही सीमित नहीं रहा एक के बाद एक पेशकश ने लोगों को उत्साह, उल्लास और आनंद से भर दिया। मंत्रमुग्ध हो लोग काफी देर तक तालियों की बरसाते करते रहे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह मनोहारी दृश्य रविवार की राहगीरी के दौरान देखने को मिला। मौसम के बेहतरीन मिजाज के बीच लोगों ने राहगीरी का जमकर लुत्फ उठाया। सुबह पांच बजे से ही सेक्टर-56 रोड पर सैकड़ों की संख्या में लोग उतर आए। हर किसी में देश के प्रति प्यार और भक्ति की भावना प्रदर्शित हो रही थी। लोगों की इसी भावना ने राहगीरी को जीवंत बना दिया। विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी देशभक्ति गीतों के रंग में रचे गीत और नृत्य प्रस्तुत किए।

    राहगीरी की राह में रोजाना की तरह लोग वॉ¨कग, र¨नग, योग करते हुए और विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे थे, कि तभी एक गीत की धुन ने सभी को अपनी ओर बरबस आकर्षित कर लिया। देखते ही देखते वहां हुजूम उमड़ आया। यहां एक डांस अकादमी की छात्राओं ने 'ऐ वतन-वतन मेरे आबाद रहे तूं, मैं जहां रहूं जहां में याद रहे तू' गीत पर बेजोड़ नृत्य पेश कर रही थीं।

    राहगीरी फाउंडेशन की सारिका भट्ट ने कहा कि राहगीरी का यह रंग सभी को अपनी ओर आकर्षित करने वाला साबित हुआ। यहां हर सप्ताह आयोजित होने वाले कार्यक्रम के साथ-साथ कई अनूठी चीजें भी देखने को मिली। कुल मिलाकर यह राहगीरी देशप्रेम के नाम समर्पित रही। फिटनेस के प्रति भी लोगों में काफी क्रेज रहा। फिटनेस गुरु के तौर पर नजर आ रहे मि¨लद ने कहा कि देश की सेवा के लिए हर नागरिक का फिट रहना जरूरी है। डीपीएस सुशांतलोक, ¨कडर प्लम स्कूल और द वेंकटेश्वर के प्रतिभागियों ने गीतों और नृत्य की प्रस्तुति दे सभी को मंत्रमुग्ध किया। नृत्य में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागी तीन से 18 आयुवर्ग के थे। सोलो, कथक और ग्रुप डांस सभी को खूब पसंद आए। लैंगिक समानता के प्रति किया जागरूक

    राहगीरी के दौरान एक दल ने लैंगिक समानता पर एक नाटिका का मंचन किया। इस दौरान लोगों को बताया गया कि बेटी और बेटे में किसी प्रकार का भेद उचित नहीं है। आज बेटियां वो सभी काम कर रही हैं, जिनकी सिर्फ बेटों से ही उम्मीद की जाती थीं। विभिन्न क्षेत्रों में उनकी मौजूदगी बढ़ रही है। बेटे की तरह ही वह परिवार का भी सहारा बन रही हैं। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान भी प्रस्तुत किया गया।