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    डाक्टरों ने कहा, हर बीमारी का इलाज है बस समय पर डाक्टर के पास जाएं

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 07 Apr 2021 06:38 PM (IST)

    लोगों की जीवनशैली बदल जाने के साथ ही बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया। आरामदायक जीवन और फास्ट-फूड का खाना बीमारियों को बढ़ा रहा है। धूमपान व शराब ...और पढ़ें

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    डाक्टरों ने कहा, हर बीमारी का इलाज है बस समय पर डाक्टर के पास जाएं

    लोगों की जीवनशैली बदल जाने के साथ ही बीमारियों का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ गया। आरामदायक जीवन और फास्ट-फूड का खाना बीमारियों को बढ़ा रहा है। धूमपान व शराब का सेवन युवाओं तक को बीमार बना रहा है। भारत में ऐसे लोगों की संख्या आज भी अधिक है जो बीमारी की अनदेखी करते रहते हैं और डाक्टर के पास तब पहुंचते हैं जब बीमारी खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुकी होती है। लोगों ने अपनी जीवनशैली बदल ली लेकिन बीमारी के प्रति जागरूक नहीं हुए हैं। महिलाओं से लेकर पुरुष तक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह है। विश्व स्वास्थ्य दिवस पर बुधवार को दैनिक जागरण द्वारा गुरुग्राम कार्यालय में आयोजित हेलो जागरण में फोन पर लोगों ने बीमारियों को लेकर मुफ्त सलाह ली। इस बार हेलो जागरण में एक साथ तीन अलग-अलग बीमारी से संबंधित विशेषज्ञ डाक्टर शामिल हुए थे। इनमें शहर के प्रसिद्ध कोलंबिया एशिया अस्पताल की महिला रोग वरिष्ठ विशेषज्ञ डा. ज्योति शर्मा व वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. मोनिक मेहता और फिशर, बवासीर व आंत की बीमारी के सर्जरी विशेषज्ञ डा. मृगांका शेखर शर्मा शामिल थे।

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    महिला रोग विशेषज्ञ:

    महिला रोग विशेषज्ञ डाक्टर डा. ज्योति शर्मा के पास आए फोन में ऐसे मरीजों की संख्या अधिक रही, जिनकी आयु अधिक है और अधिक दिनों से बीमारी से ग्रस्त होने के बाद भी डाक्टरों से दूर है। डाक्टर ने कहा कि महिलाओं ने बीमारी के प्रति जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई बेटी 12-13 वर्ष की आयु में प्रवेश करती है तो मां को एक सहेली और उसकी डाक्टर भी बनना चाहिए। डाक्टर शर्मा ने कहा कि अधिक आयु वाली महिलाएं कई तरह की बीमारियों से परेशान रहती हैं लेकिन परिजन इसके लिए अधिक आयु होने को कारण मानते हैं, जो गलत है। हर आयु में बीमारी का बेहतर इलाज है। मरीज को किसी भी बीमारी से राहत दिलाई जा सकती है। हृदय रोग विशेषज्ञ:

    वहीं हृदय रोग विशेषज्ञ डा. मोनिक मेहता का कहना है कि आज हृदय रोग सिर्फ बुजुर्ग लोगों को ही नहीं, बल्कि युवाओं में भी हो रहा है। आज धूमपान व शराब, फास्ट फूड का सेवन युवाओं में बढ़ रहा है, जबकि यह व्यक्ति को हृदय रोगी बनाने में सबसे बड़ा कारण है। इन्हीं के कारण किडनी व अन्य बीमारी होने का खतरा है। सुबह-शाम वाक व एक्सरसाइज करने के अलावा हरी सब्जी व फलों का अधिक सेवन करना चाहिए। शुगर व बीपी पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है। डाक्टर ने कहा कि हार्ट सर्जरी कराने के बाद मरीज सोचता है कि उसे अब दोबारा बीमारी नहीं होगी, तो वह गलत सोच रहा है। हर वर्ष जांच कराने के साथ डाक्टर की सलाह पर दवा लेना या कम करना चाहिए। अगर सर्जरी के बाद दर्द रहता है तो डाक्टर को दिखाने में कोई देरी ना करें। लोगों को हृदय रोग के लक्षणों को पहचानना होगा। अगर लोग हृदय रोग के लक्षणों को पहचान लेंगे, तो हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या कम होगी। आज इलाज अच्छा है लेकिन लोगों में बीमारी के प्रति लापरवाही का स्तर बड़ा है। फिशर ,बवासीर आंत रोग सर्जरी विशेषज्ञ:

    फिसर ,बवासीर जैसी बीमारी के सर्जरी विशेषज्ञ डा. मृगांका शेखर शर्मा का कहना है कि सबसे पहले तो मरीज को डाक्टर के पास जाने में देरी नहीं करनी चाहिए। बीमारी होने पर परिजनों और डाक्टर को बताने में किसी तरह की शर्म नहीं करनी चाहिए। आज भी लोग इस बीमारी को छिपाते हैं, जबकि इस बीमारी का इलाज है और यह किसी को भी हो सकती है। इसके होने के कारणों पर ध्यान दिया जा सकता है। इसके कई कारण हैं। अधिक मसालेदार खाना-पान के अलावा भी कई कारण है। जैसे कुछ लोगों को लंबे समय तक खड़े रहना पड़ता है या फिर भारी वजन उठाना पड़ता है, उन्हें भी बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इतना ही नहीं, अधिकतर गर्भवती महिलाओं को कब्ज की शिकायत लंबे समय तक बनी रहती है। ऐसे में उन्हें बवासीर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। अधिकतर महिलाओं को गर्भावस्था में बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह तो हम सभी जानते हैं कि मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोटापे के कारण व्यक्ति को बवासीर की समस्या हो सकती है।

    -------- - मेरा नाम खुशीराम है। मेरी आयु 60 वर्ष के करीब है। मेरी छाती में दर्द रहता है। मैं घी भी खाता हूं।

    - खाना बुरा नहीं है लेकिन यह युवाओं के लिए बेहतर है जो कसरत या ताकत वाला काम करते हैं। आपकी आयु ज्यादा है तो आपको नहीं खाना चाहिए। इस आयु में घी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे हृदय रोग का खतरा रहता है। आपकी छाती में दर्द रहता है तो आप घी का सेवन बंद कर दें और डाक्टर से जांच कराएं। जांच कराने में कोई लापरवाही ना करें। लोग सोचते हैं कि डाक्टर आपरेशन करेंगे, जबकि जरूरी नहीं है कि मरीज को स्टेंट ही डाले जाएं। कई बार दवा व एक्सरसाइज से ठीक हो जाता है।

    - मेरा नाम लोकेश व आयु 40 वर्ष है। जब दौड़ लगाता हूं तो छाती में दर्द होता है। जब दौड़ना बंद करता हूं तो आराम रहता है।

    - इस आयु में यह दर्द नहीं होना चाहिए लेकिन आप इसकी तुरंत जांच कराएं। आप जो बता रहे हैं उससे साफ है कि आपको हृदयघात का खतरा है। आप फिलहाल दौड़ लगाना बंद कर दें। डाक्टर की सलाह पर कसरत करना शुरू करें। डाक्टर जांच के बाद कारणों को बताएंगे। - मेरा नाम महेंद्र व आयु 73 वर्ष है। पांच साल पहले स्टेंट डलवाए थे अब सिर दर्द व छाती में कभी कभी दर्द रहता है।

    - पहले आप अपने शुगर व बीपी की जांच करा लें और कुछ दिन लगातार जांच करें। साथ में डाक्टर से दिखाकर जांच कराएं। आप सोच रहे हैं कि पांच साल पहले स्टेंट डल चुके हैं तो अब कुछ नहीं होगा। जबकि समय-समय पर जांच कराने की जरूरत होती है। आपने स्टेंट डलवाने के बाद एक बार भी जांच नहीं कराई है। - मेरा नाम सुनील कुमार है और कुछ माह पहले हृदय सर्जरी हुई है। दर्द अभी भी रहता है। खून पतला करने के लिए कसरत भी करता हूं।

    - आप अपने डाक्टर को दिखाएं। कसरत करना अच्छा है लेकिन कई बार हृदय रोगी के लिए कसरत करना ठीक नहीं रहता है। आप आपने डाक्टर की सलाह पर कसरत करें। वही बताएंगे कि किस स्तर तक कसरत करनी है। व्यक्ति सोचता है कि ज्यादा कड़ी कसरत करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, जबकि हृदय रोगी को ज्यादा कड़ी कसरत से बचना चाहिए। आप योग व सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। उससे आपको अधिक लाभ मिलेगा। - मेरा राम विक्रम है। मुझे कोलेस्ट्राल की मात्रा कम है। कम होने से कोई खतरा तो नहीं है?

    - व्यक्ति में ज्यादा कोलेस्ट्राल होने से खतरा रहता है। कम होने से कोई खतरा नहीं रहता है। फिर भी आपको लगता है तो अपने डाक्टर से सलाह कर लें। वैसे यही कोई बड़ी गंभीर व चिता करने वाली बात नहीं है।

    - डाक्टर साहब मेरा नाम मुकेश है। मुझे शुगर है। क्या इससे हार्ट अटैक का खतरा है।

    - शुगर में हार्ट अटैक का खतरा है। कम करने के लिए दवा ले और आप सुबह-शाम वाक करे। जितनी वाक करेंगे उतना अधिक फायदा होगा। ऐसी कोई भी सामग्री व फल का सेवन करने से बचें, जो शुगर को बढ़ावा देती हो। आप डाक्टर से जांच कराकर दवा लें। अगर चलने से सीने में दर्द होता है तो आप अपनी जांच जरूर कराएं। . मेरा नाम रोहित है और आयु 26 वर्ष। मेरे सीने में जलन होती है।

    - जलन कई बार अन्य कारणों से होती है फिर भी आप फास्ट-फूड खाना बंद कर दें और डाक्टर से जांच कराएं। सुबह-शाम वाक शुरू कर दें। उससे बड़ा लाभ मिलेगा। कोशिश करें कि भोजन अधिक मसालेदार ना खाएं। हरी सब्जी का अधिक सेवन करें और टमाटर व खीरा सलाद में लें। बाजार का खाना खाने से बचें। क्योंकि बाजार का खाना भी बड़ा कारण हो सकता है। . मेरा नाम अवधेश है। मेरी हार्ट सर्जरी हो चुकी है। खून पतला करने की गोली ले रहा हूं। कितना पतला होना चाहिए खून।

    - खून पतला होना चाहिए लेकिन ज्यादा पतला भी होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। आप डाक्टर की सलाह पर ही खून पतला करने की दवा लें। कोशिश करें कि सुबह-शाम वाक करें और घी आदि का सेवन ना करें। अगर आप खेत में काम करते हैं या अन्य कोई मेहनत वाला काम करते हैं तो आपको खून पतला करने के लिए अधिक दवा खाने की जरूरत नहीं है। - मेरा नाम समय सिंह और आयु 79 वर्ष है। रक्त में चिकनाई है। क्या मुझे हार्ट अटैक का खतरा है?

    - इस सबकी जांच कराने की जरूरत है। अगर डाक्टर ने जांच में आपके खून में चिकनाई अधिक बताई है तो उसने कारण व खतरा भी बताया होगा। अगर आप मुझसे पूछना चाहते हैं तो मैं आपके अन्य कई जांच कर फिर बता सकता हूं कि कितना खतरा है या नहीं। क्योंकि ऐसे बिना रिपोर्ट देखे कुछ राय देना सही नहीं होगा। . मेरा नाम हिम्मत सिंह चौधरी व आयु 62 वर्ष है। वाक करने में सांस फूलती है।

    - अगर सांस पहले से ही फूल रही है तो आपको पहले ही डाक्टर को दिखाना चाहिए था। अगर कुछ दिनों में शुरू हुआ है तो डाक्टर से जांच कराना होगा। आपका कहना है कि वाक करना बंद करने से सामान्य हो जाता है तो सकता है कि वायु प्रदूषण के कारण हो रहा हो। . मैं 76 वर्षीय ओमप्रकाश बोल रहा हूं। वर्ष 2008 में स्टेंट डलवाए थे। क्या अब दोबारा हार्ट अटैक होने का खतरा है?

    - पहली बात है कि खतरा बिल्कुल है। जो यह मान लेता है कि स्टेंट डलवाने के बाद खतरा नहीं रहता है तो वह गलत सोच रहा है। अगर आपको कोई परेशानी हो रही है, जैसे हल्का दर्द तो डाक्टर से जांच कराएं। वह दवा देगा और आराम हो जाएगा। आपको डाक्टर से मिलना नहीं छोड़ना है, ताकि दवा नियमित चलती रहे। इसमें दवा चलती रहेगी। . मेरा नाम प्रताप व आयु 65 वर्ष है। सांस फूलती है। क्या दमा या हृदय की बीमारी है।

    - जांच करने से पता चलेगा कि हृदय रोग है या दमा की बीमारी है। आपका कहना है कि हाल के कुछ दिनों से ऐसा हो रहा है तो आपको दमा बीमारी होने का चांस कम है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हृदय रोग है। कई बार मौसम के कारण ऐसा हो जाता है लेकिन एक बार डाक्टर से दिखाना व जांच कराना जरूरी है। आप जब वाक करें तो कुछ दूरी चलने के बाद कुछ मिनट आराम करें और फिर वाक करें। ऐसा करने से आप अधिक वाक कर पाएंगे और आराम मिलेगा। . मेरा नाम बीना व आयु 62 वर्ष है। कुछ दिन पहले मेरे ब्रेस्ट से दूध निकला था। क्या कोई खतरा है?

    - यह कोई खतरे की बात नहीं है। इसको लेकर घबराएं नहीं। आपका कहना है कि पहले ऐसा हुआ था अब ऐसा नहीं है तो आप बिल्कुल स्वस्थ है। अगर हर रोज बार-बार निकलता तो डाक्टर को दिखाने की जरूरत थी लेकिन अब नहीं। कई बार ऐसा हो जाता है। . मेरी आयु 25 वर्ष है और नाम अनिता है। पेट में दर्द रहने के साथ सफेद पानी आता रहता है।

    - आपका कहना है कि पिछले 5-6 साल से ऐसा हो रहा है। आपको डाक्टर को दिखाना चाहिए था। इसमें आपकी नली में सूजन हो सकती। अन्य कारण भी हो सकते हैं। आपको डाक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है। आयु अधिक नहीं है और आप बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रही हैं, जबकि इसके कई कारण हो सकते हैं। - मेरा नाम मंजू व आयु 38 वर्ष हैं। कमजोरी बहुत रहती है।

    - एक कारण खून की कमी हो सकती है। इसके कई कारण हैं। आप डाक्टर से दिखाकर कुछ लैब जांच कराएं। कोशिश करें कि फल व जूस का सेवन करें और दूध भी लें। लेकिन डाक्टर को जरूर दिखाएं। - मेरा नाम रेखा है। तीन माह से रक्त आता है।

    - हैरानी है कि आपने डाक्टर को नहीं दिखाया। मुझे लगता है आपकी नली में सूजन है और रसोली भी हो सकती है। इस सबकी जांच करनी होगी। अगर हमारे पास आ सकती हैं तो आ जाएं। किसी भी डाक्टर को दिखा लें। इसकी अधिक दिन अनदेखी ना करें।

    - मेरा नाम कंचन गुप्ता है। आयु 63 साल है। पेशाब में जलन रहती है।

    - आप शुगर की नियमित जांच कराएं। आपको इंफेक्शन होने की संभावना है। डाक्टर को दिखाएं। कुछ जांच की जाएगी और उसके बाद बीमारी की जानकारी मिल जाएगी। आप इसकी अनदेखी ना करें। क्योंकि आपको इंफेक्शन होने की अधिक संभावना है। कोशिश करें कि मसालेदार सब्जी ना खाएं। हरी सब्जी का अधिक सेवन करें। . मेरा नाम शांति व आयु 60 वर्ष है। पैरों में सूजन रहती है।

    - आप जांच कराएं। कैल्शियम की कमी हो सकती है या विटामिन-डी की कमी मिलेगी। जांच कराने से पता चलेगा। कोशिश करें सुबह जब सूरज निकलता है तो उस समय धूप में बैठें। अगर विटामिन-डी की कमी होगी, तो धूप में बैठने से अधिक लाभ मिलेगा। - डाक्टर साहब मेरा नाम रोहताश सिंह मुझे बवासीर की परेशानी है, क्या करें?

    जैसा कि आपने मुझे बताया कब्ज की शिकायत रहती है। पहले उसे दूर करें, इससे भी राहत नहीं मिले तो डाक्टर को दिखाएं। बवासीर की कई स्टेज होती है। दूरबीन से सर्जरी आसानी से की जाती है। चीरा भी नहीं लगता है। - मेरा नाम विजय कुमार है। मुझे अक्सर फिशर की शिकायत हो जाती है। बंगाली डाक्टर को दिखा लिया पर परेशानी नहीं दूर हुई। आपरेशन भी करा लिया।

    देखिए, फिशर की परेशानी तब होती जब पेट में अपच होती है। मल त्यागने पर जोर लगाने से परेशानी बढ़ जाती है। मैंने 98 प्रतिशत मरीज केवल दवा से ठीक किए हैं। आपरेशन तब किया जाता जब गंभीर हालत होती हैं। एक बार आप विशेषज्ञ डाक्टर से मिलें चाहे तो आप मुझसे भी मिल सकते हैं। दैनिक जागरण के हेलो जागरण कार्यक्रम से जुड़ने के चलते आपसे पहली बार ओपीडी की फीस भी नहीं ली जाएगी। इलाज संभव है निराश नहीं हों। - डाक्टर साहब मैंने बवासीर का कई साल तक बंगाली डाक्टर से कराया लेकिन लाभ नहीं मिला। अब तो बैठा भी नहीं जाता है।

    - जहां तक लगता है आपका इलाज ठीक से नहीं हुआ। धागा बांध देने से गांठ सही नहीं होती है। आपने जो लक्षण बताए उससे मुझे लगता है कि आपको इंटरनल पाइल्स की शिकायत है, जो ग्रेड-थ्री स्टेज पर है। एक बार देखने के बाद ही आगे की सलाह दे सकूंगा। फिलहाल पानी खूब पिएं, मसालेदार खाना न खाएं। सुबह-शाम टहलें। खीरा, पपीता का सेवन रोजाना करें। पेट में कब्ज न बनने दें।