Air Pollution: बच्चे-बुजुर्ग सबसे ज्यादा खतरे में... गुरुग्राम-मानेसर बना गैस चैंबर, किसे कितना परहेज करना होगा?
गुरुग्राम और मानेसर में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच गई है, जहां प्रदूषण सामान्य से सात गुना अधिक है। मानेसर का AQI 361 और गुरुग्राम का 320 दर्ज किया गया। डॉक्टरों ने सांस लेने में तकलीफ और एलर्जी की शिकायतों में वृद्धि बताई है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह हवा खतरनाक है। कचरा जलाने और धूल उड़ने से प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए एंटी-स्मॉग गन का उपयोग किया जा रहा है।
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सुबह के समय द्वारका एक्सप्रसे वे क्षेत्र इस तरह स्माग की चपेट में नजर आया। जागरण
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम और मानेसर में हवा लगातार ज़हरीली होती जा रही है। शुक्रवार को इलाके में हवा की क्वालिटी बहुत खराब लेवल पर रिकॉर्ड की गई। मानेसर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 361 पर पहुंच गया, जो गंभीर कैटेगरी के बहुत करीब है।
गुरुग्राम में सुबह 11 बजे तक AQI 320 रिकॉर्ड किया गया। शहर के दूसरे हिस्सों में भी हालात चिंताजनक थे। ग्वाल पहाड़ी में AQI 365, सेक्टर 51 में 298, तेरी गांव में 348 और विकास सदन इलाके में 267 था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि हवा में पॉल्यूटेंट नॉर्मल से सात गुना ज़्यादा हैं, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है।
हवा की क्वालिटी का सीधा असर लोगों की सांस लेने पर पड़ रहा है। हॉस्पिटल सांस लेने में तकलीफ, एलर्जी, आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतों में बढ़ोतरी बता रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी हवा खासकर बच्चों, बुजुर्गों, प्रेग्नेंट महिलाओं और अस्थमा या दिल के मरीजों के लिए खतरनाक है।
| AQI लेवल | श्रेणी | स्वास्थ्य पर प्रभाव |
|---|---|---|
| 0 - 50 | अच्छा | हवा की गुणवत्ता अच्छी है, कोई खतरा नहीं। सामान्य गतिविधियां जारी रखें। |
| 51 - 100 | संतोषजनक | हल्का असर हो सकता है। संवेदनशील लोगों (अस्थमा, हृदय रोगी) को सावधानी बरतनी चाहिए। |
| 101 - 200 | मध्यम (मॉडरेट) | सांस लेने में हल्की परेशानी, विशेष रूप से संवेदनशील लोगों को। |
| 201 - 300 | गंभीर (Poor) | खांसी, गले में जलन, सांस लेने में तकलीफ। लंबे समय तक बाहर रहने से बचें। |
| 301 - 400 | बहुत गंभीर (Very Poor) | गंभीर श्वास रोग, अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक। घर के अंदर रहें। |
| 400+ | गंभीर (Severe) | सामान्य लोगों के लिए भी खतरनाक। आपातकालीन स्थिति। सभी को घर के अंदर रहना चाहिए। |
कचरा जलना, धूल उड़ना
सड़कों पर जमा धूल हवा में उड़कर प्रदूषण को और बढ़ा रही है। कई जगहों पर नाली बनाने का काम भी चल रहा है, जिससे मिट्टी और कंक्रीट का मलबा खुले में पड़ा रहता है। मानेसर में इंडस्ट्रियल वेस्ट और कचरा जलाने की घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिससे हवा में ज़हरीला धुआं फैल रहा है। इंडस्ट्रियल एरिया होने की वजह से, कई फैक्ट्रियों से निकलने वाले एमिशन पर ठीक से नज़र नहीं रखी जाती है। इसके अलावा, गाड़ियों की बढ़ती संख्या और ट्रैफिक जाम भी प्रदूषण के लेवल को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं।
एंटी-स्मॉग गन
पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए, नगर निगम ने दस एंटी-स्मॉग गन लगाने का प्लान बनाया है। इनमें से तीन शुक्रवार को शहर में आ गईं, और खास जगहों पर पानी का छिड़काव शुरू हो गया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सभी दस मशीनें शहर की मुख्य सड़कों पर लगा दी जाएंगी। इनका इस्तेमाल खासकर उन इलाकों में किया जाएगा जहां धूल सबसे ज़्यादा होती है।
मानेसर में हालात और खराब
मानेसर में हवा की क्वालिटी गुरुग्राम से भी खराब है। इंडस्ट्रियल वेस्ट और कूड़ा जलाना पॉल्यूशन की मुख्य वजह बने हुए हैं। लोकल लोगों का कहना है कि कई जगहों पर रात में कूड़ा जलाया जाता है, और धुआं सुबह तक हवा में रहता है।
सावधानी बरतने की सलाह
हेल्थ एक्सपर्ट्स ने लोगों को बाहर जाते समय मास्क पहनने, सुबह और शाम की वॉक से बचने और घर में एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करने की सलाह दी है। बच्चों और बुजुर्गों से गैर-ज़रूरी बाहरी एक्टिविटीज़ से बचने की अपील की गई है। मानेसर और गुरुग्राम की लोकल बॉडीज़ ने दावा किया है कि पॉल्यूशन से राहत दिलाने के लिए आने वाले हफ्तों में रेगुलर इंस्पेक्शन और उपाय बढ़ाए जाएंगे।

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