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    आखिर कब सुधरेगी साइबर सिटी की ट्रैफिक व्यवस्था? काक्रोच की तरह सड़क पर खड़े रहते हैं ऑटो-टैक्सी

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 11:04 AM (IST)

    गुरुग्राम की ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है। शहर में ऑटो, टैक्सी सड़क पर मनमाने ढंग से खड़े रहते हैं, जिससे यातायात बाधित होता है। ट्रैफिक पुलिस प्रयास कर रही है, लेकिन जिला प्रशासन और नगर निगम के सहयोग के बिना सुधार मुश्किल है। ऑटो और टैक्सियों के लिए निर्धारित स्थान होने चाहिए और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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    जब जिला पुलिस स्थित गेट के सामने का हाल यह है तो आप सहज अंदाजा लगा सकते है बाकी सड़क की सड़को का क्या हाल होगा।

    संजय गुलाटी, गुरुग्राम। किसी भी शहर की खूबसूरती में ट्रैफिक सिस्टम का विशेष स्थान होता है। ट्रैफिक सिस्टम के अभाव में शहर का विकास नाकाफी नजर आता है। साइबर सिटी के साथ भी ऐसा ही है। यह सिटी गुडगांव से गुरुग्राम, साइबर सिटी, हाईटेक सिटी, मिलेनियम सिटी तो हो गई, लेकिन ट्रैफिक सिस्टम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

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    अगर दिया जा रहा होता तो शहर का यह हाल नहीं होता। ट्रैफिक सिस्टम के अभाव में शहर के कई इलाकों में यदि खुद के पास वाहन न तो पहुंचना मुश्किल है। कई इलाकों में ऑटो, टैक्सी, मिनी बसें काक्रोच की तरह दौड़ रहे या सड़क के बीच खड़े रहते हैं। इसमें ऑटो सबसे अधिक लोगों को आतंकित कर रही है।

    ऑटो चालक अपनी मनमर्जी के मालिक हैं इनका स्टैंड होने के बावजूद भी सड़क के बीच स्टैंड बना लेते हैं। कहीं भी ऑटो खड़ा करना जन्मसिद्ध अधिकार मान चुके हैं। उदाहरण फव्वारा चौक, महावीर चौक, जिला पुलिस लाइन, डाकघर चौक, बस स्टैंड , मिलेनियम सिटी मेट्रो स्टेशन, ओल्ड रेलवे रोड, न्यू रेलवे रोड, सेक्टर 34, हीरो होंडा चौक, सेक्टर दस चौक, राजीव चौक, के अलावा विभिन्न चौक पर देखा जा सकता है।

    इस दिशा में डीसीपी ट्रैफिक डॉ. राजेश मोहन अपनी गंभीरता दिखा तो रहे हैं लेकिन जब तक जिला प्रशासन, नगर निगम और जिम्मेदार विभाग का तालमेल स्थापित नहीं होगा तब तक व्यवस्था नहीं सुधर सकती।

    दैनिक जागरण का सुझाव

    ऑटो, टैक्सी, बसों के ठहराव के लिए स्थान निर्धारित हो चाहिए। निर्धारित स्थानों पर ही यात्रियों के बैठने की व्यवस्था हो चाहिए। शहर के सभी रूटों पर ऑटो, टैक्सी और बसों का संचालन सुनिश्चित होनी चाहिए। निर्धारित स्थानों पर दो मिनट से अधिक वाहनों का ठहराव नहीं होने चाहिए। साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।