गुरुग्राम: एक पोल पर तीन-तीन लाइटें, मेन रोड पर अंधेरा; बजट की खुली लूट
गुरुग्राम के बसई गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने में अनियमितता सामने आई है। मुख्य सड़कों पर अंधेरा है, जबकि गलियों में एक ही खंभे पर कई लाइटें लगाई गई हैं, जिससे बजट का दुरुपयोग हो रहा है। स्थानीय लोगों ने बिना योजना के लाइटें लगाने की शिकायत की है। निगम का कहना है कि शिकायतों की जांच की जाएगी और सुधार किया जाएगा।

गांव बसई में एक खंभे पर लगाई गई तीन स्ट्रीट लाइटें। जागरण
संदीप रतन, गुरुग्राम। बसई गांव में स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर बजट की बर्बादी हो रही है। हर पोल पर एक लाइट की जगह तीन स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं, जबकि मेन रोड पर ही अंधेरा रहता है। बसई में गुरुग्राम नगर निगम ने 50 पोल पर दो लाइट लगाई हैं। इसके अलावा, पांच पोल पर तो तीन-तीन लाइट लगा दी हैं। गांव की दूसरी गलियों और सड़कों पर भी अंधेरे की समस्या बनी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सालों के इंतजार के बाद अब बिना किसी प्लानिंग के हर जगह स्ट्रीट लाइट लगा दी गई हैं। पहले सर्वे होना चाहिए, उसके बाद जहां जरूरत हो वहां स्ट्रीट लाइट लगाई जानी चाहिए ताकि लोगों को सुविधा हो सके।
बता दें कि नगर निगम ने शहर में पहले ही 100,000 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट लगाई हैं। उन इलाकों और कॉलोनियों के अलावा जिन्हें बाद में नगर निगम में शामिल किया गया, अब उन इलाकों में स्ट्रीट लाइट लगाई जा रही हैं जहां जरूरत है। इसके अलावा, शहर में पुरानी स्ट्रीट लाइटों को भी बदलने की जरूरत है।
- शहर में 100,000 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट लगी हुई हैं। सिर्फ़ 20,000 लाइटें CCMS से जुड़ी हैं।
- 797 CCMS पैनल लगाए गए हैं।
- कॉर्पोरेशन ने हाल ही में 10,000 नई लाइटें लगाई हैं।
- 36 वार्ड नगर निगम एरिया में आते हैं।
पोल नहीं, दीवारों पर लाइटें लगी
गांव के कई हिस्सों में सरकारी स्ट्रीटलाइट का खुलेआम गलत इस्तेमाल किया गया है। जिन गलियों में पहले से अच्छी रोशनी थी, वहां और लाइटें लगा दी गईं। कुछ जगहों पर पोल न होने के बावजूद दीवारों पर लाइटें टांग दी गईं। हैरानी की बात है कि जिन मेन सड़कों पर लोगों और गाड़ियों का सबसे ज़्यादा आना-जाना होता है, वहां एक भी स्ट्रीटलाइट नहीं लगाई गई है। रात में इन सड़कों पर अंधेरा रहता है, जिससे एक्सीडेंट का खतरा बढ़ जाता है। यही हाल कई दूसरी गलियों का भी है, जहां अंधेरा लोगों की सेफ्टी के लिए एक चुनौती बन जाता है।
समस्या सिर्फ लाइटिंग की नहीं है, बल्कि खराब प्लानिंग का नतीजा है। गलियों में एक ही पोल पर तीन स्ट्रीटलाइटें लगा दी गईं। यह साफ़ तौर पर बजट की बर्बादी है।
-सुंदर कटारिया, बसई
मेन रोड पर पूरी तरह अंधेरा रहता है। वहां लाइट लगाने से लोगों को राहत ही मिलेगी। शाम ढलने के बाद अंधेरी गलियों में निकलना मुश्किल हो जाता है।
-बालकिशन, बसईदीवारों पर स्ट्रीट लाइट लगाना समझ से बाहर है। इससे एक्सीडेंट भी हो सकते हैं। बसई में पिछले कई महीनों से स्ट्रीट लाइट की मांग बढ़ रही है। लोगों को उम्मीद थी कि मेन सड़कों और अंधेरी गलियों में लाइटिंग को प्राथमिकता दी जाएगी, लेकिन निगम ने उन इलाकों पर ध्यान दिया जहां पहले से ही काफी लाइटिंग है।
-भूपेंद्र, बसई
बसई में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम चल रहा है। अगर एक ही पोल पर बहुत ज़्यादा लाइटें हैं या कोई लाइट गलत जगह पर है, तो इसकी जांच की जाएगी। हमारी कोशिश है कि पूरे इलाके में एक जैसी लाइटिंग हो। स्थानीय लोगों से शिकायत मिलने पर, ज़रूरी सुधार के लिए एक टीम भेजी जाएगी।
-सचिन यादव, XEN इलेक्ट्रिकल, नगर निगम, गुरुग्राम।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।