गुरुग्राम में सीवर वेस्ट को लेकर नगर निगम की सख्त चेतावनी, लापरवाही पर भवनों को तोड़ने की होगी कार्रवाई
गुरुग्राम नगर निगम ने सीवर वेस्ट प्रबंधन को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है। लापरवाही बरतने पर भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। निगम का उद्देश्य शहर को स्वच्छ रखना है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बार-बार चेतावनी के बावजूद सुधार न होने पर निगम भवनों को तोड़ने का आदेश जारी कर सकता है।

गुरुग्राम में सीवर वेस्ट बहाने पर भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। पीजी या अन्य तरह के कमर्शियल भवन मालिकों द्वारा अगर मुख्य ड्रेनों या प्राकृतिक क्रिक्स में सीवर वेस्ट बहाया तो भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम गुरुग्राम ने शहर में सिवरेज प्रबंधन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने चेतावनी दी है कि कोई भी नागरिक या संस्था अपने भवन से निकलने वाले अशुद्ध सीवर के गंदे पानी को सीधे नेचुरल क्रिक्स या मास्टर ड्रेन में नहीं डाल सकता।
यह निर्णय शुक्रवार को निगम कार्यालय में हुई सीवरेज प्रबंधन सेल की बैठक में लिया गया है। बैठक में बताया गया कि कुछ प्राकृतिक क्रिक्स के पास पीजी और अन्य व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं, जो अपने सीवर को सीधे क्रिक्स में डाल रही हैं। निगमायुक्त ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उन भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम शहर में स्वच्छ और प्रदूषण-मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। सीवरेज का सही प्रबंधन शहर की स्वच्छता और नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। सभी नागरिकों और संस्थानों से अनुरोध है कि वे अपने भवनों से निकलने वाले सीवर के पानी को उचित प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से ही निकालें।
छह महीने में काटेंगे कनेक्शन
सीवरेज प्रबंधन सेल (एसएमसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि मास्टर ड्रेन और नेचुरल क्रिक्स में अशोधित सीवरेज का डिस्चार्ज किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। बैठक में निर्देश दिए गए कि शहर में ऐसे सभी प्वाइंटकी सूची तैयार की जाए, जहां मास्टर ड्रेन या क्रिक्स में सीधे सीवरेज डिस्चार्ज हो रहा है। इसके लिए स्थायी समाधान योजना बनाई जाएगी और अगले छह महीने के भीतर इन सभी कनेक्शनों को पूरी तरह बंद किया जाएगा।
तीनों ड्रेन से काटेंगे कनेक्शन
इसके अतिरिक्त, लेग-1, लेग-2 और लेग-3 ड्रेन से जुड़े सभी अशोधित पानी डिस्चार्ज कनेक्शनों को भी हटाने का निर्णय लिया गया। नगर निगम ने नागरिकों से अपील की है कि वे अशोधित सीवरेज डिस्चार्ज रोकने में सहयोग करें और इस प्रकार की शिकायत के लिए एसएमसी को तुरंत सूचित करें। बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका और रविंद्र यादव, चीफ इंजीनियर विजय ढाका, तथा जीएमडीए, नगर निगम और एचएसआइआइडीसी के इंजीनियर उपस्थित थे।

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