सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल, एजेंसी पर जुर्माना और ब्लैक लिस्टेड
गुरुग्राम के मालीबू टाउन में सड़क निर्माण के बाद सड़क धंस गई। नगर निगम ने देशवाल कंस्ट्रक्शन एजेंसी पर घटिया सामग्री लगाने के कारण दस प्रतिशत जुर्माना लगाया और ब्लैक लिस्ट कर दिया। एजेंसी को गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने पर ब्लैकलिस्टिंग की चेतावनी दी गई है।

गुरुग्राम के मालीबू टाउन में सड़क निर्माण के बाद सड़क धंस गई।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। मालिबू टाउन क्षेत्र में एक सड़क निर्माण के कुछ समय बाद ही धंस गई। निगम ने देशवाल कंस्ट्रक्शन एजेंसी के खिलाफ चेतावनी जारी करते हुए उस पर दस प्रतिशत जुर्माना लगाया है और उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई त्रुटि या लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
मालिबू टाउन क्षेत्र में सड़कों की रीकार्पेटिंग के दौरान गुणवत्ता मानकों का पालन न करने पर निगम ने एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी पर दस प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है और उसे दोबारा गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, चेतावनी दी गई है कि यदि एजेंसी फिर भी लापरवाही बरतती रही, तो उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा और यह कार्य किसी अन्य एजेंसी को उसके स्वयं के जोखिम और लागत पर सौंपा जाएगा।
₹5.75 करोड़ की लागत
नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि मालिबू टाउन में सड़कों की रीकार्पेटिंग का कार्य देशवाल कंस्ट्रक्शन एजेंसी को दिया गया था, जिसकी लागत ₹5.75 करोड़ है। एजेंसी ने मानसून से पहले काम शुरू कर दिया था, लेकिन निरीक्षण में काम की गुणवत्ता असंतोषजनक पाई गई।
निगम ने एजेंसी को दोबारा काम करने के निर्देश दिए, लेकिन मानसून के बाद काम दोबारा शुरू होने पर भी गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं किया गया। नतीजतन, निगम ने कंपनी पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया है और अंतिम नोटिस जारी किया है।
नगर निगम की प्राथमिकता नागरिकों को बेहतर और टिकाऊ बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना है। किसी भी एजेंसी को लापरवाही नहीं बरतने दी जाएगी। गुणवत्ता से समझौता करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। सभी इंजीनियरों और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विकास कार्यों का नियमित निरीक्षण करें और यदि कोई अनियमितता या मानकों में कमी पाई जाती है, तो तत्काल रिपोर्ट तैयार करें और कार्रवाई सुनिश्चित करें।
प्रदीप दहिया, नगर आयुक्त, गुरुग्राम।
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