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    Gurugram Pollution: मानेसर में एक्यूआई 342 पहुंचा, सांसों में घुला जहर; हर दिन बढ़ रहा प्रदूषण का ग्राफ

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 11:42 PM (IST)

    गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, खासकर मानेसर में जहाँ AQI 342 दर्ज किया गया है। प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। अधिकारी प्रदूषण को कम करने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर है। डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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    मानेसर और गुरुग्राम की हवा लगातार बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। 

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। मानेसर और गुरुग्राम की हवा लगातार बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। मानेसर में सोमवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 342 और गुरुग्राम में 286 दर्ज किया गया। वातावरण में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ने का खतरा बढ़ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्तर लंबे समय तक बना रहा तो दमा, एलर्जी और फेफड़ों की कार्यक्षमता पर गंभीर प्रभाव देखे जा सकते हैं।

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    सुबह छह से नौ बजे और शाम सात बजे के बाद प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्य सड़कों पर धूल नियंत्रण के उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। निर्माण स्थलों पर कवरिंग और स्प्रिंकलिंग भी प्रभावी नहीं दिख रही। प्रशासनिक दावों के बावजूद प्रदूषण में गिरावट नहीं आ रही है।

    सुबह-शाम स्माग बढ़ने के कारण पार्कों में और सड़कों पर टहलने वालों की संख्या कम हो गई है। लोग आंखों में जलन, गले में खराश और सिर दर्द जैसी शिकायतें कर रहे हैं।

    यह हैं प्रदूषण के मुख्य कारण

    • मानेसर में इंडस्ट्रियल वेस्ट और कूड़ा जलाने की घटनाएं।
    • निर्माण स्थलों पर कवरिंग की कमी और वाहनों से उड़ती धूल।
    • टूटी सड़कों से रोड डस्ट का बार-बार उड़ना।
    • फैक्ट्रियों से नियंत्रित न होने वाला उत्सर्जन।
    • मौसम में नमी और हवा की कम रफ्तार से प्रदूषक जमीन पर जमा।

    चिकित्सकों ने दी सलाह

    • बच्चे, बुजुर्ग और दमा पीड़ित सुबह बाहर न निकलें।
    • सुबह की वाक से बचें, संभव हो तो दोपहर में ही बाहर जाएं।
    • बाहर निकलते समय मास्क पहनें।
    • घरों में वेंटिलेशन और एयर-प्यूरिफिकेशन का ध्यान रखें।

    इसलिए बढ़ रहा प्रदूषण

    • सीमित पानी का छिड़काव।
    • एंटी-स्माग गन कई स्थानों पर बंद।
    • कचरा जलाने पर रोक सिर्फ कागजों तक।
    • निर्माण स्थलों की मानीटरिंग कमजोर।
    • औद्योगिक क्षेत्रों में जांच और मानीटरिंग की कमी।