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    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री पर गुरुग्राम पुलिस की कड़ी नजर, नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 04:00 AM (IST)

    दिल्ली में धमाके के बाद, गुरुग्राम पुलिस पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री पर कड़ी नज़र रख रही है। पुलिस ने डीलरों और खरीदारों को नियमों का पालन करने के ...और पढ़ें

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    विकास अरोड़ा, पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। दिल्ली धमाके के बाद गुरुग्राम में भी पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री पर आरटीए विभाग के साथ-साथ पुलिस भी लगातार नजर रख रही है। पुलिस की कई टीमों ने मिलकर अलग-अलग क्षेत्र के डीलरों के साथ बैठक कर उन्हें इस बारे में निर्देशित किया कि वह जो भी वाहन बेचें, उसका रजिस्ट्रेशन खरीदने वाले के नाम पर जल्द से जल्द जरूर कराएं। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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    दिल्ली में जिस कार में 10 नवंबर की रात धमाका हुआ था, वह कार कई बार खरीदी और बेची जा चुकी थी। सबसे पहले उसे गुरुग्राम के शांति नगर में रहने वाले सलमान ने खरीदी थी। इसके बाद वह कई खरीदारों से हाेते हुए आतंकी तक पहुंची। कई बार आतंकी घटनाओं समेत अन्य बड़ी वारदातों में भी पुराने वाहनों का ही इस्तेमाल पाया जाता है।

    इसका कारण यह है कि पुराने वाहनों की खरीद बिक्री पर विभाग की नजर नहीं रहती और इसमें नियमों की अनदेखी का लाभ भी अपराधी उठा लेते हैं। सेंट्रल मोटर व्हीकल नियम के मुताबिक सेकेंड हैंड वाहनों की खरीद-बिक्री आरटीए की देखरेख में होनी चाहिए। लेकिन कई बार आरटीए और यातायात पुलिस की अनदेखी के कारण नियमों को ताक पर रखकर पुराने वाहन बेचे और खरीदे जाते हैं।

    कई जगहों पर खरीदे-बेचे जाते हैं पुराने वाहन

    गुरुग्राम में भी कई जगहें ऐसी हैं, जहां चौक-चौराहों पर पुराने वाहन बेचे और खरीदे जाते हैं। गुरुग्राम में बस स्टैंड, पुराना दिल्ली रोड, महरौली रोड, सेक्टर 14, व्यापार भवन, सेक्टर 12, सेक्टर 17, सेक्टर 23, सेक्टर 45 में पुराने वाहनों का बाजार सजता है। पुरानी गाड़ियों की खरीद और बिक्री के लिए नियम तय हैं।

    दोनों ही स्थिति में वाहन मालिक को आरटीए को इसकी सूचना देनी होती है। नियमों के मुताबिक खरीदार को वाहन को खुद के नाम पर ट्रांसफर कराना होता है। इसके लिए दोनों पक्षों को आरटीए दफ्तर पहुंचकर प्रक्रिया पूरी करनी होती है। यहां बकाया टैक्स की जांच, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीयन, आईडी प्रूफ के आधार पर आरटीए नाम ट्रांसफर की अनुमति देते हैं।

    बेचने वाले की जिम्मेदारी

    पुरानी गाड़ियों के लिए नाम ट्रांसफर कराने की जिम्मेदारी गाड़ी बेचने वालों की होती है। वाहन दुर्घटना, चोरी या अन्य किसी आपराधिक वारदात के दौरान वाहन पकड़े जाने पर पूरा दायित्व गाड़ी मालिक का ही होता है। आरटीए व यातायात पुलिस की अनदेखी से आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।

    पुलिस आयुक्त ने जारी किए निर्देश

    गुरुग्राम पुलिस ने शहर में पुरानी कारों की खरीद-बिक्री को लेकर भी सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। दिल्ली में हुए धमाके के बाद बीते दिनों पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा की तरफ से सभी जोन के डीसीपी को आदेश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पुरानी गाड़ियों की खरीद और बिक्री पर कड़ी नजर रखें।

    सभी थाना प्रभारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में वाहन लेन-देन गतिविधियों पर विशेष ध्यान रखें। इस कदम का उद्देश्य अवैध वाहन लेन-देन, आपराधिक गतिविधियों और वाहनों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाना है।



    पुलिस आरटीए अधिकारियों के साथ मिलकर शहर में पुराने वाहनों की खरीद बिक्री पर नजर रख रही है। पुराने वाहन डीलरों से भी इस बाबत बातचीत करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी से कहा गया है कि कार खरीदते और बेचते समय वेरिफिकेशन का सही तरीके से खयाल रखना है। कार खरीदने वालों के आधार कार्ड का एम एप से वेरिफिकेशन जरूरी है।

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    विकास अरोड़ा, पुलिस आयुक्त