नए गुरुग्राम और दिल्ली-जयपुर हाईवे पर खत्म होगा जलभराव, खेड़कीदौला टोल के पास बन रही नई ड्रेन
गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जलभराव की समस्या से निजात मिलने वाली है। खेड़कीदौला टोल प्लाजा के पास एक नई ड्रेन का निर्माण किया जा रहा है। इस ड् ...और पढ़ें
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खेड़कीदौला टोल प्लाजा के समीप निर्माणाधीन ड्रेन। जागरण
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। नए गुरुग्राम के सेक्टरों और दिल्ली-जयपुर हाईवे पर जलभराव की समस्या खत्म होने की उम्मीद है। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने मानसून के दौरान जलभराव की समस्या को रोकने के लिए सेक्टर 76 से 80 क्षेत्र में मास्टर स्टार्म वाटर ड्रेन के निर्माण का कार्य एजेंसी को सौंप दिया है।
लगभग 104.95 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली यह परियोजना जीएमडीए की गुरुग्राम–मानेसर शहरी क्षेत्र के लिए तैयार की गई समग्र मास्टर ड्रेनेज योजना का हिस्सा है। परियोजना के पूरा होने पर वर्षा जल की प्रभावी निकासी सुनिश्चित होगी और इस तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्र में प्रमुख सड़कों व सार्वजनिक अवसंरचना को दीर्घकालिक सुरक्षा मिलेगी।
कार्य की रूपरेखा प्राकृतिक ढाल को ध्यान में रखकर तैयार की गई है, ताकि वर्षा जल गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से सेंट्रल पेरिफेरल रोड (सीपीआर) और नर्दर्न पेरिफेरल रोड (एनपीआर) के साथ स्थित मौजूदा मास्टर ड्रेनों में आसानी से प्रवाहित हो सके। प्रस्तावित ड्रेनेज नेटवर्क एनएच-48 की सर्विस रोड और आसपास की सेक्टर सड़कों पर लंबे समय से बनी जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करेगा, जहां वर्तमान में समुचित जल निकासी व्यवस्था नहीं है।
दो चरणों में पूरी होगी परियोजना
चरण-एक सेक्टर 77 से 80 में तथा एनएच-48 यानी दिल्ली-जयपुर हाईवे पर रामपुरा चौक से लेकर खेड़की दौला के पास एनपीआर–एनएच-48 जंक्शन तक मास्टर ड्रेन का निर्माण किया जाएगा। इस चरण में लगभग 13.86 किलोमीटर लंबा मास्टर ड्रेनेज नेटवर्क बिछाया जाएगा।
चरण–दोसेक्टर 75ए-76 को विभाजित करने वाली सड़क तथा मानेसर से रामपुरा चौक तक मास्टर ड्रेन का निर्माण भूमि अधिग्रहण के बाद किया जाएगा। इस चरण में लगभग 4.52 किलोमीटर लंबा मास्टर ड्रेनेज नेटवर्क विकसित किया जाएगा। परियोजना को 30 महीनों यानी ढाई साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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