डॉक्टरों की हड़ताल का गुरुग्राम में दिखा मिला जुला असर, ओपीडी में कम पहुंचे मरीज
गुरुग्राम में डॉक्टरों की हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिला। हड़ताल के चलते ओपीडी सेवाओं पर असर पड़ा और मरीजों की संख्या में कमी आई। हालांकि, आपातक ...और पढ़ें
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जिला नागरिक अस्पताल में ओपीडी कक्ष के बाहर अपनी बारी के इंतजार में खड़े मरीज। जागरण
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। जिले में डॉक्टरों की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन स्वास्थ्य सेवाओं पर मिला जुला असर रहा। जिला नागरिक अस्पताल व पॉलीक्लिनिक सेक्टर 38 में हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव नहीं दिखा। यहां आइपीडी, ओपीडी, इमरजेंसी व सर्जरी समेत अन्य चिकित्सीय सेवाएं सुचारु रूप चलती रहीं।
जिले में 11 पोस्टमार्टम हुए, जिसमें 10 गुरुग्राम व एक सर्जरी सोहना में की गई। इसके अलावा दो चिकित्सको को चरखी दादरी में सेवाएं देने के लिए भी भेजा गया। हड़ताल के मद्देनजर जिले में कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिसमें सुबह 8 बजे सीएमओ डा. अलका सिंह की अगुवाई में तीन डिप्टी सीएमओ हर स्थिति पर नजर बनाए रहे। जिले में दोपहर बाद हड़ताल पर गए 18 चिकित्सक ड्यूटी पर लौट आए थे।
सेक्टर-10ए स्थित जिला नागरिक अस्पताल में आम दिनों की तुलना में सोमवार को मरीजों की अच्छी-खासी भीड़ रहती है, लेकिन हड़ताल की जानकारी मिलते ही मरीजों की संख्या कम रही। आम दिनों में औसतन 2300 की ओपीडी होती है जबकि सोमवार को ओपीडी 1976 और आइपीडी 69 रही।
जिला नागरिक अस्पताल के एसएमओ लोकवीर ने कहा कि अस्पताल में करीब 10 चिकित्सक हड़ताल में शामिल हुए। बाकी चिकित्सक अपनी ड्यूटी पर तैनात रहे। इसके अलावा छह सर्जरी और 10 प्रसव हुए जिसमे तीन सिजेरियन प्रसव व तीन सर्जरी आर्थो के मरीजों की हुईं। हड़ताल को लेकर करीब ढाई सौ मरीज उपचार के लिए अस्पताल कम आए। बाहर से कोई चिकित्सक उपचार के लिए नहीं बुलाए गए।
मरीज दीपेंद्र यादव, रमन, युवराज व शैली ने बताया कि सोशल मीडिया से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक दो दिन की हड़ताल पर होने की जानकारी मिली थी। दिक्क़त ज्यादा होने पर वह नागरिक अस्पताल उपचार के लिए पहुंचे, लेकिन जांच व अन्य सेवाओं में थोड़ी परेशानी रही। ओपीडी भी सुचारु रही और हर प्रकार की जांच के लिए चिकित्सकों की तैनाती की गई। सोमवार को ओपीडी में अधिकतर मरीज दवाएं और वैक्सीन लेने के लिए आए।
इस दौरान कोई आपातकालीन सेवा या मरीजों के साथ परेशानी नहीं दिखी। उधर संगठन का कहना है कि चिकित्सा अधिकारियों को लंबे समय से पदोन्नति नहीं दी जा रही है और इसके कारण वे बिना प्रमोशन के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। संगठन का कहना है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधी एसएमओ पद पर भर्ती करने के बजाय उन्हें सेवा में बनाए रखने के लिए विशेषज्ञ प्रोत्साहन, आयुष्मान प्रोत्साहन और वैकल्पिक एनपीए दिया जाना चाहिए।
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के 200 मीटर परिधि में धारा 163 लागू
एचसीएमएस के डाक्टर्स की हड़ताल के मद्देनजर जिले में सिविल अस्पताल, उप-मंडल अस्पतालों, पॉलीक्लिनिक, सीएचसी और पीएचसी के 200 मीटर के दायरे में 5 या उससे ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गई है। जिलाधीश द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि आशंका है कि ऐसी हड़ताल से जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं में रुकावट आ सकती है और इससे सार्वजनिक शांति में बाधा, अशांति और आम जनता को असुविधा हो सकती है।
स्वास्थ्य संस्थानों के बिना किसी रुकावट के काम करने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्काल उपाय के तहत यह आदेश हड़ताल जारी रहने तक प्रभावी रहेंगे। आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 व अन्य अधिनियम व नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
जिले के सभी अस्पतालों में हड़ताल को देखते हुए तैयारी की गई है। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। अस्पतालों में कोई असर नहीं दिखा और न ही मरीजों को परेशानी हुई।
- डॉ. अल्का सिंह, सीएमओ गुरुग्राम

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